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निगम ने पॉलीथिन मुक्त पटना के लिए मांगे 30 कार्य दिवस

हाइकोर्ट. सरकार को जरूरी पुलिस बल देने का निर्देश पटना : पटना उच्च न्यायालय ने राजधानी को पॉलीथिन मुक्त बनाने के लिए राज्य सरकार को कहा है कि वह पटना नगर निगम को पर्याप्त संख्या में पुलिस बल मुहैया कराये. मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और जस्टिस डाॅ रवि रंजन की कोर्ट ने नगर निगम […]

हाइकोर्ट. सरकार को जरूरी पुलिस बल देने का निर्देश
पटना : पटना उच्च न्यायालय ने राजधानी को पॉलीथिन मुक्त बनाने के लिए राज्य सरकार को कहा है कि वह पटना नगर निगम को पर्याप्त संख्या में पुलिस बल मुहैया कराये. मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और जस्टिस डाॅ रवि रंजन की कोर्ट ने नगर निगम की गुहार पर सरकार को यह निर्देश दिया.
इसके पहले राजधानी को पॉलीथिन मुक्त बनाने को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान निगम को कड़ी फटकार लगायी. जवाब में निगम ने कहा कि उसे इस कार्य के लिए तीस कार्य दिवस चाहिए और पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की भी जरूरत है. दूसरी ओर याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि काेर्ट ने पूर्व में ही राजधानी को पॉलीथिन मुक्त बनाने के आदेश दे चुकी है. इसके बावजूद अब तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है.
रोजाना 40 पुलिस जरूरी
नगर निगम चार अंचलों में बंटा है. एक अंचल में कम-से-कम 10 पुलिस बल व एक दंडाधिकारी की रोजाना जरूरत है. इस तरह निगम को चार दंडाधिकारी व 40 पुलिस बल चाहिए. लगातार 31 दिनों की कार्ययोजना बना कर अभियान चलाया जायेगा. चारों अंचल में एक-एक टीम गठित की जायेगी और पॉलीथिन का उपयोग करनेवाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
पटना : पटना उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से पूछा है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की कक्षा में नामांकन के लिए काउंसेलिंग कब से शुरू किया जायेगा.
जस्टिस एके त्रिपाठी की कोर्ट ने बुधवार को अंकित राज की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को गुरुवार को जवाब देने को कहा. कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को जवाबी हलफनामा दायर कर पूरी जानकारी देने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की सीटों पर नामांकन के लिए बीसीइसीइ को ही काउंसेलिंग लेने का आदेश दिया है.
अब तक प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों के लिए काउंसेलिंग शुरू नहीं हो पायी है. इससे कई छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया. इसलिए नीट में सफल कुछ आवेदकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने पटना उच्च न्यायालय को ही कार्रवाई और मॉनीटरिंग को कहा है. गौरतलब है कि इस बार के मेडिकल कॉलेज में नामांकन के लिए नेशनल एलीजिबिलिटी इंट्रांस टेस्ट नीट ने परीक्षा आयोजित की है.

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