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विज्ञान संगोष्ठी में सत्या श्री और कुणाल ने मारी बाजी
पटना : भूख और कुपोषण शारीरिक अक्षमता से रोग या मौत न हो इसे ही स्थायी खाद्य सुरक्षा कहेंगे. वैज्ञानिक तथ्य में अरहर के दो नयी किस्म पूषा 992 तथा आइसीपीएल 88039 सामने आयी है, जो पांच महीने में फसल पक कर तैयार हो जाती है. साथ ही दलहन की ये दोनों किस्में कीट मुक्त […]
पटना : भूख और कुपोषण शारीरिक अक्षमता से रोग या मौत न हो इसे ही स्थायी खाद्य सुरक्षा कहेंगे. वैज्ञानिक तथ्य में अरहर के दो नयी किस्म पूषा 992 तथा आइसीपीएल 88039 सामने आयी है, जो पांच महीने में फसल पक कर तैयार हो जाती है.
साथ ही दलहन की ये दोनों किस्में कीट मुक्त हैं, जो राजस्थान के वातावरण के अनुकूल है… जिस तरह से भोजन, जल और हवा का महत्व है. ठीक उसी प्रकार दाल का महत्व है. ऐसे में दाल के फसलों की उपज अधिक अच्छी नहीं होती है. क्योंकि दाल के फसलों में सेल्फ पोलिनेशन की प्रक्रिया पायी जाती है. इससे दाल की उपज अन्य फसलों की तुलना में कम अच्छी होती है.
कुछ इसी तरह की बातें शुक्रवार को विभिन्न जिलों से आये स्कूली छात्र-छात्राओं ने कहीं. मौका था श्री कृष्ण विज्ञान केंद्र में राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय विज्ञान संगोष्ठी का. जिसमें सभी प्रमंडलों से चयनित कुल 14 विद्यालयों के बच्चों ने संगोष्ठी के विषय ‘स्थायी खाद्य सुरक्षा के लिए दाल: संभावनाएं एवं चुनौतियां’ पर विचार प्रकट किये.
प्रतियोगिता जूनियर और सीनियर दाे भागों में हुई .जूनियर सेक्शन में मध्य विद्यालयों के छात्र-छात्राआें और सीनियर में माध्यमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राएं शामिल रहे. सभी प्रतिभागी बच्चों ने दाल और स्थायी खाद्य सुरक्षा विषय पर जानकारी दी. इसमें जूनियर सेक्शन की प्रभात तारा बालिका उच्च विद्यालय मुजफ्फरपुर की आठवीं की छात्रा सत्या श्री प्रथम स्थान पर रही. वहीं सीनियर में मां काली उच्च विद्यालय के पूर्णिया के दसवीं के छात्र कुणाल कुमार रहे.
निर्णायक मंडली में पटना विवि के बीएन कॉलेज के प्राणी शास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ पशुपति नाथ, एसोसिएट प्रोफेसर पटना कॉलेज डॉ परिमल कुमार व गृह विज्ञान की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अंजु श्रीवास्तव रहे. संगोष्ठी के दौरान प्रोफेसर एसपी वर्मा की देख-रेख में सभी की 15 मिनट की लिखित परीक्षा ली गयी. राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक डॉ संजीवन सिन्हा ने सभी प्रतिभागी बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए बताया कि सीनियर विजेता 4 अक्तूबर को मुंबई के नेहरू साइंस सेंटर नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम की अोर से आयोजित प्रतियोगिता में भाग ले सकेंगे.
अन्य विजेताओं के नाम
जूनियर: सत्याश्री प्रभात तारा बालिका उच्च विद्यालय मुजफ्फरपुर, दूसरे स्थान पर गंगा कुमारी, मध्य विद्यालय खैरा टिकारी गया, तीसरे स्थान पर संतोष कुमार मेहरा, उच्च मध्य विद्यालय महथा, लदनिया मधुबनी
सीनियर : कुणाल कुमार, मां काली उच्च विद्यालय पूर्णया. दूसरे स्थान पर निशु खखार लोकमान्य उच्च विद्यालय छपरा व तीसरे स्थान पर अमिषा कुमार, सर्वोदय प्लस टू उच्च विद्यालय, पिरौटा, भोजपुर
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