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डस्टबीन में डाल दिया समिति का निर्देश
रोगी कल्याण समिति की बैठक में हर बार दिये जाते हैं निर्देश, पर नहीं होता काम पटना : सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच की व्यवस्था में सुधार को लेकर किये जाने वाले प्रयास जमीन पर उतरते नहीं दिखती. अस्पताल की स्थिति बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ ही पटना प्रमंडल के आयुक्त […]
रोगी कल्याण समिति की बैठक में हर बार दिये जाते हैं निर्देश, पर नहीं होता काम
पटना : सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच की व्यवस्था में सुधार को लेकर किये जाने वाले प्रयास जमीन पर उतरते नहीं दिखती. अस्पताल की स्थिति बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ ही पटना प्रमंडल के आयुक्त की अध्यक्षता में रोगी कल्याण समिति बनी है.
यह समिति समय-समय पर मरीजों के हित में फैसले लेती है, लेकिन उन फैसलों को पीएमसीएच प्रशासन जमीन पर नहीं उतार पाता. पिछले तीन माह के दौरान ही रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष सह पटना प्रमंडल के आयुक्त आनंद किशोर ने बीस से अधिक निर्णय लिये, लेकिन इन निर्णयों की फाइल पीएमसीएच के प्रशासनिक अधिकारियों के कक्ष में ही धूल फांक रही है. अस्पताल के डॉक्टर आज भी दोनों टाइम राउंड नहीं लेते हैं. दवा का हाल बेहाल है. मरीजों को सभी दवा बाहर से खरीद कर लाना पड़ता है. जांच को लेकर भी मरीजों को बाहर भेजा जाता है.
बैठक में दिये गये निर्देश, जिन पर नहीं हुआ काम
माइक्रोबायोलॉजी विभाग से आइजीआइसी गेट तक सड़क के किनारे पड़े कूड़े को अधीक्षक, पीएमसीएच तथा निदेशक, आइजीआइसी को तीन से चार दिनों के अंदर उठाव कराने व कूड़ा-कचरा संग्रह के लिए वहां पर दो बड़े डस्टबीन रखने का निर्देश दिया गया था ताकि कूड़ा-कचरा इधर-उधर नहीं फैले, लेकिन अभी तक यहां कोई काम नहीं हो पाया है.
आइजीआइसी के निदेशक को निर्देश दिया गया कि अाइजीआइसी परिसर में बेकार पड़े एंबुलेंस गाड़ियों को शीघ्र परिसर से हटाया जाय.
कार्यपालक अभियंता, पटना भवन प्रमंडल तथा अंचल पदाधिकारी, पटना सदर को निर्देश दिया गया कि पीयू के केंद्रीय डिसपेंसरी तथा पीएमसीएच चमड़ा वार्ड की भूमि तथा उसमें बने भवन की नापी कर एक तुलनात्मक प्रतिवेदन समर्पित करें, ताकि पटना विश्वविद्यालय तथा पीएमसीएच के बीच परस्पर, इन स्थलों के हस्तांतरण का प्रस्ताव तैयार किया जा सके. इसमें भी बस अभी तक चर्चा हो रही है.
बच्चा वार्ड में अधिक क्षमता वाले ट्रांसफॉर्मर लगाने तथा वायरिंग के काम का प्रारंभ अगस्त 2016 के प्रथम सप्ताह से कराने का निर्देश
ब्वॉयज कॉमन रूम तैयार
निरीक्षण के क्रम में पाया गया कि ब्वॉयज कॉमन रूम बनकर तैयार है, लेकिन उसके सटे बगल के भवन की जीर्ण अवस्था के कारण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है.
इसके लिए आयुक्त द्वारा अपने विशेषाधिकार के अंतर्गत रोगी कल्याण समिति से तत्काल अधिकतम दो लाख रुपये की स्वीकृति दी गयी तथा कार्यपालक अभियंता पटना भवन प्रमंडल को निदेश दिया गया कि 10 अगस्त तक जीर्ण भवन की मरम्मती पूरी कर दी जाय तथा ब्वॉयज कॉमन रूम को छात्रों के लिए खोलने का निर्देश दिया गया है, जो जैसे-तैसे खोलने की तैयारी हो रही है.
कुछ काम हुआ है. बाकी काम की जिम्मेवारी तय नहीं है और जिसकी है. उनसे पूछ कर बताना है, लेकिन मीटिंग में हुई अधिकांश काम अभी शुरू नहीं हो पाया है.
डॉ एस.एन.सिन्हा, प्राचार्य पीएमसी
मीटिंग में की गयी ब्रीफिंग पर समय से काम नहीं होगा, तो कार्रवाई की जायेगी. पीएमसीएच गरीबों का अस्पताल है. उनके इलाज की पूर्ण व्यवस्था जरूरी है.
आनंद किशोर, प्रमंडलीय आयुक्त
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