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क्लास रूम में बच्चों संग शिक्षक लेंगे सेल्फी, एप से जानेंगे पढ़ाई का हाल
कवायद. सरकारी स्कूलों की माॅनीटरिंग एप से, डीएम-डीइओ करेंगे समीक्षा एक सितंबर से डीएम के नेतृत्व में शुरू होगा जांच अभियान पटना : सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने के लिए एक नयी पहल की गयी हैं. अब एप के जरिये स्कूलों पर नजर रखी जायेगी. इसकी तैयारी चल रही है. एक सितंबर से एप को […]
कवायद. सरकारी स्कूलों की माॅनीटरिंग एप से, डीएम-डीइओ करेंगे समीक्षा
एक सितंबर से डीएम के नेतृत्व में शुरू होगा जांच अभियान
पटना : सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने के लिए एक नयी पहल की गयी हैं. अब एप के जरिये स्कूलों पर नजर रखी जायेगी. इसकी तैयारी चल रही है. एक सितंबर से एप को इस्तेमाल में लाया जायेगा. एप के माध्यम से स्कूल के खुलने और बंद होने तक का पूरा ब्योरा अपलोड करना होगा.
इसकी समीक्षा हर दिन डीइओ व जिलाधिकारी कार्यालय में होगी, जहां की रिपोर्ट में स्कूल में किसी तरह की लापरवाही पायी जायेगी, तो हेडमास्टर व शिक्षक से स्पष्टीकरण मांगा जायेगा. माना जा रहा है कि एप के माध्यम से मॉनीटरिंग होने पर स्कूलों में बच्चों व शिक्षकों की उपस्थिति समय पर हो पायेगी. इतना ही नहीं क्लास रूम से शिक्षकों को बच्चों की सेल्फी लेकर भेजनी होगी.
एप ऐसे करेगा काम, नहीं होगी लापरवाही : एप से मॉनीटरिंग करने के बाद सुबह में सभी शिक्षकों की उपस्थिति रजिस्टर में इंट्री करने के बाद उसे तुरंत डीएम को भेजना होगा.
उसके बाद बच्चे कितने आये, उसकी संख्या रजिस्टर की तसवीर के साथ भेजनी होगी. वहीं, शिक्षक जब स्कूल से जायेंगे, तो भी दोबारा से उनके रिजस्टर का फोटो खींच कर भेजना पड़ेगा. बीच में भी कक्षा में पढ़ाई के दौरान सेल्फी लेकर भेजना पड़ेगा, ताकि क्लास की जानकारी मिल सकें.
कई स्कूलों से मिलती हैं शिकायतें : स्कूलों में पढ़ाई व व्यवस्था को लेकर कई बार अभिभावक की ओर से शिकायत की जाती है.
लेकिन, निरीक्षण के लिए जब डीइओ ऑफिस से कोई स्कूल पहुंचता है, तो वहां सब कुछ सही मिलता है. क्योंकि, स्कूल में शिक्षकों से होनेवाली लापरवाही में अधिकारी से हेडमास्टर तक शामिल होते हैं. ऐसे में निरीक्षण के दौरान सब कुछ ठीक मिलता है. यहां तक डीएम के निरीक्षण की भी जानकारी स्कूल को पूर्व में दे दी जाती है और वे सतर्क हो जाते है.
स्कूलों में शिक्षक नहीं पहुंच रहे हैं नियमित
स्कूलों की मॉनीटरिंग के बाद भी सरकारी स्कूलों में शिक्षक नियमित नहीं पहुंच रहे हैं. इसमें अधिकारियों का भी सहयोग है. इन सभी की मॉनीटरिंग के लिए एप को लागू किया जायेगा, ताकि शिक्षक, बच्चे व स्कूल में होनेवाली पढ़ाई की पूरा ब्योरा हर दिन एक जगह लोड हो सके.
संजय कुमार अग्रवाल, डीएम, पटना
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