मैट्रिक और इंटर की उत्तरपुस्तिका में उत्तर के अलावा कुछ भी न लिखें
पटना : मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा के दौरान उत्तरपुस्तिका में पैसे डालने, शिक्षकों से अंक बढ़ाने के लिए कृपया व धन्यवाद जैसे शब्द लिखने वाले परीक्षार्थी सावधान हो जायें. क्योंकि, उत्तरपुस्तिका में इस तरह की चीजें पकड़ में आयेंगी, तो उनके अंक कट जायेंगे. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा कंपार्टमेंटल परीक्षा के साथ ही 2017 में होने वाली वार्षिक परीक्षा में यह व्यवस्था लागू हो जायेगी. समिति सूत्रों की मानें तो उत्तरपुस्तिका के साथ जो भी परीक्षार्थी छेड़छाड़ करेंगे उनके अंक कट जायेंगे. इसके लिए जल्द ही समिति की ओर से गाइड लाइन जारी की जायेगी.
उत्तरपुस्तिका में जो भी उत्तर लिखा रहेगा, उसे कंप्यूटर तुरंत पढ़ लेगा. अगर कुछ एक्स्ट्रा लिखा रहेगा, तो ऐसी उत्तरपुस्तिका को पढ़ने में कंप्यूटर कंफ्यूज्ड कर जायेगा. इससे उन उत्तरपुस्तिका को कंप्यूटर एक्सेप्ट नहीं करेगा. ऐसे में उत्तरपुस्तिका की साॅफ्ट कॉपी की जांच में परेशानी होगी. बोर्ड की मानें तो इस बार कंप्यूटर से मूल्यांकन किया जायेगा. इस कारण कंप्यूटर केवल उन्हीं उत्तरपुस्तिका को एक्सेप्ट करेगा, जिसमें केवल उत्तर लिखे होंगे.
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि उत्तरपुस्तिका को लेकर पूरी एहतियात बरती जायेगी. उत्तरपुस्तिका में छात्र कुछ न डालें, इसके लिए छात्रों को निर्देश दिये जायेंगे. क्योंकि, इससे मूल्यांकन में दिक्कतें आ सकती हैं.
मैट्रिक परीक्षार्थी करते हैं गलतियां
समिति की मानें तो इंटर के परीक्षार्थी इस तरह की गलतियां कम करते हैं. मैट्रिक की परीक्षा में इस तरह के केस अधिक पाये जाते हैं. उत्तरपुस्तिका में सौ रुपये से लेकर पांच सौ रुपये तक परीक्षार्थी डाल देते है. लेकिन, अब तक उत्तरपुस्तिका की जांच मैनुअल होती थी. पर, इस बार कंप्यूटर से जांच होगी, इसलिए परेशानी बढ़ सकती है. बोर्ड की मानें तो मैट्रिक में हर साल एक हजार से लेकर पांच हजार तक ऐसी उत्तरपुस्तिकाएं होती हैं, जिसमें पैसे डाले होते हैं.
स्कैनिंग से पकड़ायेगा
इस बार सारी उत्तरपुस्तिकाओं का स्कैैनिंग किया जाना है. उत्तरपुस्तिका स्कैनिंग के दौरान इसे अासानी से पकड़ा जा सकेगा. समिति के अनुसार जो भी उत्तरपुस्तिका में इस तरह की बातें लिखी पायी जायेंगी, उन उत्तरपुस्तिकाओं की स्कैन कॉपी की जांच अलग से होगी. समिति ने छात्रों को अगाह किया है कि इस तरह की हरकतें न करें.कई बार उत्तरपुस्तिका में छात्र पैसे डाल देते हैं.
इसका मकसद अंक बढ़वाना होता है. छात्रों को लगता है कि शिक्षक को पैसे मिलेंगे, तो वो उन्हें अंक अधिक देंगे. समिति की मानें तो हर साल सैकड़ों एेसे मामले आते हैं. 2016 की मैट्रिक परीक्षा में 1500 कॉपियों से पैसे मिले थे. यह जानकारी समिति को संबंधित शिक्षकों से मिली थी. चुकी इस बार सीसीटीवी कैमरे भी लगा हुए थे, इस कारण शिक्षकों ने समिति कार्यालय को यह जानकारी दी थी.