बाढ़ का कहर. नीतीश ने किया हवाई सर्वे
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राहत में कोई कोताही बरदाश्त नहीं : सीएम
बाढ़ का कहर. नीतीश ने किया हवाई सर्वे नेपाल की तराई में भारी वर्षा के करण उत्तर बिहार के 10 जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गयी है. बाढ़ से अब तक 22 लोगों की माैत हो चुकी है. लगभग 18 लाख लोग बाढ़ की चपेट में आ गये हैं. इसमें 1630 गांवों के […]
नेपाल की तराई में भारी वर्षा के करण उत्तर बिहार के 10 जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गयी है. बाढ़ से अब तक 22 लोगों की माैत हो चुकी है. लगभग 18 लाख लोग बाढ़ की चपेट में आ गये हैं. इसमें 1630 गांवों के 49 प्रखंड शामिल हैं.
पूर्णिया / पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को सीमांचल के बाढ़ग्रस्त इलाके का हवाई सर्वेक्षण किया. हवाई सर्वेक्षण के बाद सीएम ने पूर्णिया प्रमंडल के चाराें जिलों के डीएम व एसपी के साथ बैठक कर दिशा-निर्देश दिये. जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री श्री कुमार ने हवाई सर्वे के दौरान जो कुछ देखा, उस बाबत अधिकारियों को जानकारी दी और उनसे वस्तुस्थिति का जायजा लिया. मुख्यमंत्री श्री कुमार ने अधिकारियों को स्पष्ट तौर पर कहा कि बाढ़ की वजह से जो लोग पीड़ित हैं, उन्हें हर हाल में राहत पहुंचाया जाये. चेतावनी भी दी कि इसमें किसी भी प्रकार की कोताही बरदाश्त नहीं की जायेगी.
उन्होंने अधिकारियों को इस बाबत कई आवश्यक निर्देश दिये.
लगभग डेढ़ घंटे तक चली बैठक के बाद आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने बताया कि किशनगंज जिले में जल स्तर घटता जा रहा है, जबकि पूर्णिया और अररिया में स्थिति गंभीर बनी हुई है.
इससे मुख्यमंत्री विमान से दोपहर लगभग एक बजे चूनापुर सैन्य हवाई अड्डे पर उतरे, जहां पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने के बाद वे पहले से तैयार हेलीकॉप्टर से हवाई सर्वे करने के लिए 1:25 बजे रवाना हुए. वे हवाई सर्वे के बाद लगभग तीन बजे चूनापुर एयरपोर्ट पर
राहत में कोई…
लौटे. बैठक में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह के अलावा आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी, पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत के अलावा अन्य आलाधिकारी भी मौजूद थे. वहीं बैठक में किशनगंज के सांसद मौलाना असरारूल हक और धमदाहा विधायक लेसी सिंह भी मौजूद थीं. मुख्यमंत्री का स्वागत मेयर विभा कुमारी और डिप्टी मेयर संतोष कुमार यादव समेत पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने किया. शाम लगभग पांच बजे मुख्यमंत्री हवाई जहाज से पटना के लिए प्रस्थान कर गये.
पूिर्णया में की समीक्षा बैठक
सीमांचल के चार जिलों का हवाई सर्वे करते सीएम नीतीश कुमार.
कटिहार में उतरी सेना, बगहा शहर में घुसा पानी, पूर्णिया व सुपौल में डूबने से तीन की मौत
बगहा में बाढ़ के पानी में िघरे मंझरिया गांव में केले के थम पर खाना बनाती महिला.
भागलपुर/बगहा : उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है. कटिहार, किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, सहरसा, सुपौल व मधेपुरा के सैकड़ों गांवों में पानी फैलने से लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं. कटिहार के कदवा में बांध काटने के बाद नये इलाके में तेजी से पानी फैल रहा है. गंभीर स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन की पहल पर सेना के 200 जवानों को राहत व बचाव कार्य में लगाया गया है. एसडीआरएफ की टीम पहले से ही बचाव कार्य में लगी है.
गुरुवार को पूर्णिया व सुपौल में डूबने से तीन लोगों की मौत हो गयी. मोहनपुर ओपी के रही टोला के दो बच्चों की मौत बाढ़ के पानी में डूबने से हो गयी. दोनों सुबह शौच के लिए गांव के बाहर सड़क पर बने कलवर्ट के पास गये थे. पूर्णिया के अमौर में बाढ़ राहत कार्य का जायजा लेने के लिए निकले मुखिया की नाव पलट गयी. स्थानीय लोगों के सहयोग से सभी को बाहर निकाला गया. सहरसा के नवहट्टा में बाढ़ग्रस्त इलाके का दाौरा कर लौटने के क्रम में कोसी की तेज धार में सीओ व अन्य अधिकारियों की नाव फंस गयी. चालक की सूझबूझ से नाव को सुरक्षित एकाढ़ घाट पा लाया गया. सहरसा
कटिहार में उतरी…
के सिमरी बख्तियारपुर में कोसी के कटाव से बागेवा गांव का अस्तित्व खतरे में है. अब तक ढाई दर्जन से अधिक घर नदी में विलीन हो चुके हैं. मधेपुरा में सुरसर नदी का तांडव जारी है. नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण सैकड़ों एकड़ में लगी फसल बरबाद हो चुकी है.
सुपौल के किसनपुर, सरायगढ़, निर्मली, मरौना, बसंतपुर, राघोपुर की दर्जनों पंचायत के सैकड़ों गांवों का जनजीवन अस्त-व्यस्त है. निर्मली व मरौना प्रखंड की अधिकांश आबादी तिलयुगा नदी के उफान से प्रभावित है. एक तरफ जहां निर्मली अनुमंडल क्षेत्र के सिसौनी, बड़हारा, घोघड़रिया का क्षेत्र कोसी नदी के आगोश में बैठी है. वहीं, हड़री, गनौरा, परसौनी, परिकोंच, कोनी का इलाके को तिलयुगा नदी ने झकझोर कर रख दिया है. हालांकि, तिलयुगा नदी की स्थिति थोड़ा नरम होती दिख रही है, इसके बावजूद कई गांवों में बाढ़ का दबदबा बना हुआ है.
कटिहार में बुधवार को बेलगच्छी-झौआ-महानंदा के दायें तटबंध को कुरसेला व कचोरा के बीच बिंदाबाड़ी गांव के पास काटे जाने के बाद गुरुवार को बाढ़ का पानी कदवा, डंडखोरा व प्राणपुर प्रखंड के सैंकड़ों गांवों में प्रवेश कर गया. इन प्रखंडों से जिला मुख्यालय व पश्चिम बंगाल से सड़क संपर्क भी भंग हो गया है. गंभीर स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने राहत व बचाव कार्य के लिए मिलिट्री स्टेशन के सेना के 200 जवान को कदवा व बलरामपुर में है.
सेना के जवानों ने अब तक 400 से अधिक बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकाला है. इधर बिंदाबाड़ी में तटबंध काटने के बाद स्थानीय लोग अब शिवगंज के पास तटबंध को काटने के फिराक में हैं. दंडाधिकारी के रूप में तैनात डीआरडीए के निदेशक राम निरंजन सिंह ने शिवगंज के पास तटबंध काटने की आशंका व्यक्त करते हुये बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल को अलर्ट कर दिया है. बांध पर सशस्त्र बलों की तैनात की गयी है.
किशनगंज में मीरभिट्टा पुल, पवना पुल पर पानी का दबाव होने के बाद प्रशासन ने एनएच 327इ पर बड़े वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दिया है. इसके अलावा किशनगंज-बहादुरगंज पथ पर भी मौजाबाड़ी पुल पर दबाव के कारण वाहनों का आवागमन बंद है. कोढ़ोबाड़ी थाना का संपर्क दिघलबैंक प्रखंड मुख्यालय से टूट गया है. दिघलबैंक प्रखंड के पश्चिमी क्षेत्र हाड़ीभिट्टा, सिंघीमारी, लौहागाड़ी मंदिर टोला, लौहागाड़ा, पलसा, फूलवाड़ी, तालगाछ, लक्षमीपुर, वृंदावन, हल्दावन, लक्ष्मीपुर, तालगाछ कामत टोला, सतकौआ, दोगिरजा आदि गांवों की 50 हजार आबादी बाढ़ की चपेट में है.
सिंघीमारी-तालगाछ रोड के उपर पानी बह रहा है.
पूर्णिया के अमौर, बायसी में स्थिति गंभीर है. अमौर प्रखंड क्षेत्र से हो कर बहने वाली महानंदा, कनकई, दास, परमान व बकरा नदी के जलस्तर में वृद्धि का गुरुवार को भी जारी रहा. करीब एक सप्ताह से फैले बाढ़ के कारण कई कच्चे व पक्के मकान अब गिरने लगे हैं. एनएच 31 से पानी उतरते ही बायसी प्रखंड के चारो ओर पानी ही पानी दिखाई देता है. एनएच के निकटवर्ती गांव कौआनगर ,पानी सदरा, हिजला,
शादीपुर बुतहा, चरैया, सठियारा, नवाबगंज, डंगराहा, गांगर आदि गांव में पानी ही पानी दिखाई पड़ रहा है. यदि किसी घर में पानी नहीं भी गया है तो लोगों का आवागमन का रास्ता बंद पड़ा है. लोग एनएच या फिर विद्यालयों में बने शिविरों में पनाह लिए हुए है.जबकि चटांगी हाट,पुरानागंज,बनगामा मड़वा,मजलिसपुर,खुटिया,सुढ़ीगांव,फूटानी हाट,मिलिक टोला,चहट आदि गांवों में सैलाब ही सैलाब नजर आ रहा है.
अररिया में गुरुवार को बाढ़ पीड़ितों ने शहर से गुजरने वाले एनएच 57 को स्टेशन जाने वाली सड़क के समीप जाम कर दिया. वहीं नरपतगंज में सुरसर के पास बाढ़ पीड़ितों ने बथनाहा-बीरपुर मार्ग को जाम कर प्रदर्शन किया. सभी जगहों पर बाढ़ पीड़ितों का यही कहना था कि जिस तरह प्रशासन को बाढ़ पीड़ितों को राहत मुहैया कराने में प्रयास करना चाहिए, वह नहीं हो रहा है.
बगहा शहर पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.
गंडक का पानी सुरक्षा बांध तोड़ कर बुधवार की देर रात दर्जनों मुहल्लों में प्रवेश कर रहा है. बाढ़ का पानी बगहा से पुअर हाउस जाने वाले मुख्य सड़क को तोड़ते हुए मुहल्ले में प्रवेश कर गया है. जिससे आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है.बांध टूटने के खबर गुरुवार की सुबह बगहा में जंगल की आग की तरह फैल गयी. सैकड़ों की संख्या में लोग बांध देखने पहुंच गये. शहर में बाढ़ का पानी प्रवेश करने से लोगों में अफरा-तफरी का माहौल कायम रहा.
रात भर परिवार के सदस्य जाग कर अपनी जान-माल की सुरक्षा में लगे रहे.गंडक पार के दियारे में दर्जनों पंचायत के सैकड़ों गांव पानी में डूबे हुए हैं. लोगों की स्थिति खराब होती जा रही है. घर में पानी लगा होने के कारण बाढ़ में फंसे लोग खाना भी नहीं बना पा रहे हैं. 36 घंटा गुजर जाने के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई राहत बाढ़ पिड़ितो को नहीं मिल सका है. ग्रामीणों का कहना है कि यहां से निकलने के लिए नाव भी नहीं उपलब्ध कराया गया.
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