मसौढ़ी: बीते शुक्रवार की रात दरधा नदी के कहर का नतीजा हुआ कि प्रखंड की तीन और पंचायतों में शनिवार को पानी प्रवेश कर गया .जानकारी के अनुसार नदी के बढ़े जल स्तर से प्रखंड की सांडा, मोरियावां व कोसुत पंचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने से दर्जनों गांवों में लगी फसलेंपूरी तरह डूब […]
मसौढ़ी: बीते शुक्रवार की रात दरधा नदी के कहर का नतीजा हुआ कि प्रखंड की तीन और पंचायतों में शनिवार को पानी प्रवेश कर गया .जानकारी के अनुसार नदी के बढ़े जल स्तर से प्रखंड की सांडा, मोरियावां व कोसुत पंचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने से दर्जनों गांवों में लगी फसलेंपूरी तरह डूब गयी हैं .
गौरतलब है कि प्रखंड की देवदहा ,धनरूआ ,सोनमई व हुलासचक वीर पंचायतों में पूर्व से ही बाढ़ का पानी आ गया है . यहां कई लोगों के घरों में पानी प्रवेश कर जाने से वे स्कूलों ,सामुदायिक भवन और ऊंचे स्थानों पर रहने को विवश हो गये हैं. सबसे खराब हाल देवदहा पंचायत का है जहां इमलिया ,बरबिगहा ,मढ़िया व ढिबरा समेत कई गांवों का संपर्क भंग हो चुका है .
एसडीओ ने की समीक्षा बैठक : प्रखंड की आधा दर्जन से ऊपर पंचायतों में आये बाढ़ के संकट को लेकर शनिवार को अनुमंडल पदाधिकारी आनंद शर्मा ने प्रखंड मुख्यालय में पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की . शनिवार को पटना से आयी एनडीआरएफ की टीम ने प्रखंड की देवदाहा पंचायत के इमलिया और बरबिगहा गांवों में दो मोटर बोट उपलब्ध करा दी है .उक्त जानकारी बीडीओ पंकज कुमार निगम ने दी.
राहत कार्य नहीं चलना दुर्भाग्यपूर्ण : रामकृपाल : धनरूआ प्रखंड के बाढ़पीड़ित क्षेत्रों में अबतक राहत सामग्री का वितरण न होना दुर्भाग्यपूर्ण है. उक्त बातें केंद्रीय राज्यमंत्री रामकृपाल यादव ने शनिवार को धनरूआ के बाढ़पीड़ित गांवों का भ्रमण करने के बाद देवदाहा पंचायत के बरबिगहा में स्थानीय संवाददाताओं से कहीं.
उन्होंने कहा कि प्रखंड की देवदाहा पंचायत सबसे ज्यादा पीड़ित है .हजारों एकड़ में लगी फसलें डूब गयी हैं. साथ ही कई लोगों के मकान भी गिर गये हैं .बाढ़ से लोग घर को छोड़ कर सड़क पर अपना आशियाना बना रखे हैं .उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं बचा है .ऐसे में राज्य सरकार या उसके शासन तंत्र ने अब तक उनकी सुधि नहीं ली है.