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24 घंटे मिलेगी बिजली, दुरुस्त हो रहा सिस्टम

मुख्यमंत्री के निश्चय को पूरा करने में बिजली कंपनी जुटी, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को किया जा रहा ठीक पटना : अगले साल के अंत तक हर घर को क्वालिटी बिजली पहुंचाने के मुख्यमंत्री के निश्चय को पूरा करने में बिजली कंपनी जुटी है. ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को दुरुस्त किया जा रहा है. बिजली […]

मुख्यमंत्री के निश्चय को पूरा करने में बिजली कंपनी जुटी, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को किया जा रहा ठीक
पटना : अगले साल के अंत तक हर घर को क्वालिटी बिजली पहुंचाने के मुख्यमंत्री के निश्चय को पूरा करने में बिजली कंपनी जुटी है. ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को दुरुस्त किया जा रहा है. बिजली उत्पादन में भी राज्य को सरप्लस स्टेट बनाने की तैयारी चल रही है.
शिवहर में ग्रिड चालू होने के साथ ही राज्य का कोई भी जिला अब ग्रिड विहीन नहीं रहा. संचरण की क्षमता का विस्तार किया जा रहा है. अगले साल के अंत तक राज्य में डेढ़ सौ से अधिक ग्रिड हो जायेगा. ट्रांसमिशन लाइन में भी बढ़ोतरी होगी.
राज्य में बिजली की खपत लगातार बढ़ रही है. 2017 तक हर घर में बिजली पहुंचा दिया जायेगा. मुंगेर और शेखपुरा राज्य का दो एेसे जिले हैं, जो पूर्ण रूप से विद्युतीकृत हो चुके हैं. राज्य के 39073 गांव में से 37827 गांवों में बिजली पहुंच चुकी है. बांकी बचे 1246 गांव में अगले साल के जून तक बिजली पहुंचा देने का टारगेट है. बिजली उपभोक्ताओं की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है.
बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए आधारभूत संरचना को मजबूत किया जा रहा है. पिछले एक दशक में इसमें काफी प्रगति हुयी है. 2005 में राज्य में में मात्र 45 ग्रिड सब–स्टेशन था. 2016 में यह संख्या बढ़ कर 104 हो गयी है. 48 ग्रिड का निर्माण चल रहा है और 2017 में यह संख्या 152 हो जायेगी. ग्रिड के साथ-साथ संचरण लाइन को भी बढ़ाया जा रहा है.
2005 में राज्य में 5000 सर्किट किलोमीटर संचरण लाइन थी. अब यह बढ़ कर 9696 सर्किट किलोमीटर हो गया है. 2017 में यह बढ़ कर 12500 सर्किट किलोमीटर हो जायेगा. पहले राज्य के पास इतनी आधारभूत संरचना नहीं थी कि वह बिजली ले भी सके. 2005 में यह क्षमता मात्र 1000 मेगावाट थी जो अब बढ़ कर 6080 मेगावाट हो गयी है. 2016 के अंत तक यह क्षमता 7000 और 2017 में यह 8000 मेगावाट हो जायेगी.अभी राज्य में 4000 से 4500 मेगावाट बिजली की मांग है.
इधर 13 जिलों के अल्पसंख्यक छात्रावासों की नहीं होगी बत्ती गुल
पटना : पांच जिलों के 13 अल्पसंख्यक छात्रावासों की बत्ती गुल नहीं होगी. अल्पसंख्यक छात्रावासों पर बिजली बिल मद का 11 माह से सात लाख रुपये बकाया चल रहा था. बिजली विभाग ने बिल जमा न करने पर 13 छात्रावासों की लाइन काटने का जब नोटिस जारी किया, तब विभाग हरकत में आया है. यही नहीं, आने वाले दिनों में छात्रावासों की लाइन किसी सूरत में न कटे, इसका लिए विभाग ने विशेष प्रावधान भी कर दिया है.
जानकारी के अनुसार पिछले 11 माह से पटना, कैमूर, सारण, दरभंगा और मधुबनी के माॅइनरिटी हॉस्टलों के बिजली बिल का भुगतान नहीं हुआ था. जिन ब्यॉज होस्टलों पर बिजली बिल का बकाया था, उनमें पटना और मधुबनी सबसे ऊपर थे. दोनों जिलों के आधा दर्जन हॉस्टलों पर बिजली बिल बकाया मद में चार लाख रुपये बकाया था. शेष तीन जिलों के हॉस्टलों पर तीन ही लाख का बिजली बिल बकाया था.
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने बिल भुगतान को लेकर सभी छात्रावासों के अधीक्षकों को आगाह किया है कि वे हर माह बिल की छाया प्रति मुख्यालय को भेजें, ताकि तय समय पर भुगतान हो सके. अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने छात्रावासों के स्टूडेंट्स प्रमुख को भी इस बाबत होस्टल सुपरिटेंडेंट को नॉक करते रहने को कहा है.

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