पटना: रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ सहनी ड्रग ट्रांसमिशन, सोसाइटी ऑफ सहनी ड्रग व जीडी मेमोरियल होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के तत्वावधान में दो दिवसीय होमियोपैथिक साइंस कांग्रेस 2014 की शुरुआत शनिवार को हुई.
इसका उद्घाटन नयी दिल्ली स्थित केंद्रीय होमियोपैथिक के अध्यक्ष डॉ रामजी सिंह ने किया. मौके पर डॉ निरंजन मोहंती ने कहा कि होमियोपैथी में मरीजों का इलाज करते समय उनके हाव-भाव पर ध्यान देने की जरूरत है.
इससे इलाज करने में आसानी होगी. अध्यक्ष डॉ एस चंद्रा ने डॉ बी सहनी द्वारा किये गये शोध की विस्तृत जानकारी दी. प्रबंध निदेशक डॉ संजीव कुमार सिंह, डॉ एमके सहनी व महावीर कैंसर संस्थान के निदेशक डॉ जितेंद्र सिंह ने भी अपने विचार रखे. संस्थान की ओर से होमियो तरंग नामक पत्रिका का विमोचन किया गया. कार्यक्रम में डॉ एसएम सिंह, अमित सहनी, डॉ नीलम सहनी आदि ने भाग लिया.
कैथेटर से अरेदमिया का स्थायी इलाज : डॉ आदित्य
पारस एचएमआरआइ अस्पताल में इपीएस व आरएफए कार्यशाला लगायी गयी. इसमें संजय गांधी पीजीआइ, लखनऊ के ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ आदित्य कपूर ने 65 वर्षीय मरीज आनंद कुमार शाही को सीआरडी लगा कर वीटी नामक अरेदमिया रोग का इलाज किया. कैथेटर से इसका स्थायी इलाज होता है. उन्होंने बताया कि हृदय की अनियमित चाल को अरदेमिया कहा जाता है. वैज्ञानिक सत्र में मुंबई के डॉ अमित बोरा ने बताया कि एएफ मरीजों को खून पतला करने की दवा जीवन र्पयत खानी चाहिए. वैज्ञानिक सत्रों की अध्यक्षता कार्डियोलॉजिस्ट डॉ आरके अग्रवाल, डॉ यूसी सामल, डॉ एसएस चटर्जी एवं एम्स के कार्डियक सजर्न डॉ संजीव कुमार ने की. मौके पर डॉ हरेंद्र कुमार, डॉ प्रमोद कुमार, डॉ वीपी सिंह, डॉ नीरज कुमार, डॉ निशांत त्रिपाठी, डॉ बीबी भारती, डॉ बीके ठाकुर, डॉ सुरेंद्र सिंह, डॉ प्रेम कुमार आदि उपस्थित थे.