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आपको जागरूक करेंगी दीदियां

स्वस्थ हवा के लिए धुआं रहित रसोई विषय पर सम्मेलन का आयोजन जीविका की दीदियां बतायेंगी, कैसे करें धुआं रहित ईंधन का इस्तेमाल मंत्री श्रवण कुमार व मंत्री अशोक चौधरी ने कहा, जागरूक हों लोग पटना : ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए इसके स्रोतों को समाप्त […]

स्वस्थ हवा के लिए धुआं रहित रसोई विषय पर सम्मेलन का आयोजन
जीविका की दीदियां बतायेंगी, कैसे करें धुआं रहित ईंधन का इस्तेमाल
मंत्री श्रवण कुमार व मंत्री अशोक चौधरी ने कहा, जागरूक हों लोग
पटना : ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए इसके स्रोतों को समाप्त करने के दिशा में काम करना होगा. खास कर घरेलू वायु प्रदूषण को कम करने के लिए नीति बनानी होगी. साथ ही इसके बारे में लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. मंत्री श्रवण कुमार सोमवार को होटल मौर्या में सेंटर फॉर एन्वायरमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट सीड की ओर से स्वस्थ हवा के लिए धुआं रहित रसोई विषय पर आयोजित सम्मेलन में बोल रहे थे.
बिहार भर में एक करोड़ 26 लाख बीपीएल परिवार : मंत्री में श्रवण कुमार ने कहा कि पूरे बिहार भर में एक करोड़ 26 लाख बीपीएल परिवार हैं. इसके अलावा भी अन्य कई परिवार ऐसे हैं, जिनके लिए अलग से योजना बना कर पारंपरिक ईंधन को समाप्त करना होगा. इसके लिए अब जीविका की दीदियों की मदद से घर-घर जागरूकता अभियान चलाया जायेगा. ताकि लोग धुआंरहित ईंधन का इस्तेमाल कर सकें. वहीं शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने इसे गंभीरता पूर्वक लेते हुए कहा कि स्कूलाें में बनने वाले मिड डे मील में सौ फीसदी तक एलपीजी गैस का प्रयोग किया जायेगा. इसकी शुरुआत कर दी गयी है. स्कूलों में आधुनिक किचेन की व्यवस्था की जा रही है.
पटना शहरी क्षेत्र की 20 फीसदी आबादी पारंपरिक ईंधन पर निर्भर : सेंटर फॉर एन्वायरमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट के सीइओ रमापति ने बताया कि आज भी पटना शहरी क्षेत्र के लगभग 15-20 फीसदी आबादी पारंपरिक ईंधन का इस्तेमाल करती है. सेंटर फॉर एन्वायरमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट द्वारा हाल में कराये सर्वे के मुताबिक एक लाख 38 हजार घरों में पारंपरिक तौर तरीके से ही खाना बनाया जा रहा है. जिसका असर वायु प्रदूषण के रूप में भी देखा जा सकता है. वहीं, वर्ष 2011 के जनगणना के अनुसार बिहार में 90 फीसदी आबादी पारंपरिक ईंधन का इस्तेमाल कर रही. इससे वातावरण में भारी मात्रा में घरेलू वायु प्रदूषण फैल रहा है.
नयी तकनीक से बनाएं ईंट-भट्ठे : प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर्षद के डॉ नवीन कुमार ने बताया कि वायु प्रदूषण को कम करने के लिए पर्षद द्वारा जिले के पांच ब्लॉक में ईंट-भट्ठे को एनओसी पर रोक लगा दी गयी है. इसके अलावा पुराने तकनीक से चल रहे ईंट-भट्ठों के संचालकों को अब नयी तकनीक के इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया है.
अर्थशास्त्री डॉ शैबाल गुप्ता ने इसके कुप्रभावों के बारे में जानकारी देते हुए इससे निबटने की जानकारी दी. इसके अलावा कार्यक्रम में मौजूद विभिन्न गैरसरकारी संस्थाओं द्वारा धुआंरहित ईंधन के प्रयोग करने और वायु प्रदूषण को कम करने के विषय पर विस्तृत चर्चा की गयी.

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