पटना: कदमकुआं थाने के दरियापुर में राजधानी मार्केट के समीप रेलवे के पूर्व पैथोलॉजिस्ट तारकेश्वर सिन्हा (80) का शव उनके आवास में बनी दुकान से बरामद किया गया. शव पूरी तरह सड़-गल चुका था. आशंका है कि चार दिन पहले ही उनकी मौत हो गयी थी, क्योंकि चार दिन पहले लोगों ने उन्हें देखा था.
गुरुवार को आसपास के दुकानदारों को दरुगध आने लगी. लोगों ने जब छानबीन की, तो पता चला कि दरुगध तारकेश्वर सिन्हा की दुकान से आ रही है. जानकारी मिलते ही कदमकुआं थानाध्यक्ष अजय कुमार वहां पुलिस बल के साथ पहुंचे व बंद दुकान का दरवाजा तोड़ कर शव को बाहर निकाला. इस संबंध में यूडी केस दर्ज किया गया.
नहीं की थी शादी : तारकेश्वर सिन्हा नैनीताल में रेलवे अस्पताल में पैथोलॉजिस्ट का काम करते थे और सेवानिवृत्ति के बाद अपने दरियापुर गोला स्थित आवास पर रहते थे. उन्होंने शादी नहीं की थी और न ही उनका कोई परिवार वहां आता था.
प्रकट हो गये परिजन
भले ही उनके जिंदा रहते तारकेश्वर सिन्हा को कोई रिश्तेदार न पूछता हो, लेकिन इस घटना के बाद कई लोग खुद को उनके परिजन बताते हुए प्रकट हो गये. कोई उन्हें चाचा बता रहा था, तो कोई फूफा. छोटी खगौल से आयी महिला सियामनी देवी ने तारकेश्वर सिन्हा को अपना फुफेरा भैंसुर बताया. इधर, स्थानीय निवासी गोरखनाथ निषाद ने बताया कि तारकेश्वर सिन्हा ने शादी नहीं की थी और उन्होंने काफी समय से किसी रिश्तेदार को उनके आवास पर आते-जाते भी नहीं देखा. उनकी मौत के बाद अचानक ही कई रिश्तेदार यहां पहुंच गये, जो आश्चर्य का विषय है.