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अगले साल तक सौ टोलों में पहुंचेगा जल

पटना : राज्य के आर्सेनिक प्रभावित इलाके में घरों में नल से शुद्ध पानी मिलेगा. इसके लिए ट्रीटमेंट प्लांट लगा कर पानी आपूर्ति की व्यवस्था होगी. इस वित्तीय वर्ष में लगभग सौ टोलों के घरों में नल से पानी पहुंचाने का काम शुरू होगा. अगले साल दिसंबर तक घरों में नल से पानी मिलेगा. इस […]

पटना : राज्य के आर्सेनिक प्रभावित इलाके में घरों में नल से शुद्ध पानी मिलेगा. इसके लिए ट्रीटमेंट प्लांट लगा कर पानी आपूर्ति की व्यवस्था होगी. इस वित्तीय वर्ष में लगभग सौ टोलों के घरों में नल से पानी पहुंचाने का काम शुरू होगा. अगले साल दिसंबर तक घरों में नल से पानी मिलेगा. इस पर लगभग 42 करोड़ खर्च होंगे. सरकार के सात निश्चयों में शामिल मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजना के तहत दूषित पानी प्रभावित इलाके में घरों में नल से पानी पहुंचाया जायेगा. आर्सेनिक प्रभावित इलाके में नल से पानी पहुंचाने के लिए सरकार की स्वीकृति मिलने के बाद पीएचइडी विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है.
आर्सेनिक प्रभावित 961 टोलों के घरों में नल से पानी पहुंचाने के लिए 391 करोड़ की मंजूरी मिली है.मिली जानकारी के अनुसार विभाग पहले साल दस फीसदी लगभग सौ टोलों के घरों में नल से पानी पहुंचाने का काम करेगा. आर्सेनिक प्रभावित इलाके में पानी को शुद्ध कर नल से घरों में पानी मिलेगा. विभाग नल से पानी पहुंचाने का काम के लिए अगले माह तक टेंडर की प्रक्रिया शुरू करेगा. पाइप से पानी पहुंचाने के लिए काम करनेवाले कांट्रैक्टर का फाइनल दिसंबर के अंत तक या जनवरी तक कर लेने की संभावना है. जानकारों के अनुसार अगले साल दिसंबर तक सौ टोलों के घरों में नल सेपानी मिलेगा.
पीएचइडी विभाग आर्सेनिक प्रभावित 961 टोलों का सर्वे करा चुकी है. इन टोलों के घरों मेंनल से पानी पहुंचाने को लेकर विभाग प्रस्ताव तैयार कर चुकी है. राज्य के 13 जिले आर्सेनिक प्रभावित हैं.
इसमें सारण, वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, बक्सर, भोजपुर, पटना, बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर व कटिहार शामिल है. पहले साल सौ टोलों में नल से पानी पहुंचाने के लिए अगले साल जनवरी-फरवरी से काम शुरू होने की संभावना है. कांट्रैक्टर को एक साल में काम पूरा कर पानी आपूर्ति करना है. सभी घरों में नल से पानी पहुंचाने का काम अगले साल दिसंबर तक पूरा कर लेने की संभावना है. काम करनेवाले कांट्रैक्टर को पांच साल तक उसका रख-रखाव करना है.

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