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घपले का बोर्ड : परीक्षा सेंटर से ही शुरू हो गयी थी धांधली
लिखित कॉपी जमा करने से लेकर जांचने के दौरान तक की गयी मनचाही गड़बड़ी पटना : बिहार बोर्ड घोटाले में हर स्तर पर धांधली उजागर हुई है. जांच में पता चला कि परीक्षा केंद्रों से ही गड़बड़ी की शुरुआत हो गयी थी. नीचे से लेकर ऊपर अध्यक्ष तक सभी इसमें शरीक हैं. जिसे जहां पैसे […]
लिखित कॉपी जमा करने से लेकर जांचने के दौरान तक की गयी मनचाही गड़बड़ी
पटना : बिहार बोर्ड घोटाले में हर स्तर पर धांधली उजागर हुई है. जांच में पता चला कि परीक्षा केंद्रों से ही गड़बड़ी की शुरुआत हो गयी थी. नीचे से लेकर ऊपर अध्यक्ष तक सभी इसमें शरीक हैं. जिसे जहां पैसे का लालच मिला, उसने अपने पद का वहां जम कर दुरुपयोग किया.
शुरुआती स्तर पर हुई धांधली में सेंटर पर कॉपी, लिखित कॉपी जमा करने से लेकर इसके जांचने के दौरान भी मनचाही गड़बड़ी की गयी. उत्तर पुस्तिका के बंडल से पहले ही कॉपी निकाल कर अलग कर ली गयी थी. विशुनदेव राय इंटर कॉलेज का परीक्षा केंद्र हाजीपुर स्थित जीए इंटर कॉलेज की तत्कालीन प्राचार्य शैल कुमारी, विशुन राय कॉलेज में हिन्दी की व्याख्याता वीणा कुमारी सिन्हा और मुजफ्फरपुर स्थित रामबृझ बेनीपुरी महिला महाविद्यालय की तत्कालीन प्राचार्य डॉ. कुमारी शकुंतला से हुई पूछताछ के प्रमुख अंश पेश हैं. जीए इंटर कॉलेज में ही विशुन राय इंटर कॉलेज का परीक्षा केंद्र था.
शैल कुमारी से पूछताछ के मुख्य अंश :-
– प्रिंटिंग प्रेस द्वारा 2016 की इंटर परीक्षा के लिए जो सादी उत्तरपुस्तिका आपको उपलब्ध करायी गयी वह किसके द्वारा प्राप्त की गयी?
शैल : मेरे कॉलेज के शिक्षक प्रहलाद कुमार द्वारा उत्तरपुस्तिका का बंडल प्राप्त किया गया है. प्राप्ति रसीद पर मेरे पदनाम का मुहर लगा हुआ है, जो भी अभियुक्ति या गड़बड़ी सादी उत्तरपुस्तिका के संबंध में की गयी है, वह प्रहलाद कुमार की लिखावट में है.
– सादी उत्तरपुस्तिका के संबंध में प्रहलाद कुमार द्वारा जो अभियुक्ति या गड़बड़ी अंकित की गयी है, उसके संबंध में कोई पत्राचार बतौर केंद्राधीक्षक आपके द्वारा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति या अन्य पदाधिकारियों के पास किया गया है या नहीं?
शैल : बंडल खोलकर देखें, क्रम संख्या उत्तरपुस्तिका पर अंकित था, फलत: पत्राचार मैंने नहीं किया.
– गलत अभियुक्ति दर्ज करने के लिए प्रहलाद कुमार से आपने कारण पृच्छा किया या नहीं?
शैल : नहीं.
– आखिर क्यों?
शैल : कोई उत्तर नहीं.
– विशुनदेव राय कॉलेज के इस वर्ष के इंटर परीक्षार्थी शालीनी राय जो आपके केंद्र पर परीक्षा में उपस्थित हुई थी. उसकी उपस्थिति पत्रक से छेड़छाड़ की गयी है. उपस्थिति पत्रक का अग्रसारण आपके हस्ताक्षर एवं मुहर से हुआ है. आपने छेड़छाड़ को अपने संज्ञान में क्यों नहीं लिया?
शैल : छेड़छाड़ मेरे संज्ञान में नहीं आया. इस वजह से हम इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर पाये केंद्र के बाहर का यह कृत प्रतित होता है.
– विशुनदेव राय कॉलेज के इस वर्ष की इंटर परीक्षार्थी शालिनी राय आपके केंद्र पर परीक्षा में उपस्थित हुई थी. उसकी उत्तरपुस्तिका का क्रम संख्या फाड़ कर फर्जी तरीके से क्रम संख्या अंकित किया गया है. क्रम संख्या के नीचे आपका हस्ताक्षर एवं मुहर लगा हुआ है, ऐसा क्यों?
शैल : उत्तर पुस्तिका में छेड़छाड़ बाहर की गयी है.
– गणित के लिए निर्धारित 28 पेज की उत्तरपुस्तिका के बजाय 20 पेज की उत्तरपुस्तिका विशुनदेव राय कॉलेज के इंटर परीक्षार्थी को आपने क्यों उपलब्ध करायी?
शैल : गणित परीक्षा के दिन केंद्राधीक्षक के रूप में जिला पदाधिकारी के आदेश से डॉ. विधुभूषण प्रसाद सिन्हा कार्यरत थे. उन्हीं के द्वारा परीक्षा का संचालन किया गया था. वे ही बता सकते हैं, इस मामले की हकीकत.
– उपस्थिति पत्रक इंटर परीक्षा समाप्ति के उपरांत बतौर केंद्राधीक्षक आपने किस कार्यालय को भेजा?
शैल : उपस्थिति पत्रक सील्ड लिफाफा में जिला शिक्षा पदाधिकारी, वैशाली को मेरे द्वारा भेजा गया. सील्ड करने की कार्रवाई आदेशपाल के द्वारा किया गया.
– सील्ड करने की कार्रवाई आपने अपने प्रत्यक्ष निगरानी में क्यों नहीं कराया?
शैल : मैंने अपने सामने ही करवाया.
– उपस्थिति पत्रक कितने प्रति में तैयार कराया जाता है?
शैल : एक में तैयार कराया जाता है, जो केंद्राधीक्षक के हस्ताक्षर के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में सील्ड कर भेज दिया जाता है.
– इंटर परीक्षा 2016 समाप्ति के बाद प्राप्त उत्तरपुस्तिका का मिलान आपके द्वारा किया गया है या नहीं?
शैल : हां, मिलान किया गया है. 6-7 उत्तरपुस्तिकाएं मिसिंग हो रही है. उत्तरपुस्तिका के रखरखाव एवं वितरण की जिम्मेवारी लिपिक विश्वमोहन कुमार सिन्हा, अशोक सिंह एवं अरुण कुमार को मैंने सौंपा था.
वीणा कुमारी सिन्हा से पूछताछ के मुख्य अंश :-
– वर्तमान में क्या करती हैं?
वीणा : मैं वर्ष 1992 से विशुनदेव राय कॉलेज में हिन्दी के व्याख्याता के रूप में कार्य कर रही हूं.
– आपको कितना पारिश्रमिक/वेतन मिलता है?
वीणा : सरकार द्वारा अनुदान की राशि घोषित होने से पहले प्रतिदिन 125 रुपये पारिश्रमिक मिलता था. अनुदान की राशि घोषित होने के बाद दो बार में कुल तीन लाख रुपये मिल चुके हैं.
– विशुनदेव राय प्रबंधन कमेटी के सदस्य कौन-कौन हैं?
वीणा : इस कमेटी के मुख्य न्यासी राजदेव राय हैं. सचिव, अमित कुमार उर्फ बच्चा राय हैं. मैं इस कमेटी की शिक्षक प्रतिनिधि हूं. इसके लिए जो कागजात तैयार हैं, उस कागजात पर सदस्य के रूप में मेरी तसवीर तथा हस्ताक्षर मौजूद हैं.
– प्रबंधन कमेटी की यह पूर्ण जिम्मेवारी बनती है कि कॉलेज नियमानुकूल कार्य करें.
वीणा : हां.
– अगर नियमानुकूल कार्य संपादित नहीं होते हैं, तो प्रबंधन कमेटी के सारे सदस्य जवाबदेह होंगे?
वीणा : हां.
– कॉलेज परिसर, कमरा, कार्यालय कक्ष से अवैध सामानों की बरामदगी होती है, तो प्रबंधन कमेटी के सारे सदस्य जिम्मेवार होंगे?
वीणा : हां.
– आपके कॉलेज से इस बार की इंटर परीक्षा में उच्चतर स्थान पाये (टॉपर) पर अयोग्य होने का आरोप लगा है. इसके संबंध में जानकारी है?
वीणा : हां.
– अयोग्य छात्रों के टॉपर होने के मामले में प्रबंधन कमेटी के सदस्यों की भी जिम्मेवारी है?
वीणा : हां.
– आपके कॉलेज के परिसर, कमरा, कार्यालय कक्ष से अवैध सामानों जैसे दूसरे परीक्षा केंद्र की सादी उत्तरपुस्तिका, कई शिक्षण संस्थानों और सरकारी कार्यालयों की मुहर बरामद हुई है, इसके लिए प्रबंधन कमेटी के सदस्य जिम्मेवार है या नहीं?
वीणा : हां, जिम्मेवार है.
– प्राचार्य के निकटतम कौन-कौन से कार्यालय कर्मी हैं?
वीणा : अभ्यानंद एवं शिव शंकर दोनों कंप्यूटर ऑपरेटर, कौशल व चितरंजन दोनों मुख्य रूप से छात्रों का फॉर्म भरने में मुख्य भूमिका अदा करते हैं.
– प्राचार्य अमित कुमार छात्रों से कितनी राशि लेकर उच्चतर अंक दिलाते था?
वीणा : काफी राशि लेकर उच्चतर अंक दिलाने का काम किया जाता था. इसमें मुख्य रूप से अमित कुमार की भूमिका रहती थी.
डॉ. कुमारी शकुंतला से पूछताछ के मुख्य अंश :-
– बच्चा राय को कब से जानती है? जान-पहचान कैसे हुई?
शकुंतला : मैंने अगस्त 2009 से 2014 तक वैशाली महिला कॉलेज में प्राचार्य के रूप में कार्य किया है. इसी दौरान एक बार विशुनदेव राय कॉलेज का इंटर परीक्षा का परीक्षा केंद्र मेरे महाविद्यालय में पड़ा. इसी दौरान मुझे बच्चा राय से जान-पहचान हुई. बच्चा राय मेरे पास आने-जाने लगा. मेरा उनसे घनिष्ठ संबंध हो गया.
– बच्चा राय किन-किन संस्थानों को संचालित करता है?
शकुंतला : बच्चा राय जिन संस्थानों को संचालित करता है, उसमें किरतपुर, भगवानपुर स्थित राजदेव राय डिग्री कॉलेज, भगवानपुर में आरडी पब्लिक स्कूल, भागवानपुर किरतपुर स्थित विशुन देव राय डिग्री कॉलेज, वैशाली जिले के चेहरा कला में राजदेव राय लालमुनी देवी डिग्री कॉलेज, वैशाली जिले के पातेपुर बसंतपुर में शियावती लालमुनी कुलदीप डिग्री कॉलेज और लालगंज में ठाकुर रामचंद्र राजदेव राय डिग्री कॉलेज शामिल हैं.
– ये सभी विशुनदेव राय ट्रस्ट के नियंत्रणाधीन हैं या नहीं?
शकुंतला : हां, ये सभी शिक्षण संस्थान विशुनदेव राय ट्रस्ट के नियंत्रणाधीन हैं.
– विशुनदेव राय ट्रस्ट से आप जुड़े हुए हैं या नहीं?
शकुंतला : हां, विशुनदेव राय ट्रस्ट की मैं एक सदस्य हूं. अर्थात मैं मैनेजिंग कमेटी की एक सदस्य हूं.
– ट्रस्ट के कागजात पर आपकी तसवीर एवं हस्ताक्षर हैं या नहीं?
शकुंतला : हां, मेरी तसवीर उस पर लगी हुई हैं तथा मेरा हस्ताक्षर भी है.
– आप विशुनदेव राय ट्रस्ट से नियंत्रणाधीन किसी शैक्षणिक संस्थान से जुड़े हैं या नहीं?
शकुंतला : नहीं.
– आपके कॉलेज से इस बार की इंटर परीक्षा में अयोग्य छात्र टॉपर हो गये हैं. इस मामले में प्रबंधन कमेटी की जिम्मेवारी बनती है?
शकुंतला : हां.
– बच्चा राय छात्रों को प्रथम
श्रेणी पास कराने एवं उच्चतर मेधा सूची में स्थान दिलाने के लिए ठेका पैसा लेकर करता है. इसके संबंध में क्या जानकारी है?
शकुंतला : पैसा लेकर छात्रों को बच्चा राय प्रथम श्रेणी में पास कराता है. उच्चतर मेधा सूची में स्थान दिलाता है. इस बात को हमने कई लोगों के मुंह से सुना है. यह भी सुना हैं कि उसका सीधा संबंध बिहार विद्यालय परीक्षा समित के पूर्व अध्यक्ष, लालकेश्वर प्रसाद सिंह से भी था.
(कल पढ़ें लालकेश्वर के बॉडीगार्ड संजय कुमार सिंह और बच्चा राय के करीबी नंदकिशोर यादव से पुलिस की हुई पूछताछ के प्रमुख अंश.)
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