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वीर कुंवर सिंह कॉलेज के पूर्व प्राचार्य श्रीराम ओझा समेत पांच पर केस दर्ज

पटना : निगरानी एक के विशेष जज राघवेंद्र कुमार सिंह की अदालत ने निगरानी में वीर कुंवर सिंह कॉलेज, आरा के तत्कालीन प्राचार्य श्रीराम ओझा समेत पांच लोगों के खिलाफ लाखों रुपये के गबन व प्रशासनिक अनियमितता का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है. निगरानी ने उक्त मामला भादवि की धारा 406, 409 , […]

पटना : निगरानी एक के विशेष जज राघवेंद्र कुमार सिंह की अदालत ने निगरानी में वीर कुंवर सिंह कॉलेज, आरा के तत्कालीन प्राचार्य श्रीराम ओझा समेत पांच लोगों के खिलाफ लाखों रुपये के गबन व प्रशासनिक अनियमितता का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है.
निगरानी ने उक्त मामला भादवि की धारा 406, 409 , 420, 467, 468, 471, 120 बी व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं में दर्ज किया है. उक्त मामला कॉलेज के पूर्व प्राचार्य कुमार शंकर सिंह की आेर से पांच मई 2015 को दिये गये शिकायत पत्र के आधार पर निगरानी ने 21 जुलाई, 2016 को दर्ज किया है. मामले में श्रीराम ओझा के अलावा तत्कालीन कार्यवाहक प्राचार्य परमहंस तिवारी, सचिव त्रिभुवन सिंह व सुरेंद्र सिंह और कॉलेज के सहायक अवधेश कुमार को भी अभियुक्त बनाया गया है. निगरानी ने प्रारंभिक जांच में पाया कि उक्त विद्यालय में वर्ष 2005 से लेकर वर्ष 2010 के बीच बड़े पैमाने पर वित्तीय गड़बड़ी एवं प्रशासनिक अनियमितता पायी गयी.
आपसी षड्यंत्र कर किया पद का दुरुपयोग : अभियुक्तों ने आपसी षड्यंत्र कर पद का दुरुपयोग करते हुए व्याख्याताओं एवं शिक्षकेतर कर्मियों की अनुदान राशि में गबन कर लाखों रुपये के राजस्व की क्षति पहुंचायी है. वर्ष 2005-10 के बीच जहां 15 शिक्षकों की अनुदान राशि देनी थी, वहां पर 24 शिक्षकों को अनुदान राशि दी गयी. इसी तरह, वर्ष 2005-10 के बीच 19 शिक्षकेतर कर्मियों को अनुदान मिलना था, लेकिन अभियुक्तों ने उसकी जगह 26 को राशि का भुगतान किया. अनुदान राशि में कम राशि बांट कर सरकारी दिशा-निर्देश का प्रतिकूल मनमाने तौर पर वितरित किया गया. आंतरिक निधि से भी बड़ी राशि निकाली गयी थी.

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