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2.57 लाख शिक्षकों के वेतन की राशि जारी, 30 हजार का अटका

पटना : राज्य के प्रारंभिक स्कूलों के 2.57 लाख वैसे नियोजित शिक्षक जिन्हें सर्वशिक्षा अभियान से वेतन का भुगतान होता है, उनके लिए मई, जून, जुलाई की राशि जारी कर दी गयी है. वहीं, हाइ व प्लस टू स्कूलों के 35 हजार नियोजित शिक्षकों में से दो-तीन जिलों छोड़ बाकी जगहों पर उपयोगिता प्रमाण पत्र […]

पटना : राज्य के प्रारंभिक स्कूलों के 2.57 लाख वैसे नियोजित शिक्षक जिन्हें सर्वशिक्षा अभियान से वेतन का भुगतान होता है, उनके लिए मई, जून, जुलाई की राशि जारी कर दी गयी है. वहीं, हाइ व प्लस टू स्कूलों के 35 हजार नियोजित शिक्षकों में से दो-तीन जिलों छोड़ बाकी जगहों पर उपयोगिता प्रमाण पत्र की वजह से अटका पड़ा है. इसको लेकर शिक्षा मंत्री डॉ. अशोक चौधरी ने खुद वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी से बात भी की, लेकिन अभी भी फाइल वित्त विभाग में ही अटकी पड़ी है. इससे अधिकांश जिलों के डीपीओ के एकाउंट में लगा लॉक नहीं खुल सका है.
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् के राज्य परियोजना निदेशक संजय सिंह ने 2.57 लाख शिक्षकों के तीन महीने के वेतन की राशि जारी कर दी है. राशि को सभी जिलों के जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (प्रारंभिक शिक्षा व सर्वशिक्षा अभियान) के खाते में ट्रांसफर कर दिया है. इसकी सूचना सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को भी दे दी गयी है. इस काम को काफी गंभीरता से लिया गया है. संजय सिंह ने निर्देश दिया है जुलाई तक की जो राशि दी गयी है, उसे शिक्षकों के वेतन मद में ही खर्च किया जाये और इसके बाद डीपीओ (स्थापना) शिक्षकों को वेतन जारी करने की सूचना की जानकारी संबंधित बैंकों से लेकर राज्य स्तरीय कार्यालय में उपलब्ध करायेंगे. इसके साथ-साथ आने वाले महीनों में वेतन के लिए कितनी राशि की जरूरत है, इसकी भी जानकारी देंगे, ताकि जो आवश्यकता है उस आधार पर राशि निर्गत किया जा सके. कई बार यह शिकायत की जाती है कि सही डाटा उपलब्ध नहीं होने की वजह से राशि निर्गत करने में परेशानी होती है.
बीइपी के राज्य परियोजना निदेशक संजय सिंह ने जिलों को निर्देश दिया है कि वह दी गयी राशि का सही से सदुपयोग करें और जानकारी दें. पिछली बार मार्च-अप्रैल महीने की राशि जारी की गयी थी, लेकिन भोजपुर ने तो मई तक के वेतन शिक्षकों को बांटने की जानकारी दे दी थी.
अनियमितता पर राज्य सरकार गंभीर
कैमूर के डीपीओ की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल तक की राशि शिक्षकों के दे दी गयी थी, लेकिन शिक्षकों से मिली सूचना के अनुसार उन्हें मार्च का ही वेतन मिल सका था. इससे शिक्षकों को काफी परेशानी उठानी पड़ी. ऐसी अनियमितता पर राज्य सरकार गंभीर है और इस तरह के मामले आने पर उसे नजर अंदाज नहीं किया जायेगा.
ग्रामीण कार्य के पांच अधीक्षण अभियंताओं पर गिरी गाज
पटना. ग्रामीण कार्य विभाग ने कार्य आवंटन के बाद भी अनावश्यक रूप से उस आदेश को रोके जाने पर पांच अधीक्षण अभियंताओं पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया है. इनके खिलाफ प्रपत्र गठित कर विभागीय कार्रवाई चलेगी. संबंधित मुख्य अभियंताओं ने उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा सरकार से कर दी है. ये लोग कार्य आवंटन आदेश के बाद भी संवेदकों का एग्रीमेंट दो से तीन माह तक रोक कर रखते थे. ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार ने शुक्रवार को मुख्य अभियंता एक, दो और तीन के साथ समीक्षा के बाद विभागीय सचिव विनय कुमार को संबंधित अभियंताओं पर कार्रवाई का निर्देश दिया.
विभागीय कार्रवायी में इन अभियंताओं का प्रोमोशन रुक सकता है. जिन अधीक्षण अभियंताओं पर कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है, उनमें गया के अवधेश कुमार रजक, सहरसा के यज्ञ नारायण मिश्र, छपरा के मो कुरैशी, मुजफ्फरपुर के ओमप्रकाश मांझी और सीवान के विनोद कुमार अग्रवाल शामिल हैं.

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