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फेमटो तकनीक से एक मिनट में होगा मोतियाबिंद का ऑपरेशन
नयी तकनीक से ऑपरेशन के बाद मरीजों को दो दिनों तक पोस्ट ऑपरेटिव तकलीफ भी नहीं उठानी पड़ेगी़ पटना : मोतियाबिंद के ऑपरेशन में बिना टांके की फेको तकनीक के बाद अब नयी फेमटो लेजर तकनीक आ गयी है. इसमें मोतियाबिंद का ऑपरेशन मात्र एक मिनट में हो जायेगा और वो भी पुरानी तकनीक के […]
नयी तकनीक से ऑपरेशन के बाद मरीजों को दो दिनों तक पोस्ट ऑपरेटिव तकलीफ भी नहीं उठानी पड़ेगी़
पटना : मोतियाबिंद के ऑपरेशन में बिना टांके की फेको तकनीक के बाद अब नयी फेमटो लेजर तकनीक आ गयी है. इसमें मोतियाबिंद का ऑपरेशन मात्र एक मिनट में हो जायेगा और वो भी पुरानी तकनीक के मुकाबले अधिक सटीक. यही नहीं ऑपरेशन के बाद दो दिनों तक मरीजों को पोस्ट ऑपरेटिव तकलीफ भी नहीं उठानी पड़ेगी. जल्द ही पटना में भी यह मशीन उपलब्ध हो जायेगी.
उक्त बातें संजीवनी अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ सुनील कुमार सिंह ने कहीं. वे रविवार को 30वां इस्ट जोन नेशनल इजीकॉन सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे. वहीं, रांची से आयी डॉ भारतीय कश्यप ने कहा कि लेंस एक्स फेमटो लेजर तकनीक से ऑपरेशन के दौरान मरीज की आंख की पुतली की मोटाई, बनावट आदि की जानकारी के लिए थ्रीडी पिक्चर ली जाती है. इसमें फेमटो लेजर पुतली पर बिना चीरा लगाये लेंस तक पहुंच जाता है. इसके बाद लेजर से मोतियाबिंद को बारीक टुकड़ों में काटा जाता है. इस काम में एक मिनट का समय लगता है.
पटना. लैब टेक्नीशियन मेडिकल साइंस की रीढ़ हैं. बिना टेक्नीशियन चिकित्सा जगत अधूरा है. ऐसे में इनकी महत्ता बढ़ जाती है. ये बातें विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहीं. वे रविवार को ऑल इंडिया मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजिस्ट एसोसिएशन बिहार इकाई की ओर से आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे. सेमिनार का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि एसोसिएशन की काउंसिल बनाने की मांग आगे बढ़ायी जायेगी. हर स्तर पर सरकार इनका सहयोग करेगी.
उन्होंने कहा कि काउंसिल गठित करने को लेकर अगर विधानसभा सदस्यों के माध्यम से सवाल सदन में आयेंगे, तो उसे वे गंभीरता से जरूर देखेंगे. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि लैब टेक्नीशियनों की जो उचित मांगें हैं, उस पर विचार किया जायेगा. इसके लिए उचित कदम उठाये जायेंगे. उन्होंने फर्जी पैथोलॉजी सेंटरों पर कार्रवाई की बात भी कही. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ गोपाल प्रसाद सिन्हा ने कहा कि देश में 5.6 लाख लैब टेक्नीशियन हैं.
इनके बगैर डॉक्टर जीरो हैं. इनके द्वारा दिये गये साक्ष्यों के आधार पर ही इलाज किया जाता है. इन्हें लैब टेक्नीशियन नहीं, बल्कि मेडिकल लेबोरेटरी साइंटिस्ट कहा जाना चाहिए. मौके पर राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सिंह ने कहा कि मांगों की पूर्ति के लिए आंदोलन की राह अपनाने होंगे. कार्यक्रम का स्वागत एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष आरजे शर्मा ने किया. इस मौके पर लोक स्वास्थ्य संस्थान की निदेशक डॉ रश्मि रेखा, राष्ट्रीय अध्यक्ष धनंजय कुमार, राष्ट्रीय महासचिव एएन सिन्हा, डॉ सत्यानंद चौधरी आदि मौजूद थे.
पटना : शरीर में घुटने 60 प्रतिशत तक अंदर और 40 प्रतिशत तक बाहर की ओर होते हैं. उम्र बढ़ने के साथ ही घुटना कई बार अंदर की ओर घुस जाता है. ऐसे में सीढ़ी चढ़ने उतरने व चलने में दिक्कत होती है. वहीं, अगर समस्या अधिक हो जाती है, तो उसे बाद में ट्रांसप्लांट किया जाता है. ये बातें पीएमसीएच के हड्डी विभाग के एचओडी डॉ विश्वेंद्र सिन्हा ने रविवार को पटना मेडिकल काॅलेज व अस्पताल में घुटने का लाइव प्रत्यारोपण के बाद कहीं. अस्पताल में अब तक का यह 210वां प्रत्यारोपण था. पीएमसीएच में 2003 से घुटने का प्रत्यारोपण किया जा रहा है.
लाइव प्रत्यारोपण के बाद संबंधित एमबीबीएस छात्रों को इसके बारे में जानकारी दी गयी. वहीं, पीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ एसएन सिन्हा ने कहा कि पीएमसीएच में लगातार घुटने का प्रत्यारोपण किया जा रहा है. इससे जहां मरीजों को फायदा हो रहा है. वहीं, मेडिकल छात्रों को भी पढ़ाई में मदद मिल रही है. प्रिंसिपल ने कहा कि अनियमित दिनचर्या होने के कारण ये सारी समस्याएं हो रही हैं.
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