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इंटर के छात्र को सरेआम मारी गोली, मौत
दुस्साहस. बड़े भाई की दुश्मनी का बदला छोटे भाई से, परसा थाने में प्राथमिकी दर्ज पटना : परसा बाजार रेलवे गुमटी के समीप बुधवार की सुबह सात बजे अपराधियों ने छात्र विकास कुमार (17) को सरेआम गोली मार दी. गोली विकास के सिर में लगी और घटना स्थल पर ही उसकी मौत हो गयी. घटना […]
दुस्साहस. बड़े भाई की दुश्मनी का बदला छोटे भाई से, परसा थाने में प्राथमिकी दर्ज
पटना : परसा बाजार रेलवे गुमटी के समीप बुधवार की सुबह सात बजे अपराधियों ने छात्र विकास कुमार (17) को सरेआम गोली मार दी. गोली विकास के सिर में लगी और घटना स्थल पर ही उसकी मौत हो गयी. घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी बाइक पर सवार होकर निकल गये. मामले की जानकारी मिलने पर परसा पुलिस तुरंत वहां पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
इस संबंध में विकास के पिता व व्यवसायी राजकुमार गुप्ता के बयान पर परसा थाने में सुइथा पंचायत के मुखिया नवलेश सिंह व उसके बेटे अनमोल व सुबोध के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गयी है. जिसमें देर रात पुलिस ने सुबोध को गिरफ्तार कर लिया. मुखिया नवलेश सिंह अपराधी प्रवृत्ति का है और यह काफी पहले सिविल कोर्ट के अंदर फायरिंग करने के मामले में चर्चित रहा था. इसके संबंध कई अपराधी गिरोहों से है और यह परसा व पुनपुन इलाके के दबंग व्यक्तियों में शामिल है. नवलेश दूसरी बार पंचायत चुनाव में मुखिया निर्वाचित हुआ था.
वहीं, विकास इंटर का छात्र है और उसने समस्तीपुर के एक कॉलेज में एडमिशन ले रखा था. विकास तीन भाइयों में सबसे छोटा था. विकास की दो बहनें है, जिसकी शादी हो चुकी है. उसके पिता राजकुमार गुप्ता कुछ कंपनियों के डिस्ट्रीब्यूटर हैं और पूरा परिवार पुनपुन स्टेशन के पास ही रहता है. इधर, पुलिस ने आरोपितों को पकड़ने के लिए छापेमारी की. लेकिन, किसी की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है.
सिपारा जा रहा था कोचिंग करने, चलती गाड़ी में ही मारी गोली : विकास प्रतिदिन सिपारा में सुबह व शाम में कोचिंग पढ़ने जाता था. विकास अपने पुनपुन स्थित आवास से बाइक से सिपारा स्थित कोचिंग जाने के लिए निकला.परसा गुमटी के पास भीड़ होने के कारण सभी गाड़ियां धीमी गति से चल रही थी. विकास भी धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था. इसी बीच पहले से ही घात लगाये दो अपराधियों में से एक ने उस पर गोली चला दी, जो सीधे उसके सिर में लगी और वह बाइक लेकर गिर पड़ा. उसकी कुछ ही देर में मौत हो गयी औरपरसा गुमटी पर अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया. लोग यह जब तक समझते, तब तक हमलावर फरार हो गये.
बेटे की हत्या से बेसुध हुए पिता
घटना के बाद पिता राजकुमार गुप्ता की हालत खराब थी. उनकी आंखों के सामने बेटा मृत पड़ा था, जब शव का पोस्टमार्टम हो रहा था, तो वे कोने में गुम-शुम खड़े थे. कुछ भी पूछने पर केवल हां या ना ही बोल रहे थे और अपने बेटे के शव को एकटक देख रहे थे. राजकुमार गुप्ता के अन्य परिजन उन्हें सांत्वना दे रहे थे.
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