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20 दिन बाद शहाबुद्दीन फिर गये जेल के अंदर
गवाह हत्याकांड. सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की जमानत, सरेंडर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शहाबुद्दीन ने तुरंत सरेंडर कर दिया. उनके िखलाफ अभी कई मामले कोर्ट में लंिबत हैं. सीवान/नयी दिल्ली : हत्या के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत रद्द किये जाने के बाद राजद के बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन शुक्रवार को […]
गवाह हत्याकांड. सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की जमानत, सरेंडर
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शहाबुद्दीन ने तुरंत सरेंडर कर दिया. उनके िखलाफ अभी कई मामले कोर्ट में लंिबत हैं.
सीवान/नयी दिल्ली : हत्या के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत रद्द किये जाने के बाद राजद के बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन शुक्रवार को 20 दिन बाद वापस सलाखों के पीछे पहुंच गये. उन्हाेंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके समर्थक उन्हें सबक सिखायेंगे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कुछ घंटों बाद शहाबुद्दीन ने न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी संदीप कुमार की अदालत के सामने आत्मसमर्पण किया. शहाबुद्दीन 11 साल जेल में रहने के बाद 10 सितंबर को जेल से बाहर निकले थे.
शहाबुद्दीन ने अदालत परिसर में अपने समर्थकों के बीच कहा कि मेरे समर्थक अगले चुनाव में नीतीश कुमार को सबक सिखायेंगे. उन्हाेंने अदालत में पेश होने से पहले संवाददाताओं से कहा कि मैं उस सच के साथ खड़ा हूं, जो मैंने उनके बारे में कहा था कि वे परिस्थितियों के मुख्यमंत्री हैं.
मुझे आज सच बोलने में कोई दिक्कत नहीं है. सीजेएम अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा. जिला मजिस्ट्रेट महेंद्र कुमार और पुलिस अधीक्षक सौरभ कुमार के नेतृत्व में जिला पुलिस ने शहाबुद्दीन को हिरासत में लिया. इसके बाद उन्हें सीवान संभागीय जेल ले जाया गया. इससे पहले डीएम और एसपी के नेतृत्व में जिला प्रशासन शीर्ष अदालत के आदेश के अनुरूप उन्हें हिरासत में लेने उनके प्रतापपुर गांव स्थित शहाबुद्दीन के घर पहुंचा, लेकिन सफल नहीं हो सका. अदालत में शहाबुद्दीन की मौजूदगी की खबर फैलते ही वहां बड़ी संख्या में उनके समर्थक एकत्रित हो गये.
राजद नेता के खिलाफ 36 आपराधिक मामले दर्ज हैं. पटना हाइकोर्ट ने सात सितंबर को उनकी जमानत मंजूर की थी. यह मामला 2014 में राजीव रोशन की हत्या से जुड़ा है, जो दस साल पहले सीवान में तेजाब डाल कर उनके दो भाइयों की बर्बर हत्या के मामले में गवाह थे. सीवान के चंदा बाबू तथा बिहार सरकार ने अलग-अलग याचिका दायर कर हाइकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करने की अपील की थी.
इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के एक मामले में जमानत देने का पटना हाइकोर्ट का आदेश शुक्रवार को निरस्त करते हुए उन्हें ‘तत्काल’ समर्पण करने या फिर बिहार पुलिस को उसे तुरंत हिरासत में लेने का आदेश दिया. न्यायमूर्ति पीसी घोष और न्यायमूर्ति अमिताव राय की पीठ ने बिहार सरकार और निचली अदालत को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि राजीव रोशन हत्याकांड के मुकदमे की सुनवाई कानून के प्रावधानों के तहत शीघ्र पूरी हो. शहाबुद्दीन को दोहरे हत्याकांड में उम्र कैद की सजा मिल चुकी है, जबकि पटना उच्च न्यायालय ने इस मामले में उन्हें जमानत भी दे दी है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आज सीवान में हाइ अलर्ट घोषित कर दिया गया. सीवान में मारे गये तीन भाइयों के पिता के आवास व अन्य संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गयी है. मारे गये भाइयों के पिता चंदेश्वर प्रसाद ने न्याय दिलाने पर हाथ जोड़कर शीर्ष अदालत का आभार प्रकट किया. उनकी बीमार पत्नी कलावती देवी ने भी न्याय देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का आभार प्रकट किया.
पूर्व सांसद ने कहा – हमारे समर्थक सिखायेंगे सबकपुलिस से नजर बचा कर बुलेट से कोर्ट गये
सीवान : सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शहाबुद्दीन की गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रतापपुर जाने की तैयारी में जुटी थी कि अचानक पूर्व सांसद के बुलेट से आत्मसमर्पण के लिए कोर्ट में हाजिर हो जाने की खबर मिली. पुलिस व समर्थकों से नजर बचा कर मो शहाबुद्दीन के कोर्ट में पहुंचने की सूचना पर हर कोई हैरत में था.
जमानत रद्द होने की खबर मिलते ही वे अपने समर्थक श्रीनगर निवासी गुड्डु यादव के बुलेट से प्रतापपुर स्थित घर से कोर्ट के लिए रवाना हो गये. सफेद टी-शर्ट व नीले रंग की जींस पहने शहाबुद्दीन बुलेट से व्यवहार न्यायालय के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी संदीप कुमार की अदालत में पहुंचे. पूर्व सांसद के करीबियों का कहना है कि समर्थकों के आक्रोश की आशंका के चलते खुद ही उन्होंने यह फैसला लिया.
भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं: चंदा बाबू
सीवान : चंदा बाबू ने कहा कि भगवान के घर में देर हैं अंधेर नहीं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अब उम्मीद जगी है कि उनको न्याय मिलेगा. उन्होंने कहा कि तीन बेटों को खोने के बाद लड़ने की क्षमता कम हो गयी थी.
जमानत मिलने के बाद जब पूर्व सांसद जेल से बाहर आये, तो वह लोग काफी दहशत में थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की ओर से जमानत रद्द किये जाने के बाद इंसाफ की उम्मीद दिखाई दे रही है. चंदा बाबू की पत्नी कलावती देवी ने कहा कि शहाबुद्दीन ने जैसा कर्म किया है, उसी का फल उन्हें मिल रहा है. हम लोग तो भगवान के भरोसे जी रहे थे.
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