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बारिश में टपकती है छत
पंचशील उच्च विद्यालय परीक्षा परिणाम मामले में हर वर्ष 78 फीसदी रिजल्ट देता है, लेकिन यह प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार है़ पटना सिटी : कुम्हरार के पास खपड़ैलवाले चार कमरों में संचालित होता है पंचशील उच्च विद्यालय. स्थिति यह है कि स्थानाभाव की कमी झेलते विद्यालय के एक छोटे -से कमरे में पुस्तकालय कक्ष व […]
पंचशील उच्च विद्यालय परीक्षा परिणाम मामले में हर वर्ष 78 फीसदी रिजल्ट देता है, लेकिन यह प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार है़
पटना सिटी : कुम्हरार के पास खपड़ैलवाले चार कमरों में संचालित होता है पंचशील उच्च विद्यालय. स्थिति यह है कि स्थानाभाव की कमी झेलते विद्यालय के एक छोटे -से कमरे में पुस्तकालय कक्ष व प्रयोगशाला है. इसी कमरे में शिक्षक बैठ कर बच्चों को तालीम देते हैं. विद्यालय में चहारदीवारी नहीं होने की स्थिति में क्रिकेट खेलने से बॉल से खपड़ैल भी टूट जाते हैं. नतीजतन बरसात के दिनों में बारिश का पानी छत से टपकता है, जबकि विद्यालय में नामित बच्चों की संख्या 155 है. इतना ही नहीं अंगरेजी, अर्थशास्त्र व सामाजिक विज्ञान के शिक्षक विद्यालय में नहीं हैं, जबकि परीक्षा परिणाम मामले में विद्यालय हर वर्ष 78 फीसदी रिजल्ट देता है.
दो कमरों में चलती है कक्षा : संसाधन विहीन विद्यालय में नवम व दशम वर्ग की पढ़ाई होती है. नवम वर्ग में 80 व दशम वर्ग में 75 विद्यार्थी पढ़ते हैं. हालांकि, विद्यालय के तीन कमरों में पढ़ाई की व्यवस्था है, लेकिन महज दो कमरों में ही पढ़ाई करायी जाती है, जबकि एक छोटा कमरा प्रयोगशाला व पुस्तकालय के लिए व दूसरा छोटा कमरा कार्यालय व प्राचार्या कक्ष के लिए है.
विद्यालय की प्राचार्या रंभा कुमारी बताती हैं कि 1963 में स्थापित विद्यालय को 1980 में राजकीय विद्यालय का दर्जा मिला. विद्यालय में आठ शिक्षक हैं,जबकि तीन पद रिक्त पड़े हैं. विद्यालय में चहारदीवारी व रात्रि प्रहरी के नहीं रहने की स्थिति में सुरक्षा को लेकर खतरा बना रहता है. शिक्षकों में सीमा कुमारी, महा जमाल हक, अंजन कुमारी, रमेश चंद्र प्रसाद, ओम प्रकाश व अरविंद कुमार की मानें ,तो पर्यावरण के लिए विद्यालय में 50 गमलाें में पौधारोपण हुआ था, लेकिन गमले भी सुरक्षित नहीं रह पाये. हालांकि, प्राचार्या का कहना है कि विभाग को इस संबंध में लिखा गया है.
कमियों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. स्थानाभाव व संसाधन की कमी के कारण बच्चों को कंप्यूटर की तालीम विद्यालय में नहीं मिल रही है. कर्मियों ने बताया कि कंप्यूटर कक्ष चलाने के लिए जगह नहीं रहने की स्थिति में विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रोजेक्ट को लौटाना पड़ा था. प्राचार्य का कहना है कि वे प्रयासरत हैं कि विद्यालय को सुविधा व संसाधन पूर्ण बनाया जाये.
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