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बाढ़ में संकटग्रस्त लोगों को बचाने के लिए तैयार हुआ नजरी नक्शा

तीन हजार जगहों पर बनेगा सेंटर पटना : ज्य में बाढ़ के दौरान राहत और बचाव के लिए आपदा प्रबंधन विभाग की तैयारी शुरू हो गया है. बाढ़ में फंसे लोगों को राहत के लिए विभाग ने जमुई और रोहतास को छोड़कर सभी जिलों में नजरी नक्शा बनाया है. नजरी नक्शा के माध्यम से सभी […]

तीन हजार जगहों पर बनेगा सेंटर
पटना : ज्य में बाढ़ के दौरान राहत और बचाव के लिए आपदा प्रबंधन विभाग की तैयारी शुरू हो गया है. बाढ़ में फंसे लोगों को राहत के लिए विभाग ने जमुई और रोहतास को छोड़कर सभी जिलों में नजरी नक्शा बनाया है. नजरी नक्शा के माध्यम से सभी जिलों में बाढ़ के दौरान बचाव और राहत के लिए लगभग तीन हजार से अधिक ऊंचे जगहों की पहचान की गयी है.
ताकि लोगों को बाढ़ की आपदा के दौरान ऐसे सुरक्षित जगहों पर आसानी से पहुंचाया जा सके. इस साल आमतौर पर बाढ़ नहीं आने वाले जिले गया में एक, बक्सर में 40, कैमूर में तीन और औरंगाबाद में भी 11 पनाहगाह चिह्निंत किये हैं. इन जिलों में आमतौर पर बाढ़ नहीं आती है. जिलों में ऊंचे जगहों की पहचान के काम पूरा होने की जानकारी देते हुए विभागीय अधिकारी ने बताया कि सबसे अधिक कटिहार में 324 स्थान तय किये गये हैं.
पू. चंपारण में 250, मधुबनी में 223, सीवान में 244, अररिया में 209, बांका में 36, बेगूसराय में 65, भागलपुर में 140, खगड़िया में 128, मधेपुरा में 96, लखीसराय में 116, किशनगंज में 113, जहानाबाद में 52, गोपालगंज में 34, अरवल में 30, पूर्णिया में 184, नालंदा में 216, सहरसा में 125, समस्तीपुर में 93, प.चंपारण में 61, पटना 90, सारण में 79 और वैशाली में 20 कैंप स्थल का पहचान किया जा चुका है.
आपदाग्रस्त लोगों की मदद के लिए अनाज के भंडारण के लिए गोदामों की पहचान कर ली गयी है. दियासलाई से लेकर चुरा-गूड़ और दवा तक के लिए जिलों में टेंडर कर दिया गया है. जिलों में ऊंचे जगहों की पहचान के बाद अब बाढ़ के दौरान संकटग्रस्त लोगों की पहचान की जा रही है. बाढ़ के दौरान राहत और बचाव की सबसे पहले जरूरत होगी. अब हर सप्ताह क्राइिसस मैनेजमैंट ग्रुप की बैठक में सुखाड़ की तैयारी की जायजा लेने के बाद बाढ़ की तैयारी की भी समीक्षा की जायेगी.
समूहों की हुई पहचान
अधिकांश जिलों में संकटग्रस्त समूहों की पहचान कर ली गयी है. जहां पहचान का काम पूरा नहीं हुआ है, उसे जल्द ही पहचान कर लिया जायेगा. खासकर गर्भवती महिलाओं और बच्चों की सूची आंगनबाड़ी केंद्रों से प्राप्त किया जा रहा है. आपदा के समय बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मेडिकल टीम को सौंप दिया जायेगा, ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो.
व्यास जी, प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन िवभाग

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