Advertisement
असेसमेंट में शामिल नहीं हुए छात्र तो देना होगा शपथपत्र
सख्ती. अभिभावक बतायेंगे उनका बच्चा नहीं पढ़ता दूसरे स्कूल में हर महीने स्कूलों में बच्चों का मूल्यांकन होगा. इसके लिए माहवार शैक्षणिक कैलेंडर और प्रश्न पत्र तैयार कर लिये गये हैं. पटना : प्रदेश प्रारंभिक स्कूलों में क्लास एक से आठ तक के सभी बच्चों का असेसमेंट (मूल्यांकन) 26 अक्तूबर से शुरू हो रहा है […]
सख्ती. अभिभावक बतायेंगे उनका बच्चा नहीं पढ़ता दूसरे स्कूल में
हर महीने स्कूलों में बच्चों का मूल्यांकन होगा. इसके लिए माहवार शैक्षणिक कैलेंडर और प्रश्न पत्र तैयार कर लिये गये हैं.
पटना : प्रदेश प्रारंभिक स्कूलों में क्लास एक से आठ तक के सभी बच्चों का असेसमेंट (मूल्यांकन) 26 अक्तूबर से शुरू हो रहा है और 28 अक्तूबर तक चलेगा. इस अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन और मार्च महीने में होने वाली वार्षिक मूल्यांकन में अगर कोई छात्र या छात्रा शामिल नहीं होते हैं तो उन्हें क्लास में तो रोका नहीं जायेगा, लेकिन उनके अभिभावकों से स्व घोषणा पत्र लिया जायेगा कि उनका बच्चा किन कारणों से मूल्यांकन में शामिल नहीं हो सका. साथ ही वह किसी दूसरे स्कूल में नहीं पढ़ता है और अगले अससेमेंट में शामिल होगा. इसका एलान बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् के परियोजना निदेशक संजय सिंह ने की.
बीइपी कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि क्लास एक से आठ तक के बच्चों के मूल्यांकन की तैयारी पूरी कर ली गयी है. क्लास एक के बच्चों का जहां ओरल असेसमेंट होगा, वहीं क्लास दो से आठ तक के बच्चों का लिखित मूल्यांकन होगा. इसमें किसी बच्चे को पास या फेल या फिर क्लास में रोका नहीं जायेगा. मूल्यांकन का मूल उद्देश्य बच्चों की कमियों को जानना है, ताकि अगली क्लास में उसमें सुधार किया जा सके.
इससे शिक्षकों में भी जवाबदेही आयेगी और अभिभावकों की तरफ से भी जवाबदेही आयेगी तो शिक्षकों को परफॉर्म करना होगा. उन्होंने बताया कि छमाही मूल्यांकन स्कूलों में ही होगा और इसमें राज्यभर के 2.19 करोड़ बच्चे शामिल होंगे. स्कूलों की कॉपियों का मूल्यांकन संकुल संसाधन केंद्र पर होगी. साथ ही हर क्लास के एक बैच के लिए एक रजिस्टर होगा, जिसमें बच्चों का नाम होगा. उसके आगे छमाही, फिर वार्षिक का अंक दिया जायेगा.
यह रजिस्टर बच्चों के अगली क्लास में जाने के बाद उसके साथ ही जायेगा. जब तक वे स्कूल में रहेंगे तब तक हर क्लास का प्रदर्शन उसमें अंकित रहेगा. 26-28 अक्तूबर तक मूल्यांकन के बाद 29 अक्तूबर को सह शैक्षणिक गतिविधियों का मूल्यांकन किया जायेगा. इसमें संगीत, नृत्य, वाद-विवाद जैसे काम हो सकते हैं.
क्लास एक से आठ तक के बच्चों का मासिक असेसमेंट भी होगा. इसके लिए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् ने हर महीने पढ़ाये जाने वाले और उसके आधार पर प्रश्न पत्रों का बैंक तैयार कर लिया है. मूल्यांकन तक 2016 के नाम से स्कूलों के लिए तैयार शैक्षणिक कैलेंडर को जिलों को उपलब्ध कराया रहा है और उसे सभी स्कूलों को
दिया जायेगा. प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरएस. सिंह, रविशंकर सिंह, राजीव रंजन प्रसाद दीपक कुमार सिंह समेत अन्य मौजूद थे. बीइपी के परियोजना निदेशक संजय सिंह ने बताया कि हर महीने स्कूलों में क्या पढ़ाया जायेगा और जो प्रश्न पूछे जायेंगे उसके दो सेट मॉडल प्रश्न दिये गये हैं. छमाही परीक्षा के लिए पांच मॉडल प्रश्न और वार्षिक परीक्षा के लिए 10 मॉडल प्रश्न दिये गये हैं. स्कूलों में जून और दिसंबर महीने में मंथली असेसमेंट नहीं होगा, जबकि सितंबर व मार्च में अर्द्धवार्षिक व वार्षिक मूल्यांकन किया जायेगा. बांकि के महीनों में मासिक असेसमेंट होगा. मंथली असेसमेंट के प्रश्न ब्लैक बोर्ड में लिख दिये जायेंगे और बच्चों को अपनी कॉपियों में उसके उत्तर लिखने होंगे. इसका स्कूलों में कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जायेगा.
राज्य के सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम लागू किया जायेगा. इसके लिए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् ने तैयारी शुरू कर दी है. इसमें थर्ड पार्टी से बच्चों के नामों को कंप्यूटराइज किया जायेगा और उसे आधार कार्ड से भी लिंक किया जायेगा. जिन बच्चों का आधार कार्ड नहीं बना होगा उन्हें अलग से 12 अंकों का नंबर दिया जायेगा.
प्रारंभिक स्कूलों के बच्चों के अलावा हाइ-प्लस टू और प्राइवेट स्कूलों के बच्चों का डाटा बेस तैयार होगा और उन्हें ट्रैकिंग सिस्टम से जोड़ा जायेगा. इसमें 2.50 करोड़ से ज्यादा बच्चों को लिंक किया जायेगा. इससे एक बच्चा का आधार या दिये जाने वाले नंबर के आधार पर एक ही जगह नामांकन हो सकेगा. अगर कोई बच्चा दो स्कूलों में नामांकित है तो इसका पता चल जायेगा और जाली नामांकन पर पाबंदी लगेगी.
इस पर बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् ने जिलों को 35 बिंदुओं का एक फॉर्मेट भेज दिया है. इस फॉर्मेट को हर बच्चों को भरना होगा. बच्चे नाम, पता से लेकर आधार नंबर, बैंक एकाउंट, पिछले क्लास में कितने दिन उपस्थित थे, कितना नंबर आया, मोबाइल नंबर, इ-मेल आइडी समेत तमाम जानकारी ली जायेगी. इसे बच्चों का जो डाटा बेस तैयार होगा उसमें डाला जायेगा. अगर कोई बच्चा दो स्कूलों में नाम लिखाया होगा तो चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम से यह पता चल जायेगा.
बीइपी के अधिकारिक सूत्रों की माने तो लगातार सूचनाएं मिलती है कि कोई बच्चा सरकारी के साथ-साथ प्राइवेट स्कूलों में भी पढ़ता है. सरकारी स्कूलों में जहां वह योजनाओं का लाभ लेता है, लेकिन पढ़ाई प्राइवेट स्कूलों में करता है. इस पर पूरी तरह रोक लगायी जायेगी.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement