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डाकघर केस में अफसरों पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं
सीबीआइ से हाइकोर्ट ने पूछा पटना : पटना हाइकोर्ट ने सीबीआइ से पूछा है कि ग्रामीण डाकघरों में डाक सेवकों की बहाली करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अब तक प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं करायी गयी है. जस्टिस नवनीति प्रसाद सिंह और जस्टिस नीलू अग्रवाल की कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा कि सीबीअाइ […]
सीबीआइ से हाइकोर्ट ने पूछा
पटना : पटना हाइकोर्ट ने सीबीआइ से पूछा है कि ग्रामीण डाकघरों में डाक सेवकों की बहाली करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अब तक प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं करायी गयी है. जस्टिस नवनीति प्रसाद सिंह और जस्टिस नीलू अग्रवाल की कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा कि सीबीअाइ से नौ नवंबर तक एक्शन टेकेन रिपोर्ट देने को कहा है.
कोर्ट का ऐसा मानना था कि डाक सेवकों की नियुक्ति में अधिकतर मध्यमा की डिग्री पर बहाली की गयी है. इसमें संस्कृत शिक्षा बोर्ड के अधिकारी व कर्मियों की मिलीभगत रही है. कोर्ट ने यह भी कहा कि सीबीअाइ बताये कि उसे डाक विभाग और संस्कृत शिक्षा बोर्ड सहयोग कर रही है या नहीं. सीबीआइ को अगली सुनवाई में बताना है कि मामले में अब तक क्या कार्रवाई हुई है. गौरतलब है कि ग्रामीण डाक सेवकों की मध्यमा की डिग्री पर ही बहाली कर ली गयी थी.
पोशाक घोटाले में फटकार : पटना. हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को औरंगाबाद के दाउदनगर में पोशाक घोटाले के मामले में कड़ी फटकार लगायी है. मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और जस्टिस अंजना मिश्र की कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि औरंगाबाद जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी व प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पर प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं हुई. कोर्ट ने इस मामले में तीन अक्तूबर तक जवाब देने को कहा. साथ ही शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को हाजिर होने को भी कहा है.
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