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एमबीबीएस की पढ़ाई अगले सत्र में भी नहीं हो सकेगी

पांच नये मेडिकल कॉलेजों की घोषणा के बाद भी अभी तक काम आगे नहीं बढ़ पाया पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राज्य में पांच नये मेडिकल कॉलेजों की घोषणा के बाद अभी तक इस दिशा में काम आगे नहीं बढ़ पाया है. स्वास्थ्य विभाग की सुस्ती के कारण अभी तक इन कॉलेजों के लिए […]

पांच नये मेडिकल कॉलेजों की घोषणा के बाद भी अभी तक काम आगे नहीं बढ़ पाया
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राज्य में पांच नये मेडिकल कॉलेजों की घोषणा के बाद अभी तक इस दिशा में काम आगे नहीं बढ़ पाया है. स्वास्थ्य विभाग की सुस्ती के कारण अभी तक इन कॉलेजों के लिए पदों की स्वीकृति का काम भी नहीं कराया जा सका है. मुख्यमंत्री ने राज्य में बेगूसराय, मधुबनी, सीतामढ़ी, महुआ (वैशाली) और आरा में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की घोषणा की है.
नये मेडिकल कॉलेजों के लिए जिला प्रशासन ने जमीन उपलब्ध करा दिया है, लेकिन एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हो इसके प्रयास नहीं हो पा रहे. इसके चलते अगले शैक्षणिक सत्र 2017-18 में एमबीबीएस के प्रथम वर्ष में नामांकन की संभावना क्षीण दिखती है. अधिकारियों ने मेडिकल कॉलेज की स्थापना का काम तेजी से आगे बढ़ाया होता तो पहले से ही डॉक्टरों की कमी झेल रहे प्रदेश को अगले सत्र से एमबीबीएस की पांच सौ अतिरिक्त सीटें बढ़ सकती थी. इसके अलावा पूर्व घोषित मधेपुरा मेडिकल कॉलेज, समस्तीपुर, पूर्णिया और छपरा में नये मेडिकल कॉलेजों के स्थापना की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी है.
इन मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की कम से कम सौ-सौ सीटों पर पढ़ाई प्रस्तावित है. नये मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए राज्य मंत्रिपरिषद ने 19 फरवरी 2016 को इस पर मुहर लगायी थी. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों से 20 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. जिलाधिकारियों द्वारा संबंधित जिले में 20-20 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने की सूचना विभाग को भेज दी है. इसके बाद विभाग की जिम्मेवारी है कि वह इन नये प्रस्तावित मेडिकल कॉलेजों के लिए शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक पदों का सृजन का काम आरंभ करे.
अभी तक इन पांचों मेडिकल कॉलेजों के लिए पदों का सृजन होना शेष है.पूर्व घोषित मधेपुरा, समस्तीपुर, छपरा और पूर्णिया मेडिकल कॉलेज की स्थापना भी है लंबित इसके पहल वर्ष 2006-07 में मुख्यमंत्री ने राज्य में मधेपुरा, समस्तीपुर, छपरा और पूर्णिया में चार नये मेडिकल कॉलेजों के स्थापना की घोषणा की थी. उसके लिए पदों के सृजन के बाद संबंधित जिला के सदर अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज के साथ संबद्ध करके शैक्षणिक कार्य आरंभ कराया गया था.
अभी जिन जिलों में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की गयी है वहां के सदर अस्पतालों को मेडिकल कॉलेजों के साथ संबद्ध करके मेडिकल कॉलेज में नामांकन के लिए आवेदन की प्रक्रिया आरंभ करनी पड़ेगी. इसके लिए सरकार को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के पास आवेदन देकर नये सत्र में शैक्षणिक कार्य के लिए निरीक्षण कराना होगा.
अभी तक जमीन से आगे की प्रक्रिया नहीं बढ़ सकी है. इस मामले में विभाग के पदाधिकारियों का कहना है कि इस वित्तीय वर्ष में यह काम नहीं होना है. खुद इस मामले में मुख्यमंत्री मॉनीटरिंग कर रहे हैं. समय के अनुसार कार्य को आगे बढ़ाया जायेगा. इसके पूर्व भी राज्य में तीन नये मेडिकल कॉलेजों के लिए जमीन चिह्नित कर ली गयी है.
वहां पर पदों का सृजन भी हो चुका है. पर विभाग की प्राथमिकता में शामिल नहीं होने के कारण कॉलेज की स्थापना का कार्य आगे नहीं बढ़ रहा है. विभाग इस मामले में पहल करे तो राज्य में तत्काल एमबीबीएस की 900 सीटोंं का इजाफा हो जायेगा. इसमें पांच नये मेडिकल कॉलेजों के अलावा पूर्व में घोषित की तैयारी की जा रही है.

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