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जोड़ियां स्वर्ग में नहीं हुजूर, आपसी मेल और समानता से बनती हैं
अनुपम कुमारी पटना : अक्सर विवाहित जोड़ों को देख अनायस ही लोग बोल उठते हैं- क्या जोड़ी है. जैसे स्वर्ग में बनायी गयी हो. लेकिन, अब यह बात पुरानी हो चुकी है. क्योंकि जोड़ियां स्वर्ग में नहीं, आपसी मेल से बनती है. क्योंकि, यदि विवाह के बाद जोड़ों में आपसी मेल और समानता की कमी […]
अनुपम कुमारी
पटना : अक्सर विवाहित जोड़ों को देख अनायस ही लोग बोल उठते हैं- क्या जोड़ी है. जैसे स्वर्ग में बनायी गयी हो. लेकिन, अब यह बात पुरानी हो चुकी है. क्योंकि जोड़ियां स्वर्ग में नहीं, आपसी मेल से बनती है.
क्योंकि, यदि विवाह के बाद जोड़ों में आपसी मेल और समानता की कमी हो, तो ये जल्द ही टूट जाते हैं. कभी पति एडवांस निकल जाते हैं, तो पत्नी को अपने लायक नहीं समझते और कभी पत्नी एडवांस हो जाये, तो पति को लायक नहीं समझती हैं. एेसे में बेमेल रिश्तों में तनाव उत्पन्न होने लगता है और रिश्ता बनने के बजाय बिगड़ जाता है.
इन दिनाें महिला हेल्पलाइन में ऐसे ही मामले आ रहे हैं. महिला हेल्पलाइन में मामला दर्ज होने के बाद पति-पत्नी दोनों की समस्या सुनी जाती है. जब उन्हें विवाद का कारण बेमेल जोड़ी होना लगता है, तो वे उसमें चेंज करने की सलाह देते है. उन्हें फैशन के बारे में बताया जाता है. दोनों को यह बताया जाता है कि दोनों मिल कर एक दूसरे की कमियों को पूरा करें. जैसे पत्नी यदि ग्रामीण परिवेश से है, तो उसे शहर में कई तरह के इंस्टीट्यूट हैं, जहां से वह ट्रेनिंग ले सकती है.
केस – वन
पटना निवासी रेणुका (परिवर्तित नाम) की शादी वर्ष 2013 में डिफेंस के वरीय पदाधिकारी से हुई थी. रेणुका ने शादी को लेकर कई सपने संजोये थे. लेकिन उसे क्या पता था कि उसका होने वाला राजकुमार उसे अपने लायक ही नहीं समझेगा. रेणुका पढ़ी-लिखी तो हैं, लेकिन वह अपने पति के अनुरूप एडवांस नहीं है. जिससे उसके पति उससे हमेशा खफा रहते हैं. जब रेणुका इसकी शिकायत करती तो, उलटे पति नाराज हो जाते. इससे धीरे-धीरे दोनों के बीच तनाव की स्थिति बनी रहती. इससे तंग रेणुका ने महिला हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज करायी है.
केस – टू
कंकड़बाग निवासी अर्पिता (परिवर्तित नाम) शादी से पूर्व किसी प्रतिष्ठित निजी कंपनी में मार्केटिंग मैनेजमेंट का काम कर रही थी. वर्ष 2015 में जब उसकी शादी सरकारी कर्मी से हुई, तो उसके पति ने उसके काम करने को लेकर आपत्ति जताते हुए उसे नौकरी छोड़ देने की बात कही. इससे दोनों में विवाद होने लगा. अब मामला महिला हेल्पलाइन में पहुंच चुका है.
केस – थ्री
बोरिंग रोड निवासी रूबी (परिवर्तित नाम) शादी से पहले बिहार के दूर-दराज के इलाके में रहती थी. ग्रेजुएशन के बाद उनके पिता ने बिजनेसमैन लड़के से शादी कर दी. अब रूबी और उसके पति के बीच इस बात को लेकर अक्सर नोक-झोंक होती है कि उसके पति उसे कभी अपने साथ बाहर लेकर नहीं ले जाते हैं. क्योंकि, वह शहरी तौर तरीके को नहीं जानती है. इससे कहीं उनके मित्रों के बीच इनसल्ट न हो जाये.
रूबी, रेणुका अकेली नहीं, जो बेमेल जोड़ी होने से परेशान है और उनके शादीशुदा जीवन में एडवांस न होने का ग्रहण लगा हुआ है. ऐसे ढेरों शिकायतें दर्ज की जा रही हैं. महिला हेल्पलाइन की मानें, तो अब भी माता-पिता अपने बच्चों की शादी रुतबा और दिखावे के रूप में तय कर देते हैं. जिसमें कभी लड़की लड़का से मैच नहीं खाती है, तो कभी लड़का.
ये कहते हैं मनोवैज्ञानिक
मनोवैज्ञानिक अमृता श्रुति के मुताबिक आज युवाओं की सोच पूरी तरह से बदल चुकी है. हाउसवाइफ के रूप में लड़के ऐसी गृहणी चाहते हैं, जो पूरी तरह से आधुनिक हो. ताकि उसकी जरूरतों को समझ सके. वहीं, लड़कियां भी अब पूरी तरह से एडवांस हो चुकी हैं. ऐसे में उसे ऐसा जीवन साथी मिले, जो उसके अनुरूप नहीं हो, तो वह ऐसी स्थिति में कंप्रोमाइज नहीं करना चाहती है.
दोनों को मिल कर निकालना होगा साॅल्यूशन
ऐसी स्थिति में पती-पत्नी दोनों को मिल कर समस्या का समाधान निकालना होगा. ताकि जो भी कमियां हो, उसे दूर किया जा सके. क्याेंकि एडवांस बनना हमारे हाथ में है. आज शहर में कुकरी क्लासेस से लेकर डांसिंग क्लास, मोटर ड्राइविंग व इंग्लिश स्पोकेन क्लास से लेकर होम अप्लायेंस तक के क्लासेस की व्यवस्था है. जिसकी मदद से खुद को एडवांस बना सकते हैं. जरूरत के अनुसार लोगों को बदलना चाहिए. तभी रिश्तों में सामंजस्य बैठा जा सकता है.
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