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56 जेलों में शुरू होगी इ-प्रिजन योजना
25 अक्तूबर तक प्रिजन इआरपी सिस्टम लागू करने को 405 लोगों की होगी बहाली पटना : राज्य की सभी 56 जेलों में जल्द ही इ-प्रिजन योजना शुरू होने जा रही है. बिहार देश का पहला राज्य है, जहां पूरे जेल में इस तरह की कंप्यूटर प्रणाली लागू की जा रही है. यह घोषणा जेल आइजी […]
25 अक्तूबर तक प्रिजन इआरपी सिस्टम लागू करने को 405 लोगों की होगी बहाली
पटना : राज्य की सभी 56 जेलों में जल्द ही इ-प्रिजन योजना शुरू होने जा रही है. बिहार देश का पहला राज्य है, जहां पूरे जेल में इस तरह की कंप्यूटर प्रणाली लागू की जा रही है. यह घोषणा जेल आइजी आनंद किशोर ने सोमवार को की. वह होटल पाटलीपुत्रा अशोक में प्रिजन इआरपी सिस्टम को लागू करने से संबंधित योजना पर कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि इसके तहत जेलों में बंद कैदियों का पूरा डाटाबेस तैयार किया जायेगा. साथ ही इनसे मिलने आने वाले सभी लोगों का भी पूरा ब्योरा कंप्यूटर में दर्ज होगा. सभी जेलों में एक-एक कियोस्क मशीन लगायी जायेगी, जिससे कोई भी बंदी अपने संबंध में न्यायालय में कोर्ट केस की अगली तारीख, परिहार की विवरणी और अन्य प्रकार की जानकारियां सिर्फ एक टच के आधार पर प्राप्त की जा सकती हैं.
उन्होंने कहा कि इस सिस्टम को सुचारु रूप से चलाने के लिए सात केंद्रीय काराओं (बेऊर को छोड़कर) में छह कंप्यूटर (42×7), सभी 32 मंडल काराओं में चार कंप्यूटर प्रत्येक (32×128) और सभी 16 उप काराओं में तीन कंप्यूटर (16×3) कंप्यूटर को लगाया जा रहा है. 31 अक्तूबर तक सभी व्यवस्थाओं को लागू करने के बाद नवंबर से राज्य की सभी 56 जेलों में प्रिजन इआरपी सिस्टम को सफलतापूर्वक लागू कर दिया जायेगा. जेल आइजी ने कहा कि राज्य की सभी काराओं में 352 कंप्यूटर ऑपरेटर, 10 प्रोग्रामर और 43 सहायक प्रोग्रामर की नियुक्ति के लिए ऑनलाइन विज्ञापन निकाल दिया गया है. इनकी बहाली 25 अक्तूबर तक पूरी तर ली जायेगी. इस सिस्टम को विकसित करने से पहले वर्ष 2013 में आदर्श केंद्रीय कारा बेऊर में इनफॉरमेशन कियोस्क की स्थापना की गयी थी.
इस कार्यशाला में नई दिल्ली स्थित एनआइसी (नेशनल इनफॉरमेटिक सेंटर) के वरीय तकनीकी निदेशक डॉ. जगन्नाथ दास, इ-प्रिजन परियोजना के विभागाध्यक्ष शशिकांत शर्मा, राजेश कुमार सिंह, डीआइजी (कारा) शिवेन्द्र प्रियदर्शी के अलावा सभी केंद्रीय काराओं के काराधीक्षक तथा सभी जिलों के डीआइओ मौजूद थे.
सात अन्य मॉड्यूल्स भी किया गया विकसित
प्रिजन इआरपी सिस्टम में इस इ-प्रिजन योजना के अलावा सात अन्य मॉड्यूल्स को विकसित किया गया है, जिसमें गेट मैनेजमेंट सिस्टम, हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम, स्टॉक मैनेजमेंट सिस्टम, वैगेस मैनेजमेंट सिस्टम, आर्म्स एंड एम्यूनिजेशन मैनेजमेंट सिस्टम, पर्सनल इनफॉरमेशन सिस्टम और ट्रेजरी एंड बिल मैनेजमेंट सिस्टम शामिल हैं. इन मॉड्यूल की मदद से जेल, कैदियों और इससे जुड़ी तमाम तरह की प्रणाली पूरी तरह से सुव्यवस्थित हो जायेगी.
पूरा सिस्टम कम्प्यूटरकृत होने के कारण इसमें किसी तरह की समस्या उत्पन्न नहीं होगी. सभी जेलों में सभी तरह की कंप्यूटरकृत प्रणाली को लागू करने के लिए कंप्यूटर और हार्डवेयर की आपूर्ति कर दी गयी है. आगामी 15 दिनों के अंदर सभी सिस्टम को पूरी तरह से शुरू कर दिया जायेगा.
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