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एनआइटी में छेड़खानी के पीछे रैगिंग तो नहीं !

मामला उलझा. ठेकेदार समेत 150 मजदूरों की हुई परेड, पीड़िता ने कहा – नहीं पहचान रही हूं किसी को रविवार की रात एनआइटी कैंपस में हुई छेड़खानी के मामले में पुलिस की चुनौती बढ़ गयी है. फिलहाल तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है. पटना : एनआइटी में फर्स्ट इयर छात्रा के साथ छेड़खानी […]

मामला उलझा. ठेकेदार समेत 150 मजदूरों की हुई परेड, पीड़िता ने कहा – नहीं पहचान रही हूं किसी को
रविवार की रात एनआइटी कैंपस में हुई छेड़खानी के मामले में पुलिस की चुनौती बढ़ गयी है. फिलहाल तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है.
पटना : एनआइटी में फर्स्ट इयर छात्रा के साथ छेड़खानी व दुष्कर्म के प्रयास के मामले में नया मोड़ आ गया है.वारदात के सामने आने के बाद हरकत में आयी पीरबहोर पुलिस ने सोमवार को एनआइटी कैंपस में शिनाख्त परेड करायी.
इसके लिए ठेकेदार समेत कैंपस में काम करनेवाले सभी 150 मजदूरों की सूची बना कर छात्रा के सामने पेश किया गया. इस दौरान वे दोनों छात्राएं भी थीं, जिन्होंने दावा किया था कि उन्होंने मजदूर को भागते हुए देखा था. लेकिन, परेड के दौरान किसी को भी पहचानने से इनकार कर दिया. पीड़ित छात्रा ने कहा कि वह किसी को नहीं पहचान रही है, जबकि अन्य दोनों छात्राओं ने भी किसी भी मजदूर की पहचान नहीं की. इससे पुलिस की चुनौती बढ़ गयी है. पूरे दिन मामले की पड़ताल में जुटी पुलिस अब रैगिंग के मामले पर जांच कर रही है. पुलिस ने अभी तीन लोगों को हिरासत में रखा है. उनसे पूछताछ की जा रही है.
दरअसल एनआइटी छात्रा से शनिवार की रात करीब आठ बजे हुई छेड़खानी की घटना के बाद पूरा पुलिस महकमा हरकत में आ गया. सोमवार को उच्चाधिकारियों ने इसकी मॉनीटरिंग शुरू कर दी.
तत्काल कार्रवाई के लिए पीरबहोर पुलिस ने सबसे पहले ठेकेदार को बुलाया, जिसके अंदर में मजदूर काम कर रहे हैं. इसके बाद सभी के नाम की सूची बनायी गयी. फिर सभी मजदूरों की कॉलेज कैंपस में परेड करायी गयी. फिलहाल किसी की पहचान नहीं होने से मामला उलझ गया है.
चेहरा नहीं देखने की बात कही है पीड़िता ने : पुलिस अब इस केस की जांच नये एंगल से कर रही है. जांच के केंद्र में रैगिंग को रखा गया है. चूंकि छात्रा फर्स्ट ईयर की है, इसलिए रैगिंग की आशंका है. रैगिंग जैसी हरकत छात्र भी कर सकते हैं और छात्राएं भी. छात्रा के बयान पर गौर करें तो उसने कहा कि जब वह कॉलेज की छत पर फोन से बात कर रही थी. इस दौरान उसे पीछे से पकड़ कर सीढ़ी के रास्ते नीचे ले जाया जा रहा था. चूंकि उसे पीछे से पकड़ा गया था, इसलिए वह चेहरा ठीक से नहीं देख पायी, कि वह कौन था. दो अन्य छात्राओं के शोर मचाने पर वह भाग गया. पुलिस गहराई से जांच कर रही है.
छात्राओं से निदेशक ने की मुलाकात
पटना. एनआइटी में शनिवार को छात्रा के साथ हुई घटना के बाद प्रबंधन ने सुरक्षा को लेकर कई और कदम उठाये हैं. सोमवार को छात्राओं से बात करने के बाद निदेशक प्रोफेसर अशोक डे ने छह सदस्यों की कमेटी बनायी है, जो मामले की जांच करेगी. पुलिस की जांच के अलावा यह एनआइटी की इंटरनल जांच होग. टीम दस दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंप देगी. टीम में डॉ यूएस तिरियार, डीन डॉ एसके वर्मा, डॉ जीके चौधरी, डॉ संजीव सिन्हा, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ रांजा बंदाेपाध्याय व असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ रोशनी टी शामिल हैं.
कैमरे की जद में होगा कैंपस
निदेशक ने बताया कि पूरे एनआइटी कैंपस में सीसीटीवी को लगाने का काम जल्द-से-जल्द पूरा कर लिया जायेगा. इससे पहले सीपीडब्ल्यूडी को करीब 57 लाख रुपये की लागत से सीसीटीवी लगाने का काम सौंपा था. लेकिन अब यह काम एनआइटी खुद करेगा.
तैनात होगी महिला पुलिस निदेशक ने बताया कि इसके अलावा छात्राओं की हिफाजत के लिए सभी गर्ल्स हॉस्टल में बिहार पुलिस की महिला कांस्टेबलों को तैनात किया जायेगा. साथ ही सभी हॉस्टलों में सिक्यूरिटी एजेंसी के गार्ड्स की भी तैनाती होगी. संस्थान के मेन गेट के अंदर आने के लिए अब किसी को बिना आइ कार्ड के इंट्री नहीं मिलेगी. इसके अलावा कैंपस के अंदर काम करने वाले मजदूरों के लिए भी ड्रेस कोड को लागू किया जायेगा. मजदूरों को भी आइ कार्ड जारी किया जायेगा.

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