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15000 की सप्लाइ, 4000 की ही धुलाई

पटना: ट्रेनों की एसी बोगियों में यात्रियों को मैले बेडरोल दिये जा रहे हैं. चादर, कंबल, खोल व तौलिया बिना धुलाई के ही यात्रियों को दिये जा रहे हैं. पटना जंकशन व राजेंद्रनगर टर्मिनल से रवाना होनेवाली राजधानी सहित आठ ट्रेनों में रोजाना करीब 15 हजार बेडरोल की सप्लाइ की जाती है, जबकि ठेकेदार के […]

पटना: ट्रेनों की एसी बोगियों में यात्रियों को मैले बेडरोल दिये जा रहे हैं. चादर, कंबल, खोल व तौलिया बिना धुलाई के ही यात्रियों को दिये जा रहे हैं. पटना जंकशन व राजेंद्रनगर टर्मिनल से रवाना होनेवाली राजधानी सहित आठ ट्रेनों में रोजाना करीब 15 हजार बेडरोल की सप्लाइ की जाती है, जबकि ठेकेदार के पास दीघा में मौजूद धुलाई मशीन की क्षमता 24 घंटे में चार हजार बेडरोल धोने की है.

पटना जंकशन व राजेंद्रनगर टर्मिनल से खुलनेवाली राजधानी एक्सप्रेस, संपूर्ण क्रांति, लोकमान्य तिलक, अर्चना एक्सप्रेस, जियारत एक्सप्रेस, तीनसुकिया एक्सप्रेस, दानापुर-हावड़ा व साउथ बिहार के एसी कोच में बेडरोल के धुलाई, ड्राइ वाश, ट्रेन में लोडिंग व अनलोडिंग के लिए करीब छह करोड़ का ठेका तीन साल के लिए है. रेलवे सूत्रों के मुताबिक, सभी ट्रेनों के एसी कोच में बेडरोल की कुल सप्लाइ प्रति दिन 15 हजार होती है. सवाल यह है कि ठेकेदार के पास रोजाना चार हजार बेडरोल की धुलाई की क्षमता की ही मशीन है, तो 15 हजार बेडरोल कैसे धुल रहे हैं.

बदल दिया जाता है टैग
बेडरोल की सप्लाइ में बड़ा गोलमाल है. जंकशन पर ट्रेन के पहुंचने के बाद एसी कोच से इस्तेमाल किये गये बेडरोल उतारे जाते हैं और बिना धुलाई किये ही नया टैग लगा कर फिर दूसरी ट्रेन में चढ़ा दिया जा रहा है.

नहीं देते जूट का बैग
एसी कोच में दो चादर, एक कंबल, खोली, बड़ा तौलिया व छोटा तौलिया जूट के बैग में पैक कर सप्लाइ करने का प्रावधान है. ट्रेन में चढ़ाते समय धूल-गंदगी से बचाने के लिए ऐसा नियम बनाया गया है. लेकिन, धुलाई ठेकेदार चादर की गठरी बना कर बेडरोल सप्लाइ कर रहे हैं. इससे चादर फट जाती है, जिससे रेलवे को आर्थिक क्षति हो रही है. जूट के बैग पर आनेवाला खर्च ठेकेदार और रेलवे के जिम्मेदारों की जेब में जा रहा है.

30 लाख का भुगतान
रेलवे की तरफ से बेडरोल की धुलाई पर प्रति माह 30-31 लाख रुपये का बिल भुगतान किया जा रहा है. लेकिन, रेल अधिकारी बेडरोल की साफ-सफाई और जूट के बैग की जगह चादर की गठरी के प्रति आंख बंद किये हुए हैं. सूत्रों की मानें, तो सब मैनेज का खेल है. अधिकारी जानबूझ कर खामोश रहते हैं और बिल भुगतान के बाद हिस्सेदारी तय होती है.

जुर्माने का प्रावधान
यात्रा के दौरान बेडरोल से संबंधित शिकायत दर्ज कराने पर ठेकेदार पर पांच हजार तक के जुर्माने का प्रावधान है. यात्र के दौरान यात्री सुपरवाइजर व टीएक्सआर की टीम से शिकायत करते हैं. लिखित रूप में प्रति माह 15 से 20 शिकायतें दर्ज हो रही हैं.

कहते हैं अधिकारी

शिकायत मिलने पर ठेकेदार पर जुर्माना लगाया जाता है. जूट के बैग में सप्लाइ के मामले में दानापुर के जन संपर्क अधिकारी ही जवाब देंगे.
हरिश्चंद्र भट्ट, कोच डिपो अफसर

बेडरोल की सप्लाइ दो शिफ्टों में होती है. शिकायत मिलने पर जुर्माना लगाया जाता है. जूट के बैग में सप्लाइ के मामले में मैं नहीं बता सकता.

श्रवण कुमार, वरीय मंडल यांत्रिक अभियंता

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