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अब प्रखंड स्तर पर सुखाड़ की सरकार करेगी घोषणा

दायरा बढ़ा. केंद्र ने राज्य को स्वयं निर्णय लेने की दी अनुमति अब राज्य सरकार प्रखंड स्तर पर सुखाड़ ग्रस्त क्षेत्र की घोषणा कर सकती है. इससे अब प्रखंड के किसानों को भी लाभ मिलेगा. पटना : अब राज्य के किसी एक प्रखंड काे भी सुखाड़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया जा सकता है. अब तक […]

दायरा बढ़ा. केंद्र ने राज्य को स्वयं निर्णय लेने की दी अनुमति
अब राज्य सरकार प्रखंड स्तर पर सुखाड़ ग्रस्त क्षेत्र की घोषणा कर सकती है. इससे अब प्रखंड के किसानों को भी लाभ मिलेगा.
पटना : अब राज्य के किसी एक प्रखंड काे भी सुखाड़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया जा सकता है. अब तक राज्य में सुखाड़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की सबसे छोटी इकाई जिला होती थी. सरकार के इस निर्णय से जिला स्तर पर औसत बारिश बेहतर होने के बावजूद कम बारिश वाले प्रखंड को सुखाड़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया जा सकेगा. वहीं सुखाड़ ग्रस्त घोषित करने के लिए राज्य सरकार अब केंद्र सरकार के निर्देश का इंतजार नहीं करेगी.
आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से कहा है कि केंद्र द्वारा सुखाड़ के लिए जारी ड्राफ्ट मैनुअल सिर्फ दिशा-निर्देश है. राज्य सरकार इसके लिए खुद निर्णय ले सकती है. केंद्र सरकार के इस निर्देश के अनुसार 15 अगस्त तक की बारिश के प्रखंड वार औसत वर्षा के आधार पर सुखाड़ घोषित करने का निर्णय लिया जायेगा. नये प्रावधान मे तय किया गया है कि 15 अगस्त तक जिन प्रखंडों में औसत वर्षा 40 से 50 प्रतिशत कम वाले प्रखंडों के जुलाई के फसलों की रोपनी के आधार पर सुखाड़ का निर्णय लिया जायेगा. इसका निर्धारण कृषि विभाग के समन्वयक पंचायत स्तर पर फसलों की स्थिति का ब्योरा प्राप्त करेंगे.
पूर्व में सुखाड़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने के लिए केंद्र सरकार के ड्राफ्ट मैनुअल को आधार बनाया जाता था. जिसमें वर्षा का आकलन, डीएम की अनुशंसा, संबंधित जिलों के प्रभारी की अनुशंसा और केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा वेजीटेटिव इंडेक्स (राज्य में फसल रोपनी की स्थिति), संबंधित क्षेत्र से रोजगार की मांग में अचानक वृद्धि, भूगर्भ जल स्तर में कमी के आधार पर राज्य में सुखाड़ पर निर्णय लिया जाता था. प्रखंड स्तर पर वर्षा के आकलन के लिए मात्र 50 प्रखंडों में है आधुनिक यंत्र. राज्य सरकार प्रखंड स्तर पर वर्षा की स्थिति के आधार पर सुखाड़ पर निर्णय लेगी, लेकिन राज्य के मात्र 50 प्रखंडों में ही आॅटोमैटिक वेदर सिस्टम है, जहां से सरकार को प्रतिदिन वर्षा की सही जानकारी मिलती है
आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी ने बताया कि योजना एवं विकास विभाग द्वारा जल्द ही 150 अन्य प्रखंडों में भी आॅटोमैटिक वेदर सिस्टम स्थापित करेगी. इसके बावजूद 334 प्रखंडों में वर्षा की जानकारी के लिए मैनुअल इंतजाम पर निर्भरता बनी रहेगी. आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने बताया कि राज्य के किसानों के हित में प्रखंड स्तर पर सुखाड़ घोषित करने के निर्णय पर विचार किया जा रहा है. जल्द ही इस संबंध में निर्णय ले लिया जायेगा.
अब तक जिला स्तर पर होता था चयन
राज्य सरकार के नये निर्देश के अनुसार राज्य के 17 जिलों में सुखाड़ के हालात हैं. इन जिलों में औसत में 20 प्रतिशत से से भी कम बारिश हुई है. सरकार के नये प्रावधान और केंद्र सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार इन जिलों के कई प्रखंडों में सुखाड़ का निर्णय लिया जा सकता है.
इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग कृषि विभाग से फसल का ब्योरा और मौसम विज्ञान केंद्र से वर्षा का प्रखंडवार ब्योरा प्राप्त कर रहा है. अापदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी ने बताया कि फिलहाल इस संबंध में सुखाड़ से निबटने के एसओपी मैनुअल में परिवर्तन करना होगा. इसके लिए सरकार को मंत्रिपरिषद से निर्णय लेना होगा. विभाग ने सुखाड़ से निबटने के लिए मैनुअल में संशोधन के लिए प्रस्ताव मंत्रिपरिषद को भेजा चुका है.

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