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कोलकाता में नहीं मिला होमियोपैथी कंपनी का पता

उत्पाद उपायुक्त गये थे स्पॉट जांच के लिए कोलकाता, बोतल के लेबल पर मिला फर्जी कंपनी का नाम स्पॉट से थुजा की खाली 26 बोतलें मिली थीं पटना : गोपालगंज शराब कांड में उत्पाद विभाग की जांच रिपोर्ट आ गयी है. विभागीय उपायुक्त रविन्द्र शर्मा होमियोपैथी दवा सप्लाई करने वाली कंपनी की जांच करने कोलकाता […]

उत्पाद उपायुक्त गये थे स्पॉट जांच के लिए कोलकाता, बोतल के लेबल पर मिला फर्जी कंपनी का नाम
स्पॉट से थुजा की खाली 26 बोतलें मिली थीं
पटना : गोपालगंज शराब कांड में उत्पाद विभाग की जांच रिपोर्ट आ गयी है. विभागीय उपायुक्त रविन्द्र शर्मा होमियोपैथी दवा सप्लाई करने वाली कंपनी की जांच करने कोलकाता गये हुए थे. उन्होंने वापस लौटकर अपनी रिपोर्ट विभाग को सौंप दी है. जांच में यह पाया गया कि कोलकाता में इस नाम की कंपनी है ही नहीं, जिस नाम का लेबल घटना स्थल से बरामद होमियोपैथी दवा की करीब 26 बोतलों मिली थीं.
खजुरबानी में मिली बोतलों पर ‘स्टैंडर्ड होमियो लैबोरेटरी’ नामक कंपनी का लेबल चिपका था और इस कंपनी का पता ’37-बूरो शिवतला रोड, कोलकाता’ लिखा हुआ था. परंतु जब उपायुक्त उस स्थान पर कंपनी की जांच करने गये थे, तो पता चला कि इस नाम की कोई कंपनी यहां है ही नहीं. पहले भी इस नाम की कोई कंपनी यहां नहीं हुआ करती थी. इससे यह स्पष्ट हो गया कि यह कंपनी पूरी तरह से फर्जी है. फर्जी कंपनी के नाम पर होमियोपैथी दवा की बोतलों में थूजा-30 नाम की जो दवा होने की बात शुरुआती जांच में सामने आयी थी. अब कोलकाता में अंकित कंपनी के फर्जी साबित होने पर यह आशंका जतायी जा रही है कि होमियोपैथी दवा की बोतल और शीशी में थूजा-30 नाम की दवा थी ही नहीं. हो सकता है इस बोतल में किसी अन्य तरह का केमिकल भरकर इस स्थान पर भेजा गया था.
हालांकि अभी तक की जांच में यह स्पष्ट नहीं सका है कि यह कौन का केमिकल था. इस केमिकल की जांच के लिए इसे मुजफ्फरपुर स्थित एफएसएल में भेजा गया है, जिसकी जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं आयी है. दो-तीन दिन में यह रिपोर्ट आ जायेगी. इसके बाद स्पष्ट हो जायेगा कि लोगों की जान लेने वाला केमिकल क्या था? इसी केमिकल की मदद से जहरीली शराब तैयार की गयी थी, जिसे खुजबानी में जलकुंभी के पास 40 रुपये प्रति ग्लास की दर से बेचा जा रहा था. इसे पीने से 18 लोगों की मौत हो गयी थी.
होमियोपैथी दवा की कंपनी फर्जी साबित होने के बाद यह भी आशंका जतायी जा रही है कि इस केमिकल को बिहार में ही कहीं से लाया गया था. इसके पटना, मुजफ्फरपुर या अन्य किसी शहर से लाया जा रहा था. इसे होमियोपैथी दवा की बोतलों में रखकर इसलिए सप्लाई किया जा रहा था, ताकि रास्ते में इसे दवा के नाम पर कोई रोकटोक नहीं हो सके. इन बातों पर जांच शुरू हो गयी है. पूरी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हकीकत सामने आ पायेगी.

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