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मरीज की मौत पर हंगामा
सड़क दुर्घटना में हुआ था जख्मी पटना सिटी : सड़क दुर्घटना में जख्मी की उपचार के दौरान हुई मौत पर सोमवार को परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा. आक्रोशित परिजनों और परिचितों ने इलाज में कोताही का आरोप लगा कर इमरजेंसी में तोड़-फोड़ की और चिकित्सकों से हाथापाई की. हालांकि, सूचना पाकर मौके पर पहुंची आलमगंज […]
सड़क दुर्घटना में हुआ था जख्मी
पटना सिटी : सड़क दुर्घटना में जख्मी की उपचार के दौरान हुई मौत पर सोमवार को परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा. आक्रोशित परिजनों और परिचितों ने इलाज में कोताही का आरोप लगा कर इमरजेंसी में तोड़-फोड़ की और चिकित्सकों से हाथापाई की. हालांकि, सूचना पाकर मौके पर पहुंची आलमगंज थाने की पुलिस ने आक्रोशित परिजनों को समझा-बुझा कर शांत कराया.
साथ ही शव को पोस्टमार्टम के लिए नालंदा मेडिकल कॉलेज भेजा.
यातायात पुलिस ने कराया था भरती : आलमगंज थाना क्षेत्र के भद्र घाट कुंज गली निवासी 50 वर्षीय रूदल प्रसाद साव ( कबाड़ी का काम करनेवाला) सोमवार की सुबह लगभग सात बजे साइकिल से जाने के क्रम में जीरो माइल पहाड़ी के समीप ट्रक के धक्के से जख्मी हो गया. यातायात थाने की पुलिस ने जख्मी को एनएमसीएच के इमरजेंसी में भरती कराया. साथ ही परिजनों को भी सूचना दी. सूचना पाकर परिजन अस्पताल भी पहुंचे. उसके पांव में प्लास्टर किया गया था. इलाज के क्रम में ही उसकी मौत हो गयी.
फूटा गुस्सा, तोड़-फोड़ व हंगामा : लगभग 11 बजे इलाज के क्रम में ही उसकी तबीयत बिगड़ गयी और रूदल प्रसाद की मौत हो गयी. मौत के बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा. आक्रोशित परिजनों ने आॅपरेशन थियेटर, पैथोलॉजी, नर्स रूम व ड्रेसिंग रूम के दरवाजे व खिड़की में लगे शीशे को तोड़ दिया.
ड्रेसिंग रूम में एक मरीज की ड्रेसिंग कर रहे पीजी स्टूडेंट के साथ धक्का-मुक्की व हाथापाई की गयी. हंगामा बढ़ता देख अस्पताल अधीक्षक डॉ आनंद प्रसाद सिंह ने इसकी सूचना आलमगंज थाने को दी. सूचना पर पहुंची गश्ती दल ने आक्रोशित परिजनों को समझा-बुझा कर शांत कराया और शव को पोस्टमार्टम के लिए यातायात पुलिस के सहयोग से भेजवाया.
दर्ज होगी प्राथमिकी
अस्पताल अधीक्षक डॉ आनंद प्रसाद सिंह का कहना है कि परिजनों ने चिकित्सकों की ओर से इलाज में लापरवाही का जो आरोप लगाया है, वह बेबुनियाद है. दुर्घटना में रूदल गंभीर तौर पर जख्मी था. उसे नर्स से लेकर पैथोलॉजी तक की व्यवस्था चिकित्सकों ने मुहैया करायी थी. ब्लड चढ़ाया जाना था. लेकिन, स्थिति गंभीर होने पर उसकी मौत हो गयी. इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी.
नया नहीं है अस्पताल में हंगामा
नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बेहतर उपचार मिले, इसी उम्मीद में मरीज अस्पताल में आते है. लेकिन, चिकित्सकों की उपेक्षा के कारण अक्सर मरीज की मौत व इलाज में कोताही को लेकर हंगामा होता है. महज आठ दिन पहले ही दस जुलाई को भी इमरजेंसी में भरती महिला व अधेड़ की मौत पर परिजनों ने हंगामा मचाया था, जबकि उसी दिन शाम में मेडिसिन विभाग में भी भरती एक मरीज की मौत के बाद परिजनों ने आक्रोश जताते हुए हंगामा किया था.
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