पटना : सत्ताधारी पार्टी जदयू के बिहार विधान परिषद में एक सदस्य ने भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर दिये गये विवादास्पद बयान पर कानूनी नोटिस भेजा है. हालांकि सुशील ने अपनी बात पर कायम रहने की बात कही हैं. सुशील ने आज यहां एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आरोप लगाया कि शहाबुद्दीन मामले में बेनकाब हुए नीतीश कुमार बौखला कर पार्टी की ओर से मुुकदमे की नोटिस दिला रहे हैं. मैं अपनी इस बात पर कायम हूं कि नीतीश कुमार को शहाबुददीन से कोई परहेज नहीं है और वह उनकी पत्नी को जदयू में शामिल कर टिकट देना चाहते थे.
मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी की किसी भी धमकी से भाजपा डरने वाली नहीं है. जदयू के प्रदेश प्रवक्ता और बिहार विधान परिषद सदस्य ने मुख्यमंत्री के खिलाफ निराधार आरोप लगाए जाने को लेकर कल अपने अधिवक्ता उदय प्रताप सिंह के माध्यम सुशील को एक नोटिस भेजते हुए उनसे 15 दिनों के भीतर जवाब मांगा है. ऐसा नहीं करने पर उन्हें मानहानि के मुकदमे का सामना करना होगा. सुशील ने कहा कि अगर नीतीश कुमार को शहाबुद्दीन से परहेज है तो जब प्रशांत भूषण ने उच्चतम न्यायालय में शहाबुद्दीन को बिहार से बाहर रखकर सुनवाई करने की मांग की तो सरकार ने समर्थन क्यों नहीं किया. मशहूर वकील राम जेठमलानी के शहाबुददीन का मुकदमा लड़ने की चर्चा के बारे में सुशील ने पूछा कि नीतीश क्या जेठमलानी को शहाबुद्दीन का मुकदमा लड़ने से रोकेंगे.