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विज्ञान, गणित व अंगरेजी का अब एक ही सिलेबस

पटना : सीबीएसइ हो या आइसीएसइ या बिहार बोर्ड के छात्र हो, अब एक ही किताब से पढ़ाई होगी. सभी बोर्ड में विज्ञान, गणित और अंगरेजी का एक ही सिलेबस को लागू किया जायेगा. इससे सिलेबस की असमानता को समाप्त किया जा सकेगा. नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2016 के तहत यह किया जा रहा है. […]

पटना : सीबीएसइ हो या आइसीएसइ या बिहार बोर्ड के छात्र हो, अब एक ही किताब से पढ़ाई होगी. सभी बोर्ड में विज्ञान, गणित और अंगरेजी का एक ही सिलेबस को लागू किया जायेगा. इससे सिलेबस की असमानता को समाप्त किया जा सकेगा. नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2016 के तहत यह किया जा रहा है. काउंसिल ऑफ बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन इन इंडिया (कोबसे) ने इसकी स्वीकृति दे दी है. कोबसे के अनुसार 2017 के नये सेशन से इसे लागू कर दिया जायेगा. इसकी जानकारी जल्द ही तमाम स्टेट बोर्ड को दी जायेगी.
– प्रतियोगी परीक्षा में मिलेगी सुविधा
सीबीएसइ को छोड़ तमाम बोर्ड के छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए अलग से सीबीएसइ का सिलेबस पढ़ाना होता था. चूंकि सीबीएसइ में एनसीइआरटी को ही फोकस किया जा रहा है. इस कारण दूसरे बोर्ड के छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए अपने बोर्ड के सिलेबस के अलावा एनसीइआरटी भी अलग से पढ़ना होता है.
दूसरी ओर आइसीएसइ बोर्ड ने 9वीं से 12वीं तक के सिलेबस में परिवर्तन कर दिया है. जहां अभी तक आइसीएसइ बोर्ड में अपना सिलेबस होता था, वहीं अब सीबीएसइ के सिलेबस की पढ़ाई होगी. बोर्ड इसे 2017 से लागू भी करने जा रहा है. हाल में बोर्ड ने इसकी सूचना तमाम स्कूलों को दे दी है.
यह काफी अच्छा प्रयास है. एक सिलेबस होने से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में काफी मदद मिलेगी. इसके अलावा अलग-अलग बुक पढ़ने की आवश्यकता स्टूडेंट्स को नहीं होगी. आइसीएसइ बोर्ड ने तो इसे समर्थन भी दे दिया है.
आइसीएसइ बोर्ड के सिटी कोर्डिनेटर एफ हसन ने बताया िक समान शिक्षा तो सबसे बढ़िया है. इसे जल्द से जल्द लागू किया जाये. साइंस और मैथ का एक सिलेबस होने से स्टूडेंट्स को काफी फायदा मिलेगा. एक ही स्टूडेंट्स जहां अपडेट सिलेबस पढ़ते थे, वहीं दूसरे बोर्ड में ऐसा लागू नहीं था, इससे असमानता हो रही थी. अब उन्हें भी आगे बढ़ने का मौका मिलेगा.
शिक्षाविद् डा. शंकर कुमार ने कहा िक सीबीएसइ के सिटी कोर्डिनेटर राजीव रंजन सिन्हा ने बताया िक समान शिक्षा होने से बच्चों के पठन पाठन एक तरीके का होगा. इससे पढ़ाई का स्तर एक जैसा बढ़ेगा. इससे स्टूडेंट्स में आत्मविश्वास बढ़ेगा अौर सफलता का ग्राफ भी अच्छा होगा.
9वीं से 12वीं तक लागू
समान सिलेबस की शुरुआत कई चरणों में की जायेगी. पहले चरण में इसे 9वीं से 12वीं तक में लागू किया जायेगा. इसके बाद दूसरे क्लास में एक सिलेबस काे लागू किया जायेगा. अभी देश भर में 59 अधिकृत शिक्षा बोर्ड कोबसे के सदस्य हैं. इन सबका सिलेबस अलग-अलग हैं. सिलेबस एक नहीं होने से पढ़ाई में असमानता बनी रहती है. इसका असर क्वालिटी एजुकेशन पर पड़ रहा है.

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