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जिलों में खुलेंगे निबंधन और परामर्श केंद्र
पटना : मुख्यमंत्री के सात निश्चयों में एक स्वयं सहायता भत्ता योजना की शुरुआत 2 अक्टूबर से पूरे राज्य में होने जा रही है. इसके तहत 20 से 25 वर्ष के बेरोजगार युवाओं को दो वर्षों तक एक हजार रुपये प्रति महीने की दर से अधिकतम दो वर्ष तक वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी. इसमें […]
पटना : मुख्यमंत्री के सात निश्चयों में एक स्वयं सहायता भत्ता योजना की शुरुआत 2 अक्टूबर से पूरे राज्य में होने जा रही है. इसके तहत 20 से 25 वर्ष के बेरोजगार युवाओं को दो वर्षों तक एक हजार रुपये प्रति महीने की दर से अधिकतम दो वर्ष तक वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी.
इसमें आवेदन करने, वेरीफिकेशन और बैंक खातों में रुपये ट्रांसफर करने तक की सभी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. इसके लिए सभी जिलों में एक-एक जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र तैयार कराया जा रहा है. हालांकि अभी तक किसी जिले में इसका काम पूरा नहीं हुआ है, लेकिन विकास आयुक्त ने कहा कि 2 अक्टूबर को योजना शुरू होने के पहले तक ये केंद्र तैयार हो जायेंगे. इन केंद्रों से स्वयं सहायता भत्ता के अलावा स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के लिए भी आवेदन किये जा सकते हैं. इन केंद्रों में कौशल विकास योजना से संबंधित आवेदन लिये जायेंगे और छात्रों को सॉफ्ट स्किल की ट्रेनिंग भी देने की व्यवस्था होगी. इन केंद्रों पर 1371 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.
जन्म एवं मृत्यु का निबंधन ऑनलाइन जल्द
राज्य में अभी तक 61-62 प्रतिशत ही जन्म एवं मृत्यु का रजिस्ट्रेशन हुआ है. जल्द ही इन दोनों निबंध की व्यवस्था ऑनलाइन शुरू होने जा रही है. आधार से इसे लिंक करने पर इनकी संख्या में बढ़ोतरी होने की संभावना है.
ऑटोमेटिक मौसम केंद्र सभी प्रखंडों में
मौसम आधारित फसल बीमा योजना की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सभी प्रखंडों में ऑटोमेटिक मौसम केंद्र स्थापित किये जायेंगे. अभी 12 अनुमंडलों में इस तरह के 50 केंद्र स्थापित हो चुके हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री शोध अध्ययन एवं मूल्यांकन प्रोत्साहन योजना की शुरुआत की गयी है.
इसके तहत 14 योजनाओं का मूल्यांकन अध्ययन कार्य संपन्न करा लिया गया है.एक योजना का मूल्यांकन कराया जा रहा है.बिहार कोसी बेसिन विकास परियोजना का दूसरा चरण सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया और अररिया जिलों के 57 प्रखंडों में कराया जायेगा. कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद विश्व बैंक से इसके लिए 2259 करोड़ का समझौता किया गया है. योजना 2023 तक समाप्त होना है. इसके तहत सड़क, घर, पेयजल समेत अन्य मूलभूत सुविधाएं प्रभावित लोगों को मुहैया करानी है.
पहले चरण की बची योजनाएं दिसंबर में पूरी
कोसी परियोजना के पहले चरण में सहरसा, सुपौल और मधेपुरा जिले में अब तक 37 सड़कों में 32 का काम पूरा हो चुका है. 64 हजार घर में 54 हजार 174 का निर्माण पूरा हो गया है. जलापूर्ति की छह योजनाओं में चार पूरा हो चुकी हैं. बची हुई सभी योजनाएं इस वर्ष दिसंबर तक पूरी कर ली जायेंगी.
मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना
2011-12 से शुरू की गई मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत 2015-16 तक 1948 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं, जिसमें 50 हजार 167 योजनाएं पूरी करायी जा चुकी हैं. 2013-14 से इसमें पात्रता राशि एक करोड़ से बढ़ाकर दो करोड़ कर दी गयी है और 11 नये योजनाओं को शामिल किया गया है. वित्तीय वर्ष 2015-16 के दौरान 425 करोड़ रुपये खर्च करके 12 हजार 886 योजनाएं पूरी की गयी हैं.
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