Advertisement
राइस मिल के लिए गैसीफायर जरूरी नहीं
पटना : राज्य में चावल मिल की स्थापना के लिए गैसीफायर स्थापित करने की बाध्यता खत्म होगी. इस निर्णय से पैक्स अथवा निजी स्तर पर चावल मिल स्थापित करना आसान हो जायेगा. यह निर्णय राज्य के गांवों में बिजली की आपूर्ति में काफी सुधार के बाद लिया गया है. अब तक एक टन प्रति घंटा […]
पटना : राज्य में चावल मिल की स्थापना के लिए गैसीफायर स्थापित करने की बाध्यता खत्म होगी. इस निर्णय से पैक्स अथवा निजी स्तर पर चावल मिल स्थापित करना आसान हो जायेगा.
यह निर्णय राज्य के गांवों में बिजली की आपूर्ति में काफी सुधार के बाद लिया गया है. अब तक एक टन प्रति घंटा की दर से चावल तैयार की क्षमता वाले मिलों को मिल के साथ गैसीफायर को लगाना अनिवार्य था. इसके कारण मिल की स्थापना में इसके लिए जमीन, बड़ी रकम, गैसीफायर के मेंटेनेंस की समस्या का सामना करना पड़ता था. फिलहाल एक टन धान की प्रति घंटा कुटाई वाले 183 मिलों के साथ गैसीफायर काम कर रहा है. एक गैसीफायर से लगभग प्रतिदिन 40 किलोवाट बिजली पैदा की जा रही है. इससे मिल और आसपास के गांव-मुहल्लों को रोशनी के लिए इसकी आपूर्ति की जाती है.
विभागीय अधिकारी ने बताया कि राज्य में कृषि रोड मैप 2012-13 से 2017 तक योजना में पहले साल 2013-14 में 162 गैसीफायर की स्थापना का निर्णय लिया गया था. इन मिलों में एक टन धान प्रति घंटा की कुटाई की क्षमता तय की गयी थी. अधिकारी ने बताया कि पिछले तीन से चार साल के अंदर गैसीफायर को लेकर कई परेशानी सामने आया.
इसमें इसकी रिपेयरिंग के लिए शहर से कारीगर को ले जाना, यदि धान की कुटाई के मौसम में खराबी आयी, तो परेशानी और बढ़ जाती थी. मिलरों द्वारा भी बताया गया कि तकनीकी तौर पर भी यह सफल नहीं माना जायेगा, क्योंकि मिलरों को गैसीफायर के साथ बिजली का भी इंतजाम करना पड़ता है. ऐसे में इस योजना को पूरी तरह से सफल नहीं कहा जा सकता. इसलिए सरकार इसे बंद करने पर विचार कर रही है. इससे बड़ी संख्या में मिल स्थापित होंगे.
हो रहा विचार : मंत्री
विभागीय मंत्री आलोक कुमार मेहता ने कहा कि उपयोगिता पर विचार किया जा रहा है. राज्य में अब बिजली की पूर्व वाली समस्या नहीं रह गयी है. गांवों में बिजली की सुविधा मिलने से अब गैसीफायर जैसे इंतजाम पर निर्भरता में कमी आयी है. हालांकि सरकार पैक्स, किसान और मिलरों के हित को ध्यान में रख कर ही कोई निर्णय लेगी. इस पर अब अंतिम निर्णय रिपोर्ट के बाद ही लिया जायेगा.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement