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सुप्रीम कोर्ट ने राजवल्लभ से पूछा, बेल क्यों न रद्द कर दी जाये
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने राजद के निलंबित विधायक राजवल्लभ प्रसाद से बिहार सरकार की उस याचिका पर शुक्रवार को जवाब मांगा, जिसमें पटना हाइकोर्ट द्वारा उन्हें जमानत दिये जाने के फैसले को चुनौती दी गयी है. राजवल्लभ नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोप में मुकदमे का सामना कर रहे हैं. न्यायमूर्ति एके सीकरी […]
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने राजद के निलंबित विधायक राजवल्लभ प्रसाद से बिहार सरकार की उस याचिका पर शुक्रवार को जवाब मांगा, जिसमें पटना हाइकोर्ट द्वारा उन्हें जमानत दिये जाने के फैसले को चुनौती दी गयी है. राजवल्लभ नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोप में मुकदमे का सामना कर रहे हैं. न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति एनवी रमण के पीठ ने मामले की अगली सुनवाईकी तारीख 17 अक्तूबर तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश राजवल्लभ को दिया. बिहार सरकार के वकील गोपाल सिंह ने पीठ से अनुरोध किया कि वह हाइकोर्ट के आदेश पर रोक लगाये. उन्होंने यह भी कहा कि निचली अदालत कथित पीड़िता का बयान दर्ज कर रही है.
पटना हाइकोर्ट ने इस तरह के जघन्य अपराध के मामले में राजवल्लभ को जमानत देकर गलती की. हालांकि, पीठ ने आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. पीठ ने कहा, ‘हमने आपसे पूछे बिना नोटिस जारी किया है.’ राजवल्लभ ने इस साल छह फरवरी को बिहारशरीफ में अपने आवास पर कथित तौर पर नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म किया था. लंबे समय तक वह गिरफ्तारी से बचते रहे और जब स्थानीय कोर्ट ने उन्हें भगोड़ा करार दिये जाने के लिए नोटिस जारी किया, तो उन्होंने आत्मसमर्पण किया था.
बिहार पुलिस ने अपने आरोप पत्र में एक महिला और उसके रिश्तेदारों को भी इस आधार पर नामजद किया है कि वो नवादा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले राजवल्लभ को महिलाओं और लड़कियों की आपूर्ति करते थे. राजद ने राजवल्लभ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किये जाने के एक दिन बाद 14 फरवरी को उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था.
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