पटना : हिंसा से पीड़ित महिलाओं को एक छत के नीचे सारी सुविधाएं मिलने का इंतजार खत्म होने वाला है. महिला विकास निगम द्वारा लंबित योजनाएं मॉडल हेल्पलाइन और वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर के लिए भवन चयन का काम पूरा कर लिया गया है. शनिवार को महिला विकास निगम की टीम ने प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण किया. ये दोनों सेंटर छज्जुबाग स्थित एसडीओ क्वार्टर के समीप के आवासीय परिसर में खोले जायेंगे. अगस्त के दूसरे सप्ताह में मॉडल हेल्पलाइन और वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर काम करने लगेगा.
भवन चयन में लग गया एक वर्ष
बीते सात समाज कल्याण विभाग की ओर से पटना समेत पांच जिले में ‘मॉडल हेल्पलाइन’ बनाया जाना था. इसकी जिम्मेदारी महिला विकास निगम को दी गयी थी. लेकिन, भवन चयन करने में एक वर्ष का समय लग गया. इस मॉडल हेल्पलाइन में हिंसा से पीड़ित महिलाएं न केवल अपना इलाज करा सकेंगी, बल्कि वहां कानूनी संरक्षण भी पा सकेंगी. इसके लिए संबंधित जिला पदाधिकारी द्वार एक हजार वर्ग फुट भवन की मांग की गयी थी.
कई बार समाहरणालय और नियोजन भवन में इस खोलने की बात कही गयी, पर फाइनल स्वीकृति नहीं मिल सकी. इसके लिए विभाग से प्रति हेल्पलाइन 10 लाख का बजट है. पटना जिले मॉडल हेल्पलाइन का बजट 30 लाख 32 हजार होगा. अन्य जिले का बजट 19 लाख 68 हजार है. महिला विकास निगम के परियोजना निदेशक रूपेश कुमार ने बताया किमॉडल हेल्पलाइन से किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं को तत्काल राहत मिल सकेगी. भवन चयन का काम पूरा कर लिया गया है.
ये होंगे फायदे
हिंसा से पीड़ित महिलाओं को तत्काल मदद मिलेगी
शारीरिक व मानसिक इलाज की व्यवस्था
काउंसेलरों की मदद से हादसे से उबर सकेंगी
दुष्कर्म पीड़िता को तुरंत मेडिकल व फोरेंसिक जांच होने का प्रमाण
पीड़िता को एफआइआर दर्ज कराने में आसानी
वकील कानूनी प्रक्रिया की पूरी जानकारी देंगे
ये होंगी सुविधाएं
हेल्पलाइन सेंटर में पीड़िता का इलाज के साथ उसे मनोवैज्ञानिक कानूनी परामर्श की सहायता प्रदान की जायेगी. इस सेंटर में डॉक्टर, काउंसेलर, वकील, पुलिस अधिकारी व जेंडर परामर्शी भी होंगे. यह सेंटर सफाई व हेल्पर कर्मचारी के साथ-साथ आधारभूत संरचनाओं से लैस होगा. यहां टेलीफोन, इंटरनेट व फोटो कॉपी आदि की व्यवस्था होगी.