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टॉपर्स घोटाला : अकूत संपत्ति पर रिपोर्ट बनेगी गले का फांस

बोर्ड टॉपर्स घोटाला. हैंडराइटिंग, हस्ताक्षर और वायस रेकाॅर्ड होगा काले धंधे का पक्का सबूत अभी 10 से ज्यादा लोग बन सकते हैं आरोपित हो सकते हैं गिरफ्तार कॉपियां किसने लिखी हैं, इसका जवाब आते ही नपेंगे कई लोग पटना : बिहार बोर्ड का टॉपर्स घोटाला चार्जशीट के बाद नया मोड़ लेगा. अभी पुलिस केस डायरी, […]

बोर्ड टॉपर्स घोटाला. हैंडराइटिंग, हस्ताक्षर और वायस रेकाॅर्ड होगा काले धंधे का पक्का सबूत
अभी 10 से ज्यादा लोग बन सकते हैं आरोपित हो सकते हैं गिरफ्तार
कॉपियां किसने लिखी हैं, इसका जवाब आते ही नपेंगे कई लोग
पटना : बिहार बोर्ड का टॉपर्स घोटाला चार्जशीट के बाद नया मोड़ लेगा. अभी पुलिस केस डायरी, चार्जशीट, भारी-भरकम साक्ष्य, सरकारी गवाह के माध्यम से घोटाले के आरोप को साबित करेगी.इसके बाद घोटाले से बनायी गयी संपत्ति का ब्योरा भी कोर्ट में पेश किया जायेगा. एसआइटी के पास इनकम टैक्स से जो रिपोर्ट आयी है, उसमें लालकेश्वर प्रसाद सिंह, उषा सिन्हा व बच्चा राय के पास अकूत संपत्ति है. इसमें जमीन, फ्लैट, गाड़ी, बैंक बैलेंस, एफडी, शेयर आदि शामिल हैं. इस रिपोर्ट से साफ है कि अरबों की इस अर्जित संपत्ति का जरिया बोर्ड का काला कारनामा ही था. इसके अलावा आर्थिक अपराध शाखा द्वारा भी रिपोर्ट सौंपी जानी है.
एफएसएल की तीन रिपोर्टों का पुलिस को इंतजार : रिजल्ट घोटाले में पुलिस को तीन रिपोर्टों का बेसब्री से इंतजार है. यह तीनों रिपोर्ट बेहद अहम हैं और इसे एफएसएल द्वारा दिया जाना है.
इसमें एसआइटी की तरफ से सैंपल भेजा गया है, जिसमें बच्चा राय के घर से मिली उत्तर पुस्तिका पर हैंडराइटिंग, मान्यता वाली फाइल में सभी के हस्ताक्षर और लालकेश्वर, उषा सिन्हा, बच्चा राय के अलावा बोर्ड के अन्य दलालों के फोन पर बातचीत का वॉयस रिकार्ड शामिल हैं. इस रिपोर्ट के आने के बाद एसआइटी इसे निगरानी कोर्ट में पेश करेगी. तकनीकी एक्सपर्ट द्वारा दी जाने वाली यह रिपोर्ट एसआइटी के लिए वह प्रमाण होगी, जिसे आरोपित झुठला नहीं पायेंगे. जीता-जागता सबूत गले का फांस बनेगा.
लालकेश्वर प्रसाद, उषा सि न्हा और बच्चा राय के खि लाफ दर्ज हो सकता है डीए केस
पटना : बिहार बोर्ड घोटाले में मुख्य आरोपित लालकेश्वर प्रसाद, उषा सिन्हा व बच्चा राय के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने का मामला (डीए केस) भी जल्द ही दर्ज हो सकता है. एसआइटी की विशेष अापराधिक इकाई उनकी अवैध रूप सेकमाई गयी संपत्ति के दस्तावेज को भी खंगाल रही है. प्रारंभिक जांच के क्रम में पाया गया है कि अभियुक्तों की चल व अचल संपत्ति उनकी आय से बहुत ज्यादा है. एसआइटी के हाथ लगे दस्तावेजों से इसी का संकेत मिल रहा है.
मामला साबित होने पर उम्रकैद की सजा
टॉपर घोटाले में विशेष अदालत में अभियुक्तों के खिलाफ एसआइटी ने भादवि व पीसी एक्ट की जिन धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया है, यदि इन धाराओं में मामला साबित हो जाता है, तो अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा हो सकती है. विदित हो कि विशेष अदालत में भादवि की धारा 420, 465, 409, 467, 468, 471, 188, 201, 212, 120 बी व पीसी एक्ट की धारा 8, 9, 13 (1) (सी) (डी) व (इ) में आरोप पत्र दाखिल किया गया है. भादवि की धारा 467 में प्रावधान है कि मामला साबित होने पर आजीवन कारावास की सजा निर्धारित है. वहीं, सभी अभियुक्तों पर 120 बी भी साबित हो जाने पर सबको आजीवन कारावास हो सकती है.
चार प्रकार के घोटालों पर जांच, एसआइटी का मान्यता-प्रिंट पर फोकस
बोर्ड घोटाले में एसआइटी की शुरुआती जांच में ही साफ हो गया था कि चार प्रकार के घोटाले किये गये हैं. इसी पर आधारित आरोप पत्र कोर्ट में समिट किया गया है. इसमें टॉपर घोटाला, मॉर्क्स घोटाला, एफिलिएशन घोटाला और प्रिंटिंग घोटाला शामिल हैं. पुलिस सभी आरोपों के लिए जुटाये गये साक्ष्य को रखेगी. एसआइटी अभी मान्यता और प्रिंट घोटाले की जांच कर रही है.
हैंडराइटिंग में अभी और 10 से ज्यादा लोग हो सकते हैं गिरफ्तार
बोर्ड घोटाले की जांच में स्कूलों की मान्यता मामले में अभी और लोगों के फंसने की आशंका है. उनकी गिरफ्तारी हो सकती है. इसके अलावा टॉपरों की उत्तर पुस्तिका किसने लिखी है, किसकी हैंडराइटिंग है, यह साफ होने पर कुछ लोग और एसआइटी के फंदे में आयेंगे. पुलिस सूत्रों की मानें तो अभी और 10 से अधिक लोग गिरफ्तार किये जा सकते हैं.
कोर्ट में देर रात तक तैयार होती रहीं 32 आरोपितों की अलग-अलग फाइलें
निगरानी की विशेष अदालत में देर शाम एसआइटी में शामिल एएसपी राकेश कुमार, डीएसपी अंडर ट्रेनिंग निशा रानी, डीएसपी लाॅ एंड ऑर्डर डॉ मोहम्मद शिब्ली नोमानी, केस के आइओ, रिजल्ट घोटाले के चार्जशीट दाखिल करने पहुंचे. इस दौरान दो बॉक्स लेकर एसआइटी पहुंची थी. बॉक्स में घोटाले की जब्ती सूची और अन्य प्रमाण थे, जो सील पैक था. कोर्ट में रिसीविंग के बाद देर रात तक सभी 32 आरोपितों की अलग-अलग फाइलें तैयार की गयीं. इसमें आरोप और साक्ष्य, गवाह, बयान को अलग-अलग करके फाइल तैयारी की गयी है.
कब-क्या हुआ
6 जून 2016 की देर रात माध्यिमक शिक्षा के डायरेक्टर के आवेदन पर कोतवाली में मामला दर्ज.
7 जून 2016 को जांच के लिए 25 सदस्यी एसआइटी का गठन.
8 जून 2016 को विशेष्श्वर प्रसाद समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया
11 जून 2016 को अमित उर्फ बच्चा राय को गिरफ्तार किया गया.
20 जून को वाराणसी से लालकेश्वर प्रसाद, उषा सिन्हा व प्रभात जायसवाल को गिरफ्तार किया
5 सितंबर को निगरानी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गयी.
कब-कौन गिरफ्तार
सौरभ श्रेष्ठ : जमानत मिली
रूबी राय व विकास चंद्रा : 26 जून, 2016 (रूबी जमानत पर)
राहुल राज : 19 अगस्त, जमानत
शंभूनाथ दास, संजीव कुमार सुमन : 10 जून, 2016
रंजीत कुमार मिश्रा : 10 जून, 2016
शैल कुमारी : 10 जून, 2016
अजीत शक्तिमान, संदीप कुमार झा व अमित कुमार उर्फ बच्चा राय : 12 जून, 2016
अनिल कुमार : 14 जून, 2016
वीणा सिन्हा : 19 जून, 2016
उषा सिन्हा, लालकेश्वर प्रसाद सिंह, प्रभात कुमार जायसवाल : 21 जून 2016 (प्रभात जमानत पर)
नंदकिशोर यादव, डॉ कुमारी शकुंतला, नीशु सिंह, रीता कुमारी : 21 जून, 2016
हरिहर नाथ झा : 22 जून, 2016
रामभूषण झा : 28 जून, 2016
श्रीनिवास चंद तिवारी : 05 जुलाई
अजय कुमार सिंह : 15 जुलाई
विनोद चंद्र झा, सुरेंद्र प्रसाद, चंद्रमणि प्रसाद सिंह व अरुण कुमार सिंह : 21 जुलाई, 2016
ओमप्रकाश सिन्हा : 22 जुलाई

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