Advertisement
आइएएस अफसर जितेंद्र गुप्ता को नहीं मिला बेल
पटना : कैमूर जिले के मोहनिया के निलंबित एसडीएम व आइएएस अधिकारी डॉ जितेंद्र गुप्ता को जमानत नहीं मिल पायी है. निगरानी एक के विशेष जज राघवेंद्र कुमार सिंह की अदालत ने शुक्रवार को उनकी नियमित जमानत अर्जी खारिज कर दी. 2013 बैच के आइएएस अफसर डॉ जितेंद्र गुप्ता को 12 जुलाई को एक ट्रकचालक […]
पटना : कैमूर जिले के मोहनिया के निलंबित एसडीएम व आइएएस अधिकारी डॉ जितेंद्र गुप्ता को जमानत नहीं मिल पायी है. निगरानी एक के विशेष जज राघवेंद्र कुमार सिंह की अदालत ने शुक्रवार को उनकी नियमित जमानत अर्जी खारिज कर दी.
2013 बैच के आइएएस अफसर डॉ जितेंद्र गुप्ता को 12 जुलाई को एक ट्रकचालक से 80 हजार रुपये घूस लेने के आरोप में निगरानी की टीम ने गिरफ्तार किया था. निगरानी के विशेष कोर्ट में उनकी जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान डॉ जितेंद्र गुप्ता
की ओर से पटना हाइकोर्ट के वरीय अधिवक्ता व पूर्व मंत्री पीके शाही ने बहस की. उन्होंने कहा कि उन्हें एक साजिश के तहत फंसाया गया है. निगरानी ने पुलिस प्रशासन के उच्च पदाधिकारियों के प्रभाव में आकर उनको गिरफ्तार कर मामला दर्ज किया है.
अभियोजन पक्ष की तरफ से विशेष लोक अभियोजक विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि डॉ जितेंद्र गुप्ता के खिलाफ अनेक साक्ष्य उपलब्ध हैं और उनके पास से ही 80 हजार रुपये व संबंधित गाड़ी के कागजात बरामद हुए थे. उन्होंने जमानत देने का पुरजोर विरोध किया.
गौरतलब है कि विशेष अदालत ने 15 जुलाई को इस मामले में निगरानी से केस डायरी व साक्ष्य पत्र तलब किया था.
बचाव पक्ष ने अपने आवेदन में कहा है कि आरोपित को कैमूर की एसपी ने एक साजिश के तहत ट्रक ड्राइवरों से षड्यंत्र करके फंसाया है. फंसाने का कारण यह था कि आरोपित ने एक पत्र के माध्यम से यह निर्देश दिया था कि ट्रक की जांच करने व तलाशी लेने का अधिकार पुलिस को नहीं है. उसी पत्र के आलोक में एसपी ने दुर्भावना से प्रेरित होकर इनको फंसाने का काम किया. वहीं, निगरानी के विशेष लोक अभियोजक विजय कुमार सिन्हा ने जमानत आवेदन का पुरजोर विरोध किया. उभय पक्षों को सुनने के बाद विशेष अदालत ने जमानत आवेदन को खारिज कर दिया.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement