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पटना के 378 मंदिरों की होगी चहारदीवारी
पटना : पटना जिले के 378 मंदिरों की सुरक्षा पुख्ता होगी. ऐसे मंदिर जो सार्वजनिक घोषित किये जा चुके हैं या फिर उनका 1960 के पहले निर्माण किया गया है और जिसे चहारदिवारी से नहीं घेरा गया है, वैसे मंदिरों को घेर कर सुरक्षित किया जायेगा. बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड ने अपनी सूची पटना के […]
पटना : पटना जिले के 378 मंदिरों की सुरक्षा पुख्ता होगी. ऐसे मंदिर जो सार्वजनिक घोषित किये जा चुके हैं या फिर उनका 1960 के पहले निर्माण किया गया है और जिसे चहारदिवारी से नहीं घेरा गया है, वैसे मंदिरों को घेर कर सुरक्षित किया जायेगा. बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड ने अपनी सूची पटना के डीएम को भेज दी है. इनमें मंदिरों की जमीन को अतिक्रमण से बचाने के लिए बाउंड्री बनाना जरूरी बताया गया है. सबसे पहले इन्हीं मंदिरों की बाउंड्री की जायेगी.
इसके बाद उन मंदिरों का भी बाउंड्री होगी, जो रजिस्टर्ड नहीं हैं. सर्वे का काम पूरा हो जाने पर मंदिरों के बाउंड्री करने का काम शुरू कर दिया जायेगा. सरकार के बिहार मंदिर चहारदिवारी निर्माण निधि योजना को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है. बिहार सरकार के विधि विभाग ने अधिसूचना जारी करते हुए इसे जिला पदाधिकारी सहित अन्य संबंधित पदाधिकारियों को इसकी सूचना दी थी. दरअसल, सरकार को लगातार यह सूचना प्राप्त हो रही थी कि मंदिरों से बहुमूल्य मूर्ति, मुकुट, छत्र, आभूषण आदि की चोरी में कोई कमी नहीं हो रही है. सरकार यह मान रही थी कि ऐसे मंदिर चहारदिवारी के अभाव में असुरक्षित रहते हैं.
क्या है सरकार की पूरी योजना
सरकार ने यह योजना किसी भी देवालय, मठ या कोई भी पूजा स्थल जिसे सार्वजनिक घोषित किया गया है. उसके तहत मंदिरों को इस योजना के तहत शामिल किया जायेगा. मंदिरों के लिए बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद से निबंधित होना आवश्यक बनाया गया है तथा मंदिरों को अपनी जमीन भी होना एक आवश्यक मापदंड है.
1960 से पहले के मंदिरों का होना जरूरी : इन दिनों ऐसे मंदिरों को वर्ष 1960 के पहले का निर्मित होना भी आवश्यक बनाया है अथवा ऐसे मंदिर जिसके निर्माण से बिहार में परिवर्तन की संभावना बढ़ती हो को शामिल किया गया है. जहां विधि व्यवस्था का प्रश्न उत्पन्न हो गया हो, उन मंदिरों को भी सरकार ने इस योजना के तहत शामिल करने का निर्णय लिया है. जिला स्तर पर मंदिरों को चहारदिवारी निर्माण के लिए उसका चयन जिलास्तरीय दो सदस्यीय कमेटी के द्वारा किया जायेगा. प्रत्येक जिला में कमेटी के अध्यक्ष जिला पदाधिकारी होंगे एवं उसके सदस्य सचिव आरक्षी अधीक्षक होंगे. चहारदिवारी निर्माण संबंधी प्रस्ताव बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद द्वारा जिले में भेजी जायेगी.
कौन होगी निर्माण एजेंसी?
मंदिरों के चहारदिवारी निर्माण का कार्य बिहार राज्य भवन निर्माण निगम द्वारा किया जायेगा. यह चहारदिवारी आठ फुट ऊंचाई की होगी. दो करोड़ से ऊपर तक की राशि प्राप्त हो सकती है. मंदिरों के चहारदिवारी निर्माण के लिए जिलास्तर पर गठित कमेटी को पचास लाख तक, दो करोड़ रुपये तक की राशि को प्रमंडलीय आयुक्त तथा दो करोड़ से ऊपर की राशि को सचिव सह विधि परामर्शी विधि विभाग बिहार पटना के प्रशासनिक स्वीकृति के लिए सक्षम पदाधिकारी बनाया गया है.
पटना के कौन-कौन से मुख्य मंदिर हैं शामिल?
शिव मंदिर व हनुमान मंदिर, रोड नंबर पांच, राजेंद्र नगर
महावीर मंदिर, इंडस्ट्रियल एरिया, पाटलिपुत्र
शिव मंदिर, चीना कोठी और यारपुर
उदासीन शाही संगत व देवी स्थान, पटना कॉलेज
शिव मंदिर, हार्डिंग रोड, जीपीओ
रामजानकी मंदिर मीठापुर
महावीर स्थान व शिव स्थान, नाला रोड
हनुमान मंदिर, दारोगा राय पथ, आर ब्लॉक आदि
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