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बारिश हुई, तो मसजिदों में अदा होगी नमाज

पटना : मंगलवार को बकरीद पर पटना के मुख्य मसजिदों और ईदगाहों के साथ सार्वजनिक स्थलों में नमाज के लिए वक्त तय है. शाही मस्जिद फुलवारी और खगौल ईदगाह में ईद-उल-अजहा की नमाज सुबह 7:45 बजे होगी. वहीं, गांधी मैदान में सुबह आठ बजे नमाज अदा की जायेगी. दरियापुर सब्जीबाग मसजिद में 8:15 बजे का […]

पटना : मंगलवार को बकरीद पर पटना के मुख्य मसजिदों और ईदगाहों के साथ सार्वजनिक स्थलों में नमाज के लिए वक्त तय है. शाही मस्जिद फुलवारी और खगौल ईदगाह में ईद-उल-अजहा की नमाज सुबह 7:45 बजे होगी. वहीं, गांधी मैदान में सुबह आठ बजे नमाज अदा की जायेगी. दरियापुर सब्जीबाग मसजिद में 8:15 बजे का वक्त तय है. गांधी मैदान के इमाम मौलाना मसूद नदवी ने बताया कि सुबह आठ बजे नमाजी गांधी मैदान में ईद की नमाज पढ़ेंगे. खगौल ईदगाह में नमाज की इमामत मौलाना जिल्ले किबरीया, खानकाह मुजीबिया, फुलवारीशरीफ करेंगे. यदि बारिश हुई तो मैदान को छोड़ कर मस्जिदों के भीतर नमाज अदा की जायेगी.
गांधी मैदान में जुटेंगे 25 हजार नमाजी : पटना. गांधी मैदान में इसके लिए 25 हजार नमाजी जुटेंगे. नमाज सुबह 8 बजे से पढ़ी जायेगी. डीएम संजय कुमार अग्रवाल ने सोमवार को तैयारियों का जायजा लिया और जरूरी निर्देश दिये. गांधी मैदान में नमाज की इमामत मौलाना मशहुद अहमद करेंगे. सुरक्षा दृष्टिकोण से सोमवार रात आठ बजे गांधी मैदान को सील कर दिया गया. पुलिस की निगरानी व पड़ताल के बाद सुबह 6 बजे से एंट्री दी जाने लगेगी. नमाजियों को मेटल डिटेक्टर से होकर गुजरना होगा. नमाज स्थल पर दो एंबुलेंस व दो फायर ब्रिगेड की गाड़िया उपलब्ध रहेगी. वहीं, रविवार रात को हुई बारिश के जलजमाव की परेशानी से निबटने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से मशीनें लगायी गयीं. एक बड़ी मशीन व 30 कर्मी मिल कर मैदान की सफाई में देर शाम तक जुटे रहें.
बकरीद को लेकर पुलिस गश्त तेज : पंडारक. प्रखंड के आठ जगहों पर मंगलवार को बकरीद की नवाज अदा की जायेगी.
सुरक्षा के मद्देनजर खजुरार, चकजगमल,भदौर,गोवाशा-शेखपुरा, हफिजपुर-करमैार, जादोपुर ,ममरखावाद, तथा रैली इंगलिश दंडाधिकारी के साथ पुलिस बल कि तैनाती की गयी है. वहीं पुलिस अवांछित तत्वों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए क्षेत्र में पुलिस गश्त तेज कर दी है.
बकरीद पर कुरबानी की रही है परंपरा
पटना. ईद-उल-अजहा यानी बकरीद पर मुसलिम समुदाय के लोग अल्लाह की राह में बकरों और अन्य पशुओं की कुरबानी देते हैं.
इसकी परंपरा रही है. इस बार बकरीद 13 सितंबर को मनायी जायेगी. ओएलएक्स पर अपना बेकरा बेचने के लिए विज्ञापन पोस्ट करने वाले असद ने बताया कि वह अक्सर इन साइटों पर मोबाइल या बाइक आदि खरीदने के लिए विज्ञापनों को देखते थे. अब अपने बकरे का विज्ञापन भी इन साइटों पर पोस्ट करने का विचार आया. दिल्ली विश्वविद्यालय में बीए द्वितीय वर्ष के छात्र ने कहा कि वह शौक के तौर पर बकरे पालते हैं.
उन्होंने अपने बकरे का विज्ञापन पोस्ट कर दिया और लोगों का काफी बेहतर रिस्पांस मिला. उन्होंने अपने मेवाती बकरे की कीमत 20,000 रुपये रखी. उनके विज्ञापन को खासी प्रतिक्रिया मिली और उन्हें कई फोन आये, लेकिन पैसों को लेकर बात नहीं बन सकी. एक अन्य व्यक्ति अब्दुल ने कहा कि ओएलएक्स और क्विकर पर कई बार विज्ञापन देखे थे, इसलिए अपने बकरे का भी विज्ञापन लगा दिया. उन्होंने कहा कि हम शौक के तौर पर बकरे पालते हैं, पर बेचते नहीं हैं. लेकिन, कुछ आर्थिक परेशानी की वजह से इसे बेच रहे हैं. घर बैठे ही इसके कई खरीददारों से बात हुई है.
पटना . रुकनपुरा स्थिति बकरी बाजार में पिछले तीन दिनों में दो करोड़ से अधिक के बकरे बिक गये. साेमवार को 80 लाख से अधिक रुपये का कारोबार हुआ. पांच हजार से अधिक बकरे लोगों ने कुरबानी के लिए खरीदे. अंतिम दिन हाेने के कारण सुबह से ही मंडी में भीड़ रही.
कारोबारी कम मुनाफे पर भी बकरे बेच घर लौटने की तैयारी में थे. लगातार बारिश हाेने से यूपी, राजस्थान, बंगाल, दिल्ली और झारखंड से कारोबारी काफी निराश व परेशान दिखे. इनका कहना था कि पिछले बार की अपेक्षा इस बार 30 से 35 फीसदी कम बकरे बिके. कारोबारियों ने बताया कि बिहार में बाढ़ के कारण बकरे की आपूर्ति कम है. कम कीमत होने के कारण देसी बकरे की मांग अधिक रही, क्योंकि, देसी बकरे 5 से 15 हजार रुपये में बिके. इसके खरीदार मध्यवर्ग होते हैं, जबकि दूसरे प्रदेश के बकरे की कीमत 15 हजार से 30 हजार रुपये तक हाेने से इसके खरीदार उच्चवर्ग के होते हैं.
इलाहाबाद से आये रुस्तम ने बताया कि यहां आठ से 12 हजार के बीच खरीदार अधिक हैं. लेकिन, ऊंची कीमत के खरीदार भी हैं. लेकिन इस बार बाजार बहुत खराब रहा है. दस दिन पहले यहां चार सौ जानवर लेकर आये थे, उसमें से अब भी 40 बचे हैं. इसके अलावा एक दर्जन से अधिक कारोबारी बेगूसराय, हाजीपुर, छपरा, खगड़िया, मनेर, पटना सिटी, फुलवारीशरीफ आदि से आये थे, जो मंडी के बाहर अपने-अपने बकरे बेचे रहे थे.
कंकड़बाग में 22 हजार के दो बकरे, कुम्हरार गुमटी में घर का पाला हुआ 30 हजार का बकरा और राजवंशी नगर में 40 हजार का मोटा तगड़ा बकरा ऑनलाइन जैसे ही लोड किया गया बकरीद के एक दिन पहले सब के सब बस चंद पलों में ही बिक गये. यह बकरीद पर बकरे की कुर्बानी देने की रस्म में टेक्नोलॉजी का जबरदस्त इफेक्ट है, जो ओएलएक्स और क्विकर जैसी साइटों पर दिखा. टेक्नोलॉजी के कारण ज्यादातर लोग अपनी ईद मनाने के लिए बकरा मंडियों के चक्कर लगाने की जरूरत को अब इसी तरह दूर कर रहे हैं. न कोई किचकिच और न कोई झिकझिक, बस कॉल लगा दिया सेलर्स को. उससे डील की और मंगवा लिए बकरा अपने घर पर. बकरीद पर कुर्बानी के लिए बकरे खरीदने के लिए लोगों ने ओएलएक्स और क्विकर के जरिए बकरा की खरीदारी की.
ऑनलाइन शॉपिंग साइट से आया बदलाव
अब तक ओएलएक्स और क्विकर जैसी साइटों पर फोन, गाड़ी, फर्नीचर जैसे सामान ही खरीदे जाते रहे हैं. सेकेंड हैंड सामान की इन दो बड़े साइटों में बदलाव लाया और पेट्स के लिए भी जगह दी.
इस कारण लोगों ने इन साइटों पर बकरे की पिक्चर लगायी और इनपर हर नस्ल और हर कीमत के बकरे मिलने शुरू हो गये. इनमें मेवाती, देसी, बरबरा, तोतापरी आदि बकरों की नस्लें शामिल हैं. इन साइटों पर छह हजार से पचास हजार रुपए तक का बकरा है. आप अपनी पसंद का बकरा खरीदने के लिए उसके मालिक से उसके फोन नंबर के जरिए संपर्क कर कीमतों को लेकर मोलभाव भी कर सकते हैं.

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