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वेंटिलेटर पर मरीज रहते तो उनकी मौत तय थी

पटना: पटना एम्स में पिछले चार दिनों तक बिजली कटी रही और मरीजों की जान से खिलवाड़ होता रहा. अस्पताल प्रबंधन ने इसकी जानकारी बिजली विभाग को देने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया. चिकित्सकों के मुताबिक इस दौरान यदि कोई मरीज वेंटिलेटर पर रहता तो उसकी मौत तय थी. 27 जनवरी को कटी […]

पटना: पटना एम्स में पिछले चार दिनों तक बिजली कटी रही और मरीजों की जान से खिलवाड़ होता रहा. अस्पताल प्रबंधन ने इसकी जानकारी बिजली विभाग को देने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया. चिकित्सकों के मुताबिक इस दौरान यदि कोई मरीज वेंटिलेटर पर रहता तो उसकी मौत तय थी.

27 जनवरी को कटी थी बिजली : 27 जनवरी की सुबह एम्स पटना की बिजली गुल हुई थी. इससे रजिस्ट्रेशन, कंप्यूटर, ओटी समेत अन्य तकनीकी काम ठप हो गये थे.

रजिस्ट्रेशन के साथ ठप हुआ काम : मरीजों का रजिस्ट्रेशन हाथ से लिख कर होने लगा. अस्पताल में पानी खत्म हो गया और ओटी का काम भी बंद हो गया. फिलहाल सजिर्कल काम कम होते हैं, लेकिन बहुत सी दवाइयां ऐसी भी होती है जिसको फ्रिज से बाहर नहीं रखा जा सकता है.

नहीं हुई पढ़ाई, पानी के लिए तरसे छात्र : कई कक्षाओं को बिजली नहीं रहने के कारण सस्पेंड करना पड़ा, क्योंकि हॉल में काफी अंधेरा था. छात्र-छात्रओं को पीने का पानी के लिए प्रशासनिक आवास में जाना पड़ता था. ओपीडी में काम करने वाले चिकित्सकों को पीने के लिए पानी नहीं मिलता था.

सूचना देकर झाड़ा पल्ला
बिजली गुल होने की सूचना विभाग को दी गयी थी. बावजूद इसके बिजली ठीक करने में चार दिन लग गये. ऐसे में अगर मरीज वेंटिलेटर पर रहेगा, तो उसकी मौत निश्चित है. बिजली वालों ने कहा था कि इंटरनल खराबी से ट्रांसफॉर्मर उड़ा है, लेकिन जांच में ऐसा कुछ नहीं था. अब बिजली आ गयी है.

जीके सिंह, निदेशक, एम्स

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