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हिंदी को लोकप्रिय बनाना है, तो उतारना होगा विशुद्धता का चोला
पटना : हिंदी को यदि लोकप्रिय बनाना है तो भाषा की विशुद्धता का चोला फेंक देना होगा. यदि हम ऐसा नहीं कर सके तो भाषा को वैश्विक बनाना मुश्किल होगा. ये बातें विश्व हिंदी के प्रस्तावक सह भारत सरकार के हिंदी सलाहकार समिति के सदस्य विरेंद्र कुमार यादव ने कहीं. वे जगदंबी प्रसाद यादव स्मृति […]
पटना : हिंदी को यदि लोकप्रिय बनाना है तो भाषा की विशुद्धता का चोला फेंक देना होगा. यदि हम ऐसा नहीं कर सके तो भाषा को वैश्विक बनाना मुश्किल होगा. ये बातें विश्व हिंदी के प्रस्तावक सह भारत सरकार के हिंदी सलाहकार समिति के सदस्य विरेंद्र कुमार यादव ने कहीं. वे जगदंबी प्रसाद यादव स्मृति प्रतिष्ठान, अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिषद और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हिंदी, एक राजभाषा पर आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे. उन्होंने दसवें विश्व हिंदी सम्मेलन में 348 धारा को संशोधन करने का प्रस्ताव दिया और कहा कि इससे सर्वोच्च न्यायालय की भाषा हिंदी हो जायेगी.
उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री और हिंदी मर्मज्ञ जगदंबी प्रसाद यादव के नाम पर राजभाषा पुरस्कार शुरू करने की मांग की. भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् के निदेशक शत्रुघ्न सिन्हा ने संस्कृति के विधा से जुड़े लोगों को वैचारिक आदान प्रदानमें हिस्सा लेने का आह्वान किया. बाल संरक्षण अधिनियम आयोग की अध्यक्षा निशा, मंच की महासचिव डॉ अंशुमाला, जियालाल आर्य, सत्यनारायण कवि, ज्योति परिहार आदि मौजूद थीं.
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