पटना: बंदर बगीचा स्थित निर्माणाधीन नूतन प्लाजा अपार्टमेंट के तीन ऊपरी फ्लोर टूटेंगे. इसके साथ ही बायलॉज का उल्लंघन कर बनाये गये बेसमेंट व सेट बैक एरिया को भी ध्वस्त किया जायेगा. नगर आयुक्त कुलदीप नारायण ने निगरानीवाद की सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया. आदेश में कहा गया है कि अगर बिल्डर 30 दिनों के भीतर खुद अवैध निर्माण ध्वस्त नहीं करेंगे, तो निगम उसे ध्वस्त कर खर्च होनेवाली राशि वसूल करेगा. हालांकि, बिल्डर को भवन अपीलीय प्राधिकरण में अपील करने की छूट दी गयी है.
चोरी-छिपे निर्माण : मामला वर्ष 2007 से ही चल रहा है, लेकिन इसमें निगरानी जांच के बाद 5 अक्तूबर, 2013 को वाद की शुरुआत हुई. इसके बाद से ही निर्माण कार्य बंद है. बीच में चोरी-छिपे निर्माण कार्य कराये जाने पर कोतवाली थाने में प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी. नगर आयुक्त के आदेश में कोर्ट को भी गुमराह करने का आरोप लगाया गया है.
पूरब की सड़क के लिए नक्शे में चौड़ीकरण प्रावधान नहीं
उत्तर में सड़क की चौड़ाई भी कम
भवन की वास्तविक ऊंचाई नक्शे से 3.72 मीटर अधिक
सेटबैक के खुले हिस्से का भू-भाग समतल नहीं है.
पूरब की तरफ बेसमेंट में जाने के रैंप व उसके कवर्ड स्ट्रक्चर को समाप्त कर दिया गया है. कवर्ड स्ट्रक्चर के दक्षिणी हिस्से में भूतल पर खुला स्टील स्टेयर है.
एयरपोर्ट ऑथोरिटी से नहीं लिया गया है एनओसी
द्वितीय पुनरीक्षण के बाद दो नये तल्ले का निर्माण किया गया.
रोक के बाद भी बना ली बहुमंजिली इमारत
पटना हाइकोर्ट की रोक के बावजूद राजधानी में 86 गृह निर्माण समितियों ने बहुमंजिली इमारतों का निर्माण करा लिया. न्यायाधीश नवीन सिन्हा व विकास जैन के खंडपीठ में नरेंद्र मिश्र की लोकहित याचिका की सुनवाई के दौरान यह खुलासा हुआ. कोर्ट ने नगर निगम के तीन अधिकारियों नूतन राजधानी अंचल के कार्यपालक अभियंता शशांक शेखर, सहायक अभियंता वीरेंद्र कुमार व कनीय अभियंता दीनानाथ शर्मा को कार्रवाई के लिए चिह्न्ति किया है. खंडपीठ ने सहकारिता विभाग के अधिकारियों को इन सोसायटी पर कार्रवाई नहीं करने पर फटकार भी लगायी.