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पेयजल जांच के लिए प्रयोगशालाएं बनेंगी स्टैंडर्ड
राष्ट्रीय स्तर की संस्था एनएबीएल से मिलेगी मान्यता पटना :मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के तहत राज्य में पेयजल गुणवत्ता की समस्या के निराकरण के लिए सभी जिलों में जल जांच प्रयोगशाला स्टैंडर्ड बनेंगे. जल जांच प्रयोगशाला को राष्ट्रीय स्तर की संस्था एनएबीएल से मान्यता दिलायी जायेगी. इसके लिए जल जांच प्रयोगशाला का सुदृढ़ीकरण होगा. […]
राष्ट्रीय स्तर की संस्था एनएबीएल से मिलेगी मान्यता
पटना :मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के तहत राज्य में पेयजल गुणवत्ता की समस्या के निराकरण के लिए सभी जिलों में जल जांच प्रयोगशाला स्टैंडर्ड बनेंगे. जल जांच प्रयोगशाला को राष्ट्रीय स्तर की संस्था एनएबीएल से मान्यता दिलायी जायेगी. इसके लिए जल जांच प्रयोगशाला का सुदृढ़ीकरण होगा. जल जांच प्रयोगशाला से जुड़े कर्मियों, केमिस्ट, प्रयोगशाला सहायक आदि के क्षमता को बढ़ाने के लिए उन्हें नियमित प्रशिक्षण देने का काम होगा. प्रयोगशाला के कर्मियों को जल गुणवत्ता जांच से संबंधित तमाम नयी तकनीक की जानकारी दी जायेगी, जिससे वे जल गुणवत्ता की जांच सही तरीके से हो सके.
राज्य में अभी पटना में एक राज्य स्तरीय रेफरल लैब है. यह लैब राष्ट्रीय स्तर की संस्था एनएबीएल से मान्यता प्राप्त है. निश्चय योजना के तहत ग्रामीण इलाके में लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पानी की जांच होगी. साल में दो बार पानी की गुणवत्ता की जांच करायी जायेगी. पानी की जांच जिला में स्थित जल जांच प्रयोगशाला में होगी.
सार्वजनिक जगहों पर उपलब्ध कराये जानेवाले पानी की जांच मानसून शुरू होने से पहले होगा. मानसून खत्म होने के बाद पुन: पानी की जांच होगी. पानी की जांच कर यह पता लगाया जायेगा कि जो पानी का उपयोग हो रहा है वह पीने के लायक है या नहीं. प्रयोगशाला में पानी की जांच के बाद आनेवाले परिणाम की जानकारी सार्वजनिक तौर पर लोगों को दी जायेगी. ताकि आम लोगों के लिए जलापूर्ति व्यवस्था की गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके. विकसित बिहार के लिए सात निश्चयों के अंतर्गत फ्लोराइड, आर्सेनिक व आयरन से प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जल गुणवत्ता की जांच होना है.
विभाग पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए लोक स्वास्थ्य अवर प्रमंडल में जल जांच प्रयोगशाला स्थापित करेगी. सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में सार्वजनिक पेयजल स्रोत की गुणवत्ता जांच के लिए चलंत जल जांच प्रयोगशाला सभी कार्य अंचलों में उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है. पीएचइडी विभाग चार प्रक्षेत्र स्तर पर चलंत जल जांच प्रयोगशाला के माध्यम से पेयजल गुणवत्ता की जांच कराती है. चलंत जल जांच प्रयोगशाला सुदूर गांव में जाकर जल गुणवत्ता की जांच सुनिश्चितकरती है.
ग्रामीण क्षेत्रों के निजी जल स्रोतों की जांच के लिए शुल्क आधारित व्यवस्था विकसित होगी फ्लोराइड ग्रस्त ग्रामीण टोलों में समुदाय संचालित जल गुणवत्ता जांच केंद्र स्थापित होगा. जल गुणवत्ता जांच की रिपोर्ट को आमजनों के लिए उपलब्ध कराने हेतु अन्य संचार माध्यमों के अलावा वेब आधारित एमआइएस का विकास किया जायेगा. हाल ही में जल जांच प्रयोगशाला के कर्मियों के लिए कार्यशाला आयोजित कर उसे प्रशिक्षण दिया गया. कार्यशाला में कर्मियों को जल गुणवत्ता की जांच के लिए नयी तकनीक के बारे में बताया गया.
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