पटना : पांच फरवरी, 2016 को फतुहा थाने के कच्ची दरगाह में हुए लोजपा नेता बृजनाथी सिंह हत्याकांड का मास्टरमाइंड रणविजय सिंह उर्फ बबलू सिंह अपने सहयोगी विश्व विजय सिंह के साथ पकड़ लिया गया. इन लोगों के पास से एक पिस्टल व दो जिंदा कारतूस भी बरामद किये गये हैं. बृजनाथी सिंह की हत्या […]
पटना : पांच फरवरी, 2016 को फतुहा थाने के कच्ची दरगाह में हुए लोजपा नेता बृजनाथी सिंह हत्याकांड का मास्टरमाइंड रणविजय सिंह उर्फ बबलू सिंह अपने सहयोगी विश्व विजय सिंह के साथ पकड़ लिया गया. इन लोगों के पास से एक पिस्टल व दो जिंदा कारतूस भी बरामद किये गये हैं. बृजनाथी सिंह की हत्या करने के बाद आरोपित सुबोध, सुनील, मुन्ना व अन्य सभी झारखंड भाग गये थे.
लेकिन, पुलिस ने इस हत्याकांड में रोशन कुमार, सुनील कुमार उर्फ भैसिया, सत्य प्रकाश उर्फ सत्या, गोरेलाल यादव, बुलकन राय, सुनील राय उर्फ लंगड़ा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. लेकिन, अभी भी इस घटना का एक और मास्टरमाइंड मुन्ना सिंह व पूर्व जिला पार्षद का पति सुबोध कुमार फरार है. पकड़े गये दोनों झारखंड से हाल में ही पटना आये थे और फतुहा व वैशाली इलाके में छुप कर रह रहे थे. एसएसपी मनु महाराज को इसकी जानकारी मिल गयी थी और फिर उनके नेतृत्व में पुलिस की टीम ने छापेमारी कर रणविजय व विश्व विजय सिंह को कच्ची दरगाह इलाके से पकड़ लिया. पकड़ा गया विश्व विजय सिंह वर्ष 2015 में हुए पैक्स अध्यक्ष मनोज सिंह हत्याकांड का भी आरोपित रहा है.
भून दिया गया था एके 47 से बृजनाथी सिंह राघोपुर के फतेहपुर गांव के रहनेवाले थे. उनका गांव के ही मुन्ना सिंह से काफी दिनों से विवाद चल रहा था. साथ ही बृजनाथी सिंह से सुबोध यादव की भी अदावत राजनैतिक कारणों से चल रही थी. बृजनाथी सिंह के भाई अमरनाथ सिंह की पत्नी मुन्नी देवी फिलहाल प्रखंड प्रमुख है. इस पद पर पहले राघोपुर के ही सुबोध राय की पत्नी अनिता देवी थी. लेकिन, सात साल पहले ही मुन्नी देवी प्रखंड प्रमुख बनायी गयी थी.
इसके बाद फिर से उन्हें प्रखंड प्रमुख बनाया गया था. प्रखंड प्रमुख बनवाने में बृजनाथी सिंह की अहम भूमिका थी. मुन्नी देवी को प्रखंड प्रमुख से हटवाने के लिए कई बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. लेकिन, हर बार अपने कद्दावर व समाजसेवी छवि के कारण बृजनाथी सिंह के विरोधियों को पटखनी देते रहे. जिसके कारण सुबोध सिंह की एक नहीं चल रही थी और वह भी अंदर-ही-अंदर दुश्मन बन बैठा था. इसके बाद सुबोध, मुन्ना व अन्य ने मिल कर योजना बनायी और राधोपुर से पटना स्थित आवास आने के
दौरान कच्ची दरगाह में एके-47 हथियार से बृजनाथी सिंह को गोलियों से भून दिया था.