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सौ में 30 गाड़ियां चलती हैं ओवरलोडेड
ओवरलोड के खिलाफ विभाग बरत रहा सख्ती, डंपिंग यार्ड में सामान रखने की होगी व्यवस्था पटना : राज्य की सड़कों पर प्रतिदिन सौ में तीस गाड़ियां ओवरलोडेड चल रही है. इसके चलते जहां एक ओर सड़कों की हालत खस्ता हो रही है, वहीं दुर्घटनाओं की संख्या भी बढ़ती जा रही है. ओवरलोड वाहनों में बालू, […]
ओवरलोड के खिलाफ विभाग बरत रहा सख्ती, डंपिंग यार्ड में सामान रखने की होगी व्यवस्था
पटना : राज्य की सड़कों पर प्रतिदिन सौ में तीस गाड़ियां ओवरलोडेड चल रही है. इसके चलते जहां एक ओर सड़कों की हालत खस्ता हो रही है, वहीं दुर्घटनाओं की संख्या भी बढ़ती जा रही है. ओवरलोड वाहनों में बालू, गिट्टी, मार्बल, लोहा आदि सामान ढोये जा रहे हैं. सरकार ने मोटर वाहन कानून लागू कर रखे हैं.
इसके तहत किसी भी हाल में क्षमता से अधिक वाहन लेकर गाड़ियों को चलने की सख्त मना है. बावजूद इसके प्रतिदिन तीस फीसदी गाड़ियां सरकार के मोटर वाहन नियम कानून की धज्जियां उड़ा रही है. एक अनुमान के अनुसार 78 फीसदी सड़क दुर्घटना ओवरलोडिंग के कारण होती है. ओवरलोड वाहन के परिचालन पर रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद इस बाबत अधिकारियों को कोर्रवाई करने का निदेश दे चुके हैं. परिवहन विभाग ने ओवरलोडेड वाहनों के परमिट रद्द करने का निर्देश अधिकारियों को दिया है. ऐसे वाहनों पर शिकंजा कसने के लिए परिवहन विभाग नयी व्यवस्था का निर्णय लिया है. पहले की तरह ओवरलोड वाहन के पकड़े जाने पर केवल जुर्माना लेकर उसे छोड़ा नहीं जायेगा.
वाहन में क्षमता से अधिक सामान को उतारने के बाद ही उसका परिचालन होगा. निर्धारित क्षमता से अधिक सामान को सुरक्षित रखने के लिए राज्यभर में सड़क किनारे डंपिंग यार्ड की व्यवस्था होगी. जहां वाहन मालिक अपने खर्चें पर सामान सुरक्षित रखवा सकते हैं. पूरे राज्य में ऐसी व्यवस्था के लिए सभी डीएम को कहा गया है. विभाग द्वारा प्राइवेट या सरकारी स्थलों पर डंपिंग यार्ड की व्यवस्था के लिए इच्छुक लोगों को आमंत्रित करना है.
ओवरलोड परिचालन में माफियाओं की काफी सक्रियता है. ओवरलोड वाहन को पास कराने में अधिकारियों को मैनेज करने से लेकर खुद वाहन के साथ चलने तक का ठेका माफिया स्वीकार करते हैं. जुर्माना से करोड़ों राजस्व प्राप्तमालवाहक वाहनों पर सामान लादने की क्षमता तय है. मालवाहक वाहन के निबंधन के समय निर्धारित क्षमता पर उसे पास किया जाता है. छह चक्का के वाहन पर नौ टन, दस चक्का के वाहन पर 12 टन व 14 चक्का के वाहन पर 16 टन सामान लोड हो सकता है.
जबकि इसके विपरीत निर्धारित क्षमता से दोगुना सामान लोड होता है.नियम का हो रहा उल्लंघन: ओवरलोड वाहन से जुर्माना लेकर उसे छोड़ देने से मोटर वाहन नियम का उल्लंघन हो रहा है. विभागीय अधिकारी ओवरलोड सामान को उतारे बगैर जाने की अनुमति देते हैं. ओवरलोड वाहन के पकड़े जाने पर उस पर जुर्माना करने का प्रावधान है.
लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3(2)(इ) के तहत सड़क पब्लिक प्रोपर्टी है. इसका नुकसान करना दंडनीय अपराध है. मोटरवाहन अधिनियम 1988 की धारा 113 में ओवरलोडिंग पर रोक है.
नियम का उल्लंघन करनेवाले पर जुर्माना होगा. जांच के दौरान ओवरलोड वाहन का वजन कराने में आनाकानी किये जाने पर 3000 रुपये जुर्माना होगा. ऐसे ओवरलोड वाहन के पकड़ाने पर न्यूनतम 2000 रुपये जुर्माना है. साथ ही इसके अतिरिक्त ओवरलोड भार के लिए प्रति टन एक हजार रुपये जुर्माना है.
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