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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना : सरकार इस साल देगी बीमा का लाभ
पटना : तीन दिनों की गहमागहमी और केंद्र और राज्य सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप के बाद राज्य सरकार ने प्रदेश के किसानों के हित में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू करने का निर्णय लिया है. सहकारिता मंत्री आलोक मेहता ने बुधवार को इसकी घोषणा की. राज्य सरकार के इस निर्णय से केसीसी के माध्यम से […]
पटना : तीन दिनों की गहमागहमी और केंद्र और राज्य सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप के बाद राज्य सरकार ने प्रदेश के किसानों के हित में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू करने का निर्णय लिया है.
सहकारिता मंत्री आलोक मेहता ने बुधवार को इसकी घोषणा की. राज्य सरकार के इस निर्णय से केसीसी के माध्यम से कर्ज लेनेवाले 16 लाख किसानों को सीधे लाभ मिलेगा. वहीं, गैर ऋणी किसान भी पीएम फसल बीमा योजना में शामिल हो सकेंगे. इसके लिए उन्हें आवेदन करने के लिए चार दिनों की मोहलत दी गयी है. सहकारिता मंत्री ने कहा कि राज्य में कम संख्या में गैर ऋणी किसान हैं, इसलिए इस निर्णय से बड़ी क्षति किसानों को नहीं हाेगी. उन्होंने कहा है कि हम केंद्र सरकार से मांग करेंगे कि गैर ऋणी किसानों के लिए बीमा कराने के समय बढ़ाये. बिहार में पीएम फसल
बीमा के लिए केंद्र सरकार ने अंतिम तिथि 15 अगस्त तय की है.सहकारिता मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि सरकार की पैनी नजरों में यह योजना लागू होगी. राज्य सरकार देखेगी कि इस बीमा योजना से कितने किसानों को लाभ मिलता है और हमें कितना प्रीमियम देना पड़ा है.
उन्होंने कहा कि अनुभव रहा है कि बिहार में फसलों की अधिकतम क्षति 685 करोड़ रुपये की हुई है. अब हमें बीमा कंपनी को बिहार से 1500 करोड़ रुपये देने होंगे.यानी क्षति से अधिक बीमा कंपनियों को प्रीमियम में देना होगा. इस पीएम फसल बीमा योजना में किसानों को कम और बीमा कंपनियों को अधिक लाभ मिलनेवाला है. मेहता ने कहा कि देश पर इस बीमा को लागू करने पर तीन हजार करोड़ रुपये खर्च करने होंगे.
बिहार और यूपी की प्रीमियम दरों पर केंद्र सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा कि एक फर्लांग की दूरी पर बलिया में बीमा की दर कम और बक्सर में प्रीमियम दर अधिक हो जाती है. बिहार में जहां लगभग 15 प्रतिशत प्रीमियम देना होगा, वहीं यूपी को चार प्रतिशत ही देना पड़ेगा, जबकि बिहार में फसलों का रिस्क फैक्टर अन्य राज्यों की अपेक्षा कम है, क्योंकि यहां किसानों को फसल बचाने के लिए डीजल सब्सिडी दी जाती है. यह सुविधा अन्य राज्यों में किसानों को नहीं मिलती है.
राज्य में 1.62 करोड़ किसान, बीमा का लाभ मिलेगा सिर्फ 16 लाख किसान कोएक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि राज्य में कुल 1.62 करोड़ किसान हैं. इनमें से सिर्फ केसीसी लेनेवाले 16 लाख ऋणी किसानों को ही बीमा का लाभ मिलेगा. सिर्फ 65 हजार गैर ऋणी किसानों ने पिछले साल फसल बीमा कराया था. मेहता ने कहा कि यह बीमा बड़े किसानों के लिए है. हम इसके विरोध में नहीं हैं, पर सरकार को छोटे किसानों के लिए भी प्राथमिकता तय करनी होगी. पत्रकार सम्मेलन में कैबिनेट सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा, सहकारिता विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा और विभागीय अधिकारी विकास बरियार मौजूद थे.
मेहता ने पांच साल में फसल की क्षति और बीमा योजना से लाभ का ब्योरा दिया, जिसमें बताया गया कि पुराने बीमा में राज्य को कम खर्च में किसानों को अधिक लाभ मिला था. राज्य सरकार को अधिकतम 196 करोड़ के खर्च पर किसानों को 685 करोड़ का लाभ मिला.
मौसम बीमा पर सरकार का खर्च किसानो को मिली राशि (करोड़ में )
खरीफ 2010 196.22 680.45
खरीफ 2011 49.10 42.28
खरीफ 2012 181.43 202.62
खरीफ 2013 187.10 685.06
खरीफ 2014 136.03 329.74
बीमित किसानों का ब्योरा
मौसम गैर ऋणी ऋणी कुल किसान
खरीफ 2014 8651 2286241 2294892
रबी 2014-15 51516 1527513 1579229
खरीफ 2015 65000 लगभग 1590000 1655000
िबहार का िवरोध जारी रहेगा : मेहता
सहकारिता मंत्री आलोक मेहता ने कहा िक कोऑपरेिटव फेडरेलिज्म का सम्मान करते हुए हम यह योजना लागू कर रहे हैं. पर हम अपने स्टैंड पर कायम हैं. बिहार का विरोध जारी रहेगा. अब भी केंद्र से मांग करते हैं कि वह इस योजना में केंद्रांश बढ़ाये. इसके लिए केंद्र सरकार से पुन: वार्ता करेंगे.
राज्य सरकार को आयी सदबुद्धि : राधामोहन
केंद्रीय कृिष मंत्री राधामोहन िसंह ने कहा कि समझ में नहीं आता कि इसके लिए बिहार सरकार को बधाई दूं या ईश्वर को, जिन्होंने बिहार की सरकार को सदबुद्धि दी. राज्य सरकार ने इस संबंध में पिछले कुछ दिनों में काफी गलतबयानी की और बुधवार को इस योजना को लागू करने की घोषणा कर दी है.
छह कलस्टरों में औसत न्यूनतम प्रीमियम दरें
कलस्टर न्यूनतम औसत प्रीमियम
अरवल, कटिहार, मधुबनी,
सहरसा, सीवान, वैशाली 18.10%
औरंगाबाद, गोपालगंज, मधेपुरा
लखीसराय, सारण, प. चंपारण 11.97%
अररिया, बांका, बक्सर, पू चंपारण,
जमुई, पूर्णिया, शिवहर 18.05%
भागलपुर, जहानाबाद, मुंगेर,
मुजफ्फरपुर नवादा, शेखपुरा 15.99%
गया, किशनगंज, पटना,
रोहतास, समस्तीपुर, सीतामढ़ी 10.37%
बेगूसराय, भभुआ, भोजपुर,
दरभंगा खगड़िया, नालंदा, सुपौल 16.48%
भारत सरकार की बीमा कंपनी एआइसी ने जहां सबसे अधिक प्रीमियम की दरें तय की हैं, उनमें बक्सर (25%), पू चंपारण (35%), नालंदा (20%), सीवान (18%), प चंपारण (21%) है. इसके कारण निजी कंपनियों ने प्रीमियम दरों में कमी नहीं की.
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