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रजिस्ट्री से पहले डिजिटल नक्शा
जमीन से जुड़े फर्जीवाड़े पर लगाम की कवायद पटना : जमीन की बढ़ती कीमतें और फर्जीवाड़े पर लगाम कसने के लिए अब राज्य सरकार नयी व्यवस्था लागू करने जा रही है. ताकि, लोगों को जमीन की रजिस्ट्री में किसी प्रकार का जोखिम न उठाना पड़े. इसके लिए अब जमीन की रजिस्ट्री से पहले उसकी मापी […]
जमीन से जुड़े फर्जीवाड़े पर लगाम की कवायद
पटना : जमीन की बढ़ती कीमतें और फर्जीवाड़े पर लगाम कसने के लिए अब राज्य सरकार नयी व्यवस्था लागू करने जा रही है. ताकि, लोगों को जमीन की रजिस्ट्री में किसी प्रकार का जोखिम न उठाना पड़े. इसके लिए अब जमीन की रजिस्ट्री से पहले उसकी मापी की जायेगी और उसका डिजिटल नक्शा तैयार किया जायेगा. इसके बाद उस जमीन की रजिस्ट्री होगी.बिहार ऐसा पहला राज्य होगा, जहां इस तरह की व्यवस्था लागू होगी.
ऐसे होगा काम : यदि कोई रजिस्ट्री कार्यालय में जमीन की रजिस्ट्री कराने आते हैं, तो उन्हें पहले कार्यालय में मौजूद एजेंसी के पास जमीन की मापी कराने के लिए भेजा जायेगा. इसके बाद एजेंसी उसकी चौहदी तय करेगी. उसके बाद खरीदार और विक्रेता की तसवीर ली जायेगी. इसके बाद एजेंसी उस जमीन का डिजिटल नक्शा तैयार कर विभाग को भेजेगा. इसके बाद निबंधन कार्यालय के कर्मी उन दस्तावेजों के आधार पर जमीन की रजिस्ट्री करेंगे. इसके लिए लोगों को एजेंसी को शुल्क भी पेय करना होगा.
वर्तमान में यह : वर्तमान में रजिस्ट्री से पूर्व जमीन का स्थल निरीक्षण किया जाता है. सात दिनों में रजिस्ट्री कार्यालय के कर्मी स्थल निरीक्षण कर कार्यालय को रिपोर्ट देते हैं. तब रजिस्ट्री होती है.
यह होगा फायदा : जमीन की मापी से फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगी. रजिस्ट्री से पूर्व ही लोगों को इसकी जानकारी हो जायेगी कि जमीन बिक्री होनेवाली है. यानी विवादित जमीनों की भी जानकारी मिल सकेगी. इसके अलावा सरकार के पास बेची गयी जमीन का डिजिटल नक्शा भी तैयार होगा.साथ ही गलत विवरण भर रजिस्ट्री कराने पर भी रोक लगेगी और सरकार को राजस्व की प्राप्ति हो सकेगी.
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