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टूट गये टांके, कर्मचारियों ने आंत अंदर कर लगा दिया टेप, मरीज गंभीर
परिजनों का आरोप, डॉक्टर ने आशीर्वाद अस्पताल के बदले जगदीश मेमोरियल में की सर्जरी, मरीज गंभीर पटना : 14 दिनों पहले एक मरीज के पेट का ऑपरेशन हुआ. ऑपरेशन के कुछ दिन बाद ही टांके टूट गये. आनन-फानन में परिजनों ने अस्पताल में सूचना दी, तो अस्पताल के दो कर्मी वार्ड में आये और निकली […]
परिजनों का आरोप, डॉक्टर ने आशीर्वाद अस्पताल के बदले जगदीश मेमोरियल में की सर्जरी, मरीज गंभीर
पटना : 14 दिनों पहले एक मरीज के पेट का ऑपरेशन हुआ. ऑपरेशन के कुछ दिन बाद ही टांके टूट गये. आनन-फानन में परिजनों ने अस्पताल में सूचना दी, तो अस्पताल के दो कर्मी वार्ड में आये और निकली हुई आंत को पेट के अंदर कर ऊपर से टेप लगा दिया. यह स्थिति घटना मंगलवार को कंकड़बाग स्थित जगदीश मेमोरियल अस्पताल में घटी. मरीज अब भी उसी हालत में अस्पताल के बेड पर पड़ा हुआ है.
दरअसल, राजधानी के पोस्टल पार्क के रहने वाले अरुण कुमार वर्मा (55) के पेट में आंत का ऑपरेशन कराने के लिए परिजनों ने 14 दिन पहले कंकड़बाग स्थित आशीर्वाद अस्पताल लाये. वहां डॉक्टर ने मरीज को गंभीर बताया और उसे जगदीश मेमोरियल अस्पताल लेकर गये. इसके बाद मरीज का ऑपरेशन किया गया.
मरीज को 12 टांके लगाये गये. परिजन अनिल झा ने बताया कि टांके समय से पहले ही टूट गये. इससे पूरी आंत बाहर आ गयी. जब अस्पताल में गया तो उसे सीधे बेड पर भरती कर दिया गया. टांके टूटने से नाराज परिजनों ने जम कर हंगामा किया. इसके बाद डॉक्टरों की टीम आयी अौर जहां टांके टूटे थे, वहां पर टेप लगा दिया गया. नाराज परिजनों ने डॉक्टर के खिलाफ लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.
क्या कहते हैं परिजन
पेट में आंत के ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने 12 टांके लगाये, लेकिन टांके खुद ही टूट गये. इससे मरीज का पूरा आंत बाहर दिखायी देने लगी. आनन-फानन में हम लोगों ने फिर से अस्पताल लेकर आये जहां डॉक्टरों ने टांके वाली जगह पर टेप चिपका दिया है.
प्रभात कुमार, मरीज का मामा
आशीर्वाद में आइसीयू की सुविधा नहीं कह वहां के डॉक्टर जगदीश मेमोरियल लाये, जहां सर्जरी की गयी. हालांकि यहां भी आइसीयू में मरीज को नहीं भरती किया गया. टांके टूटने के बाद हम लोगों ने जब हंगामा किया तो अस्पताल के जिम्मेवार लोगों की आंखें खुलीं.
अनिल झा, मरीज का रिश्तेदार
पेशेंट के चलते टूटे टांके
सर्जरी के बाद मैंने पेशेंट को बेल्ट लगाने को कहा था. लेकिन वह बेल्ट नहीं लगा रहे थे. जोर पड़ने पर टांके ढीले हो जाते हैं और उनके टूटने की आशंका अधिक हो जाती है. इसके अलावा उम्र के अनुसार उनकी चमड़ी भी ढीली हो गयी थी, साथ ही एनिमिया था. यही वजह है कि पेशेंट के टांके टूट गये. हालांकि अस्पताल आने के बाद उनको अच्छे से ट्रीटमेंट किया गया, मरीज पूरी तरह से स्वास्थ्य है.
डॉ विनोद कुमार, सर्जन, जगदीश मेमोरियल व आशीर्वाद अस्पताल
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