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हाइब्रिड एनयूटी मॉडल पर बनेंगी ग्रामीण सड़कें

पटना : एनएचआई की हाइब्रिड एनयूटी मॉडल की ही तरह अब ग्रामीण कार्य विभाग भी अपनी सड़कों का निर्माण करायेगा. इसमें सरकार को एकमुश्त पैसा नहीं लगाना होगा. पायलट प्रोजेक्ट के लिए किशनगंज जिले का चयन किया गया है. अभी मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना की सड़कें इस मॉडल पर बनेंगी. किशनगंज में 650 किलोमीटर सड़क […]

पटना : एनएचआई की हाइब्रिड एनयूटी मॉडल की ही तरह अब ग्रामीण कार्य विभाग भी अपनी सड़कों का निर्माण करायेगा. इसमें सरकार को एकमुश्त पैसा नहीं लगाना होगा. पायलट प्रोजेक्ट के लिए किशनगंज जिले का चयन किया गया है. अभी मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना की सड़कें इस मॉडल पर बनेंगी. किशनगंज में 650 किलोमीटर सड़क का निर्माण होना है.
तीन कंपनियों ने इस मॉडल में अपनी दिलचस्पी दिखायी है. अगर यह प्रयोग सफल रहा तो अन्य जिलों में भी इसे लागू करने पर विचार किया जायेगा. विभागीय अधिकारियों के अनुसार पहली बार ग्रामीण सड़कों के निर्माण में इस मॉडल का प्रयोग होगा. एनएचआई अबतक इस मॉडल पर सड़क बनाती रही है. इस मॉडल की खासियत है कि इसमें सरकार को सड़क निर्माण के लिए एक साल पूरी राशि नहीं लगानी होती है.
सरकार संवेदक को दो साल में लागत का 40 फीसदी राशि का भुगतान करेगी शेष राशि किस्त के रूप में दिया जायेगा.
सरकार राज्य की सभी बसावटों को बारहमासी सड़क से जोड़ने की योजना पर काम कर रही है. यह सरकार के सात निश्चय में एक है. राज्य 27 गैर आईएपी जिले में ढाई सौ से पांच सौ की आबादी बाले बसावटों में एमजीएसवाई से सड़क का निर्माण हो रहा है. अबतक 2500 किलोमीटर के करीब निर्माण हो चुका है. 30 हजार किलोमीटर से अधिक सड़क का निर्माण होना है. इसपर 32 हजार करोड़ से अधिक खर्च आयेगा. सड़क निर्माण के लिए विश्व बैंक से 5000 करोड़ मिल रहा है. ब्रिक्स से भी कर्ज लेने का प्रयास किया जा रहा है.
बताया जाता है कि राशि के इंतजाम के लिए विकल्प के रूप में सरकार ने हाइब्रिड एनयुटी मॉडल को चुना है. इस मॉडल में निर्माण के पहले दो साल की अवधि में संवेदक को 40 फीसदी राशि का भुगतान होगा. शेष 60 फीसदी मेंटनेंस राशि के साथ मेंटनेंस अवधि में हर छह माह पर भुगतान होगा. सड़क निर्माण की अवधि दो साल रखा गया गया है. संवेदक को 10 साल तक मेंटनेस करना है. पायलट प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए एक सलाहकार की भी नियुक्ति होगी जो डीपीआर बनाने से लेकर टेंडर और संवेदक तक के चयन में सहयोग करेगा.
सरकार सभी बसावटों में बारहमासी सड़क के निर्माण के लिए तत्पर है. यह मुख्यमंत्री के सात निश्चय में शामिल है. सड़क निर्माण में राशि की कमी से कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए इस मॉडल को लाया गया है.
शैलेश कुमार, ग्रामीण कार्यमंत्री

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